एनटीए के महा निदेशक सुभोध कुमार सिंह की जगह प्रदीप सिंह खरोला नियुक्त, नीट विवाद के बीच बड़ा बदलाव
एनटीए में महा निदेशक का बदलाव
राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) के महानिदेशक सुभोध कुमार सिंह को उनकी जिम्मेदारियों से हटाकर प्रदीप सिंह खरोला को नियुक्त किया गया है। यह बदलाव ऐसे समय पर हुआ है जब हाल ही में नीट-यूजी परीक्षा में 'पेपर लीक' और यूजीसी-नेट की परीक्षा रद्द करने जैसी घटनाएं सामने आई हैं। इस परिक्षण प्राधिकरण के शीर्ष नेतृत्व पर शिक्षा मंत्रालय की सख्त निगरानी है।
परिक्षा में अनियमितताओं का मुद्दा
नीट-यूजी परीक्षा में प्रश्न पत्र लीक होने के आरोपों के बाद, एनटीए पर गंभीर आरोप लगाए गए थे। इसके परिणामस्वरूप यूजीसी-नेट परीक्षा भी रद्द करनी पड़ी। परीक्षा संचालन में पारदर्शिता और निष्पक्षता बनाए रखने के लिए सरकार ने एक सात सदस्यीय समिति का गठन किया, जिसका नेतृत्व पूर्व इसरो प्रमुख के राधाकृष्णन कर रहे हैं। यह समिति सुनिश्चित करेगी कि भविष्य में ऐसा कोई विवाद न हो और परीक्षा का संचालन सुचारू और निष्पक्ष हो।
कानूनी कदम और सख्त नियम
सरकार ने परीक्षा में धोखाधड़ी और अनियमितताओं से निपटने के लिए सख्त कानून भी लागू किए हैं। इस नए कानून के तहत, दोषियों को 10 साल तक की सजा और 1 करोड़ रुपये तक का जुर्माना हो सकता है। यह कदम उठाकर सरकार ने स्पष्ट संदेश दिया है कि परीक्षा में किसी भी प्रकार की अनियमितता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
प्रदीप सिंह खरोला का योगदान
प्रदीप सिंह खरोला, जो कि इंडियन ट्रेड प्रमोशन ऑर्गनाइजेशन के चेयरमैन और एमडी हैं, को एनटीए के महानिदेशक के रूप में अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। उनके पास प्रशासनिक अनुभव का लंबा इतिहास है और उन्हें साफ-सुथरे प्रशासन के लिए जाना जाता है। खरोला के नेतृत्व में, उम्मीद की जा रही है कि एनटीए की कार्यशैली में काफी सुधार आएगा और यह संस्थान विवादों से मुक्त हो सकेगा।
शिक्षा मंत्री की प्रतिक्रिया
इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा है कि एनटीए की शीर्ष नेतृत्व की गतिविधियों की जाँच की जा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि यह बदलाव परीक्षा में पारदर्शिता और विश्वसनीयता को बरकरार रखने के उद्देश्य से किया गया है। प्रधान ने एनटीए के संचालन में सुधार लाने के लिए कठोर कदम उठाने की भी आवश्यकता जताई।
समिति का गठन और उसकी जिम्मेदारियाँ
शिक्षा मंत्रालय द्वारा गठित सात सदस्यीय पैनल में विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ शामिल हैं। इस पैनल का मुख्य उद्देश्य परीक्षा संचालन में वैधता और पारदर्शिता सुनिश्चित करना है। समिति की सिफारिशों के आधार पर एनटीए में आवश्यक सुधार किए जाएंगे। जिससे भविष्य में किसी भी प्रकार की अनियमितताओं से बचा जा सके।
भविष्य की दिशा
प्रदीप सिंह खरोला के पदभार ग्रहण करने के बाद से एनटीए के संचालन में संभावित बदलाव और सुधार की उम्मीद की जा रही है। यह बदलाव केवल शीर्ष नेतृत्व में ही नहीं, बल्कि सारी व्यवस्थाओं और प्रक्रियाओं में भी दिखाई देगा। इससे यह सुनिश्चित होगा कि विद्यार्थियों के लिए निष्पक्ष, पारदर्शी, और विश्वसनीय परीक्षा प्रणाली बनाई जा सके। इन सुधारों के जरिए शिक्षा क्षेत्र में की जाने वाली परीक्षाओं में विश्वास और उत्साह को बहाल करने का प्रयास किया जा रहा है।
कुल मिलाकर, सरकार की यह सभी पहलकदमी कोशिश है कि परीक्षा प्रणाली को अधिक पारदर्शी, निष्पक्ष और विश्वसनीय बनाया जा सके, ताकि विद्यार्थियों और अभिभावकों का इसमें विश्वास बना रहे। एनटीए को आवश्यक जिम्मेदारियों और भरोसे के साथ अपनी परीक्षा प्रणाली को सुधारने और आगे बढ़ाने का यह सही समय है।