ICC T20I रैंकिंग: एशिया कप 2025 से पहले टॉप भारतीय गेंदबाज, बुमराह बाहर
34 साल की उम्र में कोई स्पिनर पहली बार टी20आई में नंबर-1 बने और साथ ही भारत के सबसे भरोसेमंद तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह टॉप रैंकिंग में नजर न आएं—यह तस्वीर एशिया कप 2025 से ठीक पहले की है। रहस्य ये है कि रफ्तार नहीं, बल्कि सूझबूझ और किफायत ने बाजी पलटी। भारत के वरुण चक्रवर्ती 733 रेटिंग प्वाइंट के साथ दुनिया के नंबर-1 टी20आई गेंदबाज बन गए हैं। न्यूज़ीलैंड के जैकब डफी दूसरे स्थान पर खिसके हैं।
रैंकिंग की तस्वीर: भारतीयों का दबदबा, बुमराह बाहर
आईसीसी की ताजा टी20आई गेंदबाजी रैंकिंग में भारत के चार गेंदबाज टॉप-15 में हैं। वरुण चक्रवर्ती पहली बार शिखर पर पहुंचे हैं—यह उपलब्धि उनसे पहले सिर्फ जसप्रीत बुमराह और रवि बिश्नोई के नाम थी। दिलचस्प ये कि बुमराह इस समय शीर्ष सूची में नहीं दिख रहे, यानी भारत की टी20 गेंदबाजी में नेतृत्व का चेहरा बदल रहा है।
यह बदलाव एशिया कप 2025 के शुरुआती मुकाबलों के बाद दिखा, जहां वरुण ने यूएई के खिलाफ 1/4 और पाकिस्तान के खिलाफ 1/24 के आंकड़े दिए—दोनों मैचों में बेहद किफायती, नियंत्रण से भरपूर। फरवरी 2025 में वह दूसरे पायदान तक पहुंचे थे, और अब तीन पायदान की छलांग लगाकर नंबर-1 हो गए।
- वरुण चक्रवर्ती — विश्व रैंक 1, 733 प्वाइंट
- रवि बिश्नोई — विश्व रैंक 8, 661 प्वाइंट
- अक्षर पटेल — विश्व रैंक 12, 655 प्वाइंट
- अर्शदीप सिंह — विश्व रैंक 14, 640 प्वाइंट
भारतीय गेंदबाजों में टॉप-15 के भीतर ये चार नाम दिखते हैं। पांचवां भारतीय नाम फिलहाल इस खांचे में नहीं है, लेकिन एशिया कप के अगले चरण के साथ रैंकिंग में फेरबदल मुमकिन है।
वरुण की वापसी का रास्ता, रैंकिंग का विज्ञान और टीम पर असर
यह सफर आसान नहीं था। 2021 टी20 विश्व कप के बाद अक्टूबर 2021 से नवंबर 2024 तक वरुण ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट नहीं खेला। उस टूर्नामेंट के बाद उनकी लाइन-लेंथ और फिटनेस दोनों पर सवाल उठे थे। वापसी तब शुरू हुई जब 2025 में उन्होंने लगातार प्रभाव छोड़ा—इंग्लैंड के खिलाफ पांच विकेट लेकर लय दिखाई और एशिया कप की शुरुआत में ही किफायत और विविधताओं से रनों का नल कस दिया।
वरुण की ताकत क्या है? उन्होंने अपनी स्पीड बढ़ाई है, बैटर को समय नहीं देते, और कैरम बॉल, फिंगर-फ्लिक, तिरछा एंगल—इन सबका मिश्रण करके बल्लेबाज को फुटवर्क बदलने पर मजबूर करते हैं। सबसे बड़ा हथियार उनकी पढ़ने में मुश्किल ग्रिप है, जो बल्लेबाज को गलत शॉट पर उकसाती है। यही वजह है कि कम विकेट लेकर भी उनका असर बड़ा होता है—इकॉनमी रेट मैच की दिशा मोड़ देता है।
रैंकिंग कैसे बदलती है? आईसीसी की टी20आई रैंकिंग हाल के प्रदर्शन को ज्यादा वजन देती है। मैच का संदर्भ—विपक्ष की ताकत, पिच की प्रकृति, और मैच रिजल्ट—स्कोरिंग में गिना जाता है। इसी वजह से एशिया कप जैसी हाई-प्रेशर सीरीज में किफायती स्पेल और प्रभावी ओवर त्वरित उछाल दे सकते हैं। वरुण का 1/4 यूएई के खिलाफ और 1/24 पाकिस्तान के खिलाफ ऐसे ही स्पेल हैं—कम विकेट, पर बड़ा नियंत्रण।
भारत की टीम संरचना पर इसका क्या असर है? सबसे पहले, स्पिन एक बार फिर रणनीति का केंद्र बन रहा है। रवि बिश्नोई मिडल ओवर्स में अटैकिंग लेग-स्पिन से विकेट खोजते हैं, अक्षर पटेल पावरप्ले और बीच के ओवरों में किफायत के साथ बाएं हाथ की स्पिन से रफ्तार काटते हैं, और अर्शदीप सिंह नई गेंद और डेथ दोनों में लैंथ बदलकर बल्लेबाज को सीमित करते हैं। इस मिश्रण में वरुण वह पहिया हैं जो रन-रेट को थामता है और दूसरे छोर से विकेट गिरवाता है।
जसप्रीत बुमराह का रैंकिंग से बाहर होना चर्चा में है। यह फॉर्म की कहानी नहीं, मैच-मैच की गणित है। टी20आई में कम मैच खेलना, वर्कलोड मैनेजमेंट और फॉर्मेट-विशेष प्राथमिकताएं रैंकिंग को प्रभावित करती हैं। बुमराह की स्किल-सेट—योर्कर, हार्ड लेंथ, स्लोअर—कहीं नहीं गई; पर रैंकिंग तालिका में बने रहने के लिए नियमित टी20आई स्पेल जरूरी होते हैं। एशिया कप में उनके हर मैच के साथ यह तस्वीर फिर बदल सकती है।
बड़े टूर्नामेंट में रैंकिंग का मनोवैज्ञानिक असर भी पड़ता है। विपक्ष अब वरुण को ‘मुख्य खतरे’ की तरह ट्रीट करेगा—मतलब स्लॉग के बजाय रोटेशन, कम रिस्क, और स्ट्राइक दूसरे छोर पर शिफ्ट। इसके जवाब में भारत को फील्ड प्लान आक्रामक रखना होगा—शॉर्ट लेग/स्लिप जैसी आक्रामक पोजीशन शुरुआती ओवरों में, ताकि मिस-रीड पर तुरंत कैच मिले।
एशिया कप 2025 में आगे क्या देखने को मिलेगा? भारतीय स्पिनरों के लिए यह फॉर्म आदर्श समय पर आया है। अगर पिचें धीमी रहीं, तो बिश्नोई-वरुण की जोड़ी मिड-पारी में रनों की रफ्तार रोककर मैच को डेथ ओवर्स तक भारत की मुट्ठी में रख सकती है। अक्षर पावरप्ले में एक ओवर डालकर दाएं हाथ के बल्लेबाजों के खिलाफ एंगल से शॉट की दिशा सीमित करते हैं—यही एक-एक ओवर बड़ा फर्क डालता है।
रैंकिंग में छोटे-छोटे स्पेल भी बड़ा उछाल दे जाते हैं। एक 4-ओवर का स्पेल, अगर उच्च रेटेड विपक्ष के खिलाफ और मैच-विजयी परिस्थिति में हो, तो 10-15 प्वाइंट का फर्क संभव है। इसी लिए एशिया कप के हर नतीजे के बाद शीर्ष पर हलचल दिखेगी। वरुण फिलहाल नंबर-1 हैं; बिश्नोई, अक्षर और अर्शदीप भी टॉप-15 में स्थिर दिख रहे हैं।
भारत के लिए बड़ी बात यह है कि टी20आई गेंदबाजी में चेहरा बदल गया है। जहां पहले नेतृत्व बुमराह का पर्याय था, अब स्पिन-भरोसे की यह नई रफ्तार टीम की पहचान बन रही है। और जब किफायत, विविधता और मैच-सिचुएशन समझ एक साथ क्लिक करती है, तो रैंकिंग ही नहीं, ट्रॉफी का रास्ता भी साफ दिखने लगता है।