गोरखपुर में 69वीं तहसीली कबड्डी प्रतियोगिता का सफल समापन, 17 स्कूलों ने डाली दमदार पकड़
प्रतियोगिता का विस्तृत स्वरूप
गोरखपुर के खजनी वाले क्षेत्र में स्थित आदर्श इंटर्न कॉलेज हार्डिचाक में पिछले सप्ताह 69वीं तहसीली कबड्डी प्रतियोगिता 2025‑26 का आयोजन हुआ। इस बार कुल 17 अलग‑अलग स्कूलों से आए छात्र‑छात्राएँ ने अपनी टीमों के साथ भागीदारी दर्ज कराई, जिसमें लड़के‑लड़कियों दोनों को शामिल किया गया था। सभी वर्गों में प्रतिभागियों ने अपनी तेज़ प्रतिक्रिया, सामरिक चालें और कड़ी मेहनत से दर्शकों को लुभाया।
समुचित रूप से तैयार किए गए कोर्ट में दो तरफ़ के कोचों ने रणनीति बनायी और खिलाड़ियों को लगातार प्रोत्साहित किया। टीमें बारी‑बारी से मुकाबला करती रही, जहाँ अधिकांश मैच 5‑पैडल (राउंड) तक चले और अंत में एक स्पष्ट विजेता चुनने के लिए अतिरिक्त प्ट (ऑवरटाइम) भी हुआ।

मुख्य अतिथि और आयोजन कर्ता की भूमिका
प्रतियोगिता के समापन समारोह में राष्ट्रीय स्तर के क्रिकेटर और सामाजिक कार्यकर्ता सत्यप्रकाश सिंह मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित हुए। अपने संबोधित में उन्होंने बच्चों को खेल की महत्ता समझाते हुए कहा कि कबड्डी जैसे पारंपरिक खेल न केवल शारीरिक शक्ति बढ़ाते हैं, बल्कि अनुशासन, टीम वर्क और आत्म‑विश्वास भी विकसित करते हैं। उनके शब्दों ने सभी प्रतिभागियों में नई ऊर्जा का संचार किया।
टॉर्नामेंट की सुचारु प्रक्रिया के लिए अभिषेक सिंह ने अध्यक्षता की, जिन्होंने सभी मैचों की समय‑सारणी, अंक‑गणना और नियम‑पालना की देखरेख की। अंता‑अंता में उनके निर्णयों ने प्रतियोगिता को व्यवस्थित रखा और किसी भी प्रकार की व्यवधान से बचाया।
पूरे आयोजन के पीछे कालजयी मेहनत और समन्वय का श्रेय दिवाकर सिंह को जाता है, जो स्कूल के खेल शिक्षक हैं। उन्होंने प्रारम्भिक योजना, टिम‑टैगिंग, सामग्री की उपलब्धता और सुरक्षा उपायों को संभाला। उनकी सतत निगरानी ने प्रतिस्पर्धा को पेशेवर स्तर पर ले जाया, जिससे सभी भागीदारों को संतोषजनक अनुभव मिला।
- विजेता: गोरखपुर मेयर इंटर स्कूल (पुरुष)
- विजेता: सिटी हाई स्कूल (महिला)
- रनर‑अप: लडियों सेंट्रल स्कूल (पुरुष)
- रनर‑अप: डॉ. एली ग्रीस इंटर (महिला)
विजेता और रनर‑अप दोनों टीमों को स्मारक ताश और प्रमाण पत्र वितरित किए गए। पुरस्कार वितरण के दौरान सभी उपस्थित लोगों ने तालियों के साथ इन युवा खिलाड़ियों की सफलता का जश्न मनाया।
कुल मिलाकर इस प्रतियोगिता ने न सिर्फ छात्रों में शारीरिक फिटनेस को बढ़ावा दिया, बल्कि पारम्परिक कबड्डी खेल को स्कूल स्तर पर फिर से जीवंत करने का एक महत्वपूर्ण कदम भी कायम किया। भविष्य में इस तरह की पहल से अधिक से अधिक युवाओं को खेल के मैदान में लाने की संभावना है।