भारतीय तट रक्षक महानिदेशक राकेश पाल का निधन: दिल का दौरा पड़ने से चेन्नई में निधन
भारतीय तट रक्षक के महानिदेशक राकेश पाल का दिल का दौरा पड़ने से निधन
अत्यंत दु:खद समाचार है कि भारतीय तट रक्षक के महानिदेशक राकेश पाल का चेन्नई में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वह रविवार को 59 वर्ष की आयु में इस दुनिया को अलविदा कह गए। पाल चेन्नई में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की यात्रा की तैयारियों के समन्वय में शामिल थे, जब यह हृदयविदारक घटना घटी।
यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना उस समय हुई जब राकेश पाल INS अडयार में अधिकारीयों के साथ चर्चा कर रहे थे। अचानक छाती में दर्द की शिकायत के बाद उन्हें तेजी से राजीव गांधी सरकारी सामान्य अस्पताल (RGGGH) ले जाया गया। अस्पताल में उनकी स्थिति गंभीर थी और तमाम चिकित्सा प्रयासों के बावजूद, उन्होंने शाम 7 बजे अंतिम सांस ली।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने उनको अस्पताल में पहुंचकर श्रद्धांजलि अर्पित की। राकेश पाल ने जुलाई 2023 में भारतीय तट रक्षक के 25वें महानिदेशक के रूप में पदभार ग्रहण किया था। उनका दीर्घकालिक सेवा काल 1989 में भारतीय तट रक्षक के साथ जुड़ने से शुरू हुआ और उन्होंने 35 वर्षों तक अपनी समर्पित सेवाएँ दी।
राकेश पाल का विशिष्ट करियर और योगदान
राकेश पाल ने अपना करियर जनवरी 1989 में भारतीय तट रक्षक के साथ शुरू किया और भारतीय नौसैनिक अकादमी के अलुमनस थे। अपने 35 वर्ष लम्बे करियर में, उन्होंने अनेक महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया, जिनमें कमांडर ऑफ कोस्ट गार्ड रीजन (उत्तर पश्चिम) गांधीनगर, उप महानिदेशक (नीति और योजना), और अतिरिक्त महानिदेशक का दायित्व निभाया। उन्होंने कई ICG जहाजों और गुजरात में दो तट रक्षक बेस पर कमांड की भूमिका अदा की।
उनकी सेवाओं को सराहा गया और उन्हें 2013 में तटरक्षक पदक तथा 2018 में राष्ट्रपति तटरक्षक पदक से सम्मानित किया गया।
इस दुखद समय में, उनके पार्थिव शरीर को दिल्ली लाने की तयारी की जा रही है, जहां उनके परिवार और साथी अधिकारी अंतिम श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। भारतीय तट रक्षक बल के लिए यह एक अपूरणीय क्षति है और उनकी यादें सदैव जीवित रहेंगी।
भारतीय तट रक्षक बल में योगदान
राकेश पाल के नेतृत्व में भारतीय तट रक्षक बल ने कई महत्वपूर्ण मिशनों का सफर तय किया। उनके नेतृत्व में उत्तरी पश्चिमी क्षेत्र में सुरक्षा मानक सुधरे और समुद्री आपातकालीन सेवाओं को मजबूत किया गया। उन्होंने कई अंतर्राष्ट्रीय समिट्स और समन्वय बैठकों में भारत की ओर से प्रतिनिधित्व किया।
उनकी रणनीतिक नीतियों ने देश की समुद्री सीमाओं की सुरक्षा को नई ऊँचाइयों पर पहुँचाया। पाल द्वारा संचालित अभियानों ने कई तस्करी और अवैध गतिविधियों पर अंकुश लगाया, जिससे भारतीय तट रक्षक बल की विश्वसनीयता में इजाफा हुआ।
राकेश पाल ने अपने पूरे करियर में हमेशा सुरक्षा, समर्पण और निष्ठा को प्राथमिकता दी। उनके नेतृत्व में तट रक्षक बल ने न केवल भारतीय समुद्री सीमाओं की सुरक्षा को मजबूत किया, बल्कि विश्व मंच पर भारतीय तट रक्षक बल की साख को भी बढ़ाया।
व्यक्तिगत जीवन और आदर्श
राकेश पाल न केवल एक उत्कृष्ट पेशेवर थे, बल्कि एक आदर्श नागरिक और व्यक्ति भी थे। उन्होंने अपने निजी और पेशेवर जीवन में संतुलन बनाए रखा और सदैव अपने कर्तव्यों का पालन पूरे मनोयोग के साथ किया।
उनके सहकर्मी और अधीनस्थ उन्हें एक प्रेरणास्त्रोत मानते थे। उनके नेतृत्व में काम करने वाले कई अधिकारी आज उच्च पदों पर आसीन हैं और उनके मार्गदर्शन को सराहते हैं।
राकेश पाल की मृत्यु भारतीय तट रक्षक बल के लिए एक बड़ी क्षति है, लेकिन उनकी योगदान और सेवाएँ सदैव याद की जाएंगी। देश के प्रति उनका योगदान अमूल्य है और उन्होंने हमेशा देशप्रेम को अपने जीवन का ध्येय माना।
इस दुखद समय में भारतीय तट रक्षक बल और उनके परिवार को शक्ति और साहस मिले, यही प्रार्थना है। राकेश पाल का योगदान न केवल भारतीय तट रक्षक बल, बल्कि पूरे देश के लिए प्रेरणादायक है। उनके द्वारा दिखाए गए मार्ग पर चलकर आने वाली पीढ़ियाँ भी देश सेवा में योगदान देंगी।