India vs England 3rd Test: शुबमन गिल और ज़ैक क्राउली के बीच तीखी नोकझोंक, मैदान पर गर्माया माहौल

India vs England 3rd Test: शुबमन गिल और ज़ैक क्राउली के बीच तीखी नोकझोंक, मैदान पर गर्माया माहौल

3rd टेस्ट में शुबमन गिल और ज़ैक क्राउली के बीच गरमा-गरम बहस

लॉर्ड्स के मैदान पर भारत और इंग्लैंड के बीच तीसरे टेस्ट का तीसरा दिन क्रिकेट फैंस के लिए असली रोमांच लेकर आया। मुकाबला पैनी चालों और पलटवारों से भरा हुआ था, लेकिन चर्चा का विषय बना मैदान पर घटा एक दिलचस्प वाकया। भारतीय कप्तान शुबमन गिल और इंग्लैंड के सलामी बल्लेबाज ज़ैक क्राउली के बीच जबरदस्त बहस हो गई, जिसे सबने करीब से देखा और सुना।

दरअसल, हुआ ये कि एक गेंद के बाद इंग्लैंड के बल्लेबाजों ने कुछ ज्यादा ही वक्त लिया, जिससे गिल नाराज हो गए। स्टंप माइक ने गिल की टिप्पणी भी पकड़ ली, जिसमें उन्होंने साफ-साफ अंग्रेजी में काफी कड़क शब्दों का इस्तेमाल करते हुए क्राउली को ललकारा। इस दौरान गिल ने क्रिकेट की स्पिरिट का हवाला देते हुए इंग्लिश बल्लेबाजों पर समय बर्बाद करने का आरोप लगाया। गिल की सीधी-सपाट नाराजगी को देख इंग्लैंड के खिलाड़ी बेन डकेट को बीच में आना पड़ा। उन्होंने माहौल शांत कराने की कोशिश की, ताकि मामला मैदान पर बढ़ न जाए।

आरोप-प्रत्यारोप और मैच का तनाव

ज़ैक क्राउली बाद में मीडिया के सामने आए और उन्होंने टाइम-वेस्टिंग के आरोप सिरे से खारिज किए। उन्होंने कहा, 'मैं तो तभी बाहर निकला जब अंपायर्स आए, मुझे पता भी नहीं था कि हम 90 सेकंड लेट थे। ऐसी नोकझोंक क्रिकेट में आम है, इससे खेल का मजा ही बढ़ता है।' अपनी बात में क्राउली ने माना कि दोनों टीमें जीत के लिए पूरी शिद्दत से भिड़ी हुई थीं, और यही लॉर्ड्स के मैदान को खास बना देता है।

गिल ने हालांकि इस मसले की गहराई में जाने से बचा लिया, लेकिन इतना जरूर कहा कि खेल में अनुशासन और ईमानदारी जरूरी है। मैदान पर दोनों टीमें बराबरी से भिड़ रही थीं, और इस घटना से मैच का माहौल जितना टेंस हुआ, उतना ही क्रिकेट की असली प्रतिस्पर्धा भी देखने मिली। मैच के ये आठ मिनट सबके लिए यादगार बन गए, जहां खिलाड़ियों के तेवर ही खेल की असली पहचान बन गए।

इस नोकझोंक ने मैच के तनाव को और बढ़ा दिया था। दोनों टीमें जीत के लिए जद्दोजहद में थीं, और हर छोटी-बड़ी हरकत पर पैनी नजर रखी जा रही थी। क्रिकेट इतिहास में ऐसे कई लम्हे रहे हैं, जब मैदान पर भावनाएं हावी हो जाती हैं और खिलाड़ी अपनी जगह के लिए डटकर खड़े होते हैं। लॉर्ड्स का तीसरा टेस्ट भी अब उन्हीं मुकाबलों की लिस्ट में शामिल हो गया, जहां खेल सिर्फ स्कोर पर नहीं, मैदान पर बर्ताव से भी याद किया जाएगा।