चक्रवात रेमल जल्द करेगा पश्चिम बंगाल और ओडिशा में दस्तक: समय और मौसम पूर्वानुमान जानें

चक्रवात रेमल जल्द करेगा पश्चिम बंगाल और ओडिशा में दस्तक: समय और मौसम पूर्वानुमान जानें

चक्रवात रेमल: पश्चिम बंगाल और ओडिशा के लिए खतरे की घंटी

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने नया मौसम पूर्वानुमान जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि बंगाल की खाड़ी में स्थित गहरा निम्नदबाव, चक्रवात रेमल, जल्द ही एक विकराल तूफान का रूप लेगा। इसकी प्रबलता को देखते हुए, पश्चिम बंगाल और ओडिशा के तटीय इलाकों में भारी बारिश और तेज हवाओं की संभावना है। यह चक्रवात 26 मई की रात को अपने पूर्ण रूप में पहुँचकर पश्चिम बंगाल और ओडिशा के तटों से टकरा सकता है।

चक्रवात की पूरी जानकारी

आईएमडी के अनुसार, चक्रवात रेमल फिलहाल बंगाल की खाड़ी में गहरे निम्नदबाव के रूप में मौजूद है, लेकिन मौसम विज्ञानियों का कहना है कि यह शीघ्र ही एक शक्तिशाली चक्रवाती तूफान का रूप धारण कर लेगा। इस तूफान के दौरान हवाओं की गति 110-120 किमी प्रति घंटे की रहेगी, जो कुछ समय के लिए 135 किमी प्रति घंटे तक भी जा सकती है। यह तेज हवाएं न केवल जनजीवन को प्रभावित करेंगी, बल्कि इससे बिजली की लाइनों, फसलों और बाग-बगीचों को भी नुकसान की आशंका है।

भावी परिस्थितियों पर आईएमडी की चेतावनी

आईएमडी ने पश्चिम बंगाल और ओडिशा के तटीय जिलों में 26 और 27 मई को अत्यधिक भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। इसके अलावा, उत्तर-पूर्व भारत के कुछ हिस्सों में भी 27 और 28 मई को भारी बारिश की संभावना है। इस बारिश के दौरान कम ऊंचाई वाले तटीय क्षेत्रों में स्थानीय बाढ़ का खतरा भी रहेगा। आईएमडी ने चेतावनी दी है कि पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के कम ऊंचाई वाले तटीय क्षेत्र 1.5 मीटर तक की तूफानी लहरों से प्रभावित हो सकते हैं।

मछुआरों और निवासियों के लिए सावधानी

मौसम विभाग ने मछुआरों को आगाह किया है कि वे 27 मई की सुबह तक बंगाल की खाड़ी के उत्तरी हिस्सों में न जाएं। इसके साथ ही, तट के पास रहने वाले लोगों को अपनी सुरक्षा के कदम उठाने, घरों के अंदर रहने और मौसम पूर्वानुमान का पालन करने की सलाह दी गई है।

रेड और ऑरेंज अलर्ट

आईएमडी ने पश्चिम बंगाल के दक्षिण और उत्तर 24 परगना जिलों के लिए 26 और 27 मई को रेड अलर्ट जारी किया है। इसके अलावा, कोलकाता, हावड़ा, नादिया, और पूर्व मेदिनीपुर जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। राज्य सरकार और केंद्रीय आपदा प्रबंधन टीमों को भी तैयार रहने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि किसी भी आपात स्थिति में लोगों की मदद की जा सके।

संभावित नुकसान और सावधानी

तूफान के चलते फसलों, बिजली के तारों और आसपास के बाग-बगीचों को भारी नुकसान होने की आशंका है। नदियों के जलस्तर में वृद्धि और भूमि कटाव की संभावनाओं को भी ध्यान में रखते हुए, पश्चिम बंगाल और ओडिशा में स्थित प्रशासनिक तंत्र पूरी तरह से अलर्ट पर है। इसके अलावा, प्रशासन ने संभावित प्रभावित क्षेत्रों में रह रहे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी है।

चक्रवात रेमल और जलवायु परिवर्तन

वैज्ञानिकों का मानना है कि जलवायु परिवर्तन के कारण चक्रवातों की तीव्रता और आवृत्ति में वृद्धि हो रही है। बंगाल की खाड़ी में तापमान बढ़ने के कारण चक्रवातों का निर्माण और तीव्र होना सामान्य हो गया है। इसी कारण चक्रवात रेमल भी इतनी तेजी से एक शक्तिशाली तूफान में बदल रहा है।

क्षेत्रीय तैयारियां और आपातकालीन व्यवस्थाएं

पश्चिम बंगाल और ओडिशा के साथ ही आसपास के क्षेत्रों में भी प्रशासन ने तैयारियां तेज कर दी हैं। राहत और बचाव दलों को तैनात किया गया है और सुरक्षित स्थानों पर लोगों को आश्रय देने की व्यवस्था की गई है। अस्पताल, स्कूल और सामुदायिक भवनों को अस्थायी राहत केंद्रों में बदल दिया गया है।

अंतिम सिफारिशें

आम जनता को सलाह दी गयी है कि वे अफवाहों पर विश्वास न करें और वास्तविक और प्रमाणित जानकारी के लिए आधिकारिक चैनलों का पालन करें। वे हानिकारक मेलों, नदियों, जलाशयों और तटीय क्षेत्रों से दूर रहें और समय-समय पर प्रशासन द्वारा जारी निर्देशों का पालन करें।