बेंगलुरु-कोच्चि एअर इंडिया एक्सप्रेस उड़ान में इंजन में आग, आपातकालीन लैंडिंग
एअर इंडिया एक्सप्रेस उड़ान IX 1132 में इंजन में लगी आग
18 मई 2024 को बेंगलुरु से कोच्चि जा रही एअर इंडिया एक्सप्रेस की उड़ान IX 1132 को टेकऑफ के कुछ देर बाद ही इंजन में आग लगने की वजह से केम्पेगौड़ा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर आपातकालीन लैंडिंग करनी पड़ी। उड़ान में 179 यात्री और 6 चालक दल के सदस्य सवार थे।
जैसे ही दाहिने इंजन से आग की लपटें निकलती देखी गईं, चालक दल ने तुरंत यात्रियों को निकालने की प्रक्रिया शुरू कर दी ताकि सभी की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। सौभाग्य से सभी यात्रियों और चालक दल को बिना किसी चोट के सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया।
एअर इंडिया एक्सप्रेस ने कहा है कि वे प्रभावित यात्रियों को जल्द से जल्द उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए वैकल्पिक उड़ानों का इंतजाम कर रहे हैं। यात्रियों की सुविधा के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है।
दिल्ली में भी एअर इंडिया की उड़ान में लगी थी आग
यह घटना हाल ही में दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर एअर इंडिया की दिल्ली-बेंगलुरु उड़ान संख्या 807 में एसी यूनिट में आग लगने की घटना के बाद हुई है। उस घटना में भी उड़ान को सुरक्षित लैंड करा लिया गया था और किसी के हताहत होने की सूचना नहीं थी।
इंजन में आग लगने से हो सकता था बड़ा हादसा
विमान के इंजन में आग लगना एक गंभीर स्थिति है जो यात्रियों और चालक दल के जीवन को खतरे में डाल सकती है। ऐसे में चालक दल की सतर्कता और त्वरित कार्रवाई ने एक बड़े हादसे को टालने में अहम भूमिका निभाई।
विमानन सुरक्षा के मानकों और प्रोटोकॉल को बेहद गंभीरता से लिया जाना चाहिए। विमान के रखरखाव और नियमित जांच पर विशेष ध्यान देने की ज़रूरत है ताकि ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
जांच के आदेश, सुरक्षा सर्वोपरि
एअर इंडिया एक्सप्रेस ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं ताकि इंजन में आग लगने के सही कारणों का पता लगाया जा सके। साथ ही कंपनी ने कहा है कि यात्रियों और चालक दल की सुरक्षा उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है।
हवाई यात्रा को और अधिक सुरक्षित बनाने के लिए नागरिक उड्डयन मंत्रालय और डीजीसीए को भी सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है। विमानन कंपनियों को भी अपने विमानों और उपकरणों के रखरखाव में किसी तरह की लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए।
यात्रियों में दहशत, लेकिन राहत भी
इस खतरनाक घटना ने उड़ान में सवार यात्रियों के दिलों में दहशत पैदा कर दी थी। लेकिन जब उन्हें सुरक्षित बाहर निकाला गया तो उन्हें काफी राहत महसूस हुई। उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करना चालक दल और हवाईअड्डे के कर्मचारियों की प्राथमिकता थी।
यह घटना एक बार फिर हवाई यात्रा से जुड़े जोखिमों को उजागर करती है। लेकिन साथ ही यह चालक दल और जमीनी स्टाफ के प्रशिक्षण और तत्परता का भी प्रमाण है जिन्होंने एक बड़ी त्रासदी होने से रोका।
कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि इस घटना से हवाई यात्रा की सुरक्षा को और मजबूत करने की आवश्यकता पर प्रकाश पड़ता है। सभी हितधारकों को मिलकर काम करना होगा ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को टाला जा सके और हवाई यात्रा को सुरक्षित और भरोसेमंद बनाया जा सके।