इंग्लैंड महिला टीम ने आख़िरी गेंद पर 5 रनों से भारत को हराया

इंग्लैंड महिला टीम ने आख़िरी गेंद पर 5 रनों से भारत को हराया

मैच का सार

दुबई के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम में 23 मार्च को आयोजित इंग्लैंड बनाम भारत की तीसरी टी20 महिला मैच में दो टीमें तनावपूर्ण माहौल में कदम रखी। टॉस जीतने के बाद इंग्लैंड ने पहले बैटिंग करने का विकल्प चुना। उन्होंने 20 ओवर में इंग्लैंड महिला क्रिकेट टीम के लिए 148/6 का लक्ष्य तय किया। हेनरी कॉर्टिस ने 45 रन बनाकर टीम की अढ़ीशेड़ भागी, जबकि जेन लैंस को 31* का अडिग अंत मिला।

भारत को जवाब देने के लिए 19.5 ओवर में 143 रन जुटाने का काम सौंपा गया। मीरा कुमारी ने 38 रन की आश्चर्यजनक पारी खेली, जबकि सरिता पाटिल ने 28 रन और दो विकेट ले कर टीम को स्थिर रखा। फिर भी, भारत को अंतिम बार 18 बॉल बचे थे, और स्कोर 143/9।

आख़िरी गेंद पर 5 रन की आवश्यकता थी। फिरानी खान ने अपनी आख़िरी गेंद में तेज़ स्पिन डिलिवरी दी; लेकिन मैना गुप्ता ने 6 रनों की छक्का लगाकर भारत को जीत से एक कदम दूर कर दिया। इस नाटकीय अंत ने दर्शकों को जकड़ दिया।

मुख्य पल और खिलाड़ी

मुख्य पल और खिलाड़ी

  • हेनरी कॉर्टिस का तेज़ी से 45 रन बनाना, जिसने इंग्लैंड को स्पष्ट बढ़त दिलाई।
  • जेन लैंस की नॉट-आउट पारी, जिसने टीम के स्कोर को स्थिर रखा जब wickets तेजी से गिर रहे थे।
  • मीरा कुमारी की 38‑रन पारी, जिसने भारत को आख़िरी ओवर तक पहुंचाया।
  • सरिता पाटिल का दो‑विकेट बरताव, जो इंग्लैंड को एक अतिरिक्त ओवर के लिए मजबूर किया।
  • मैना गुप्ता का आख़िरी गेंद पर छक्का, जिसने मैच का फाइनल मोमेंट तय किया।

इस जीत से इंग्लैंड ने श्रृंखला में 2‑1 की बढ़त पकड़ी, जबकि भारत को अब अगले दो मैचों में एक नौवा चीज़ निकालनी होगी। दोनों टीमों के कोचों ने मैच के बाद कहा कि इस तरह की नजदीकी जीतें टीम के आत्मविश्वास को बढ़ाती हैं और अगली टुनाव में नए रणनीतियों की जरूरत पर बल देती हैं।

15 टिप्पणि

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    Chandan Pal

    सितंबर 26, 2025 AT 05:35

    वाह! इंग्लैंड की महिला टीम ने आख़िरी गेंद पर साथ ही चौंका दिया 😲👏 ये मैच बिल्कुल कंगाली वाला था, लेकिन मैना गुप्ता का छक्का सबको हिला कर रख दिया। क्रिकेट की ये नाटकीय समाप्ति देख कर दिल धड़क रहा था। आखिर में 5 रनों की जरूरत और फिर भी जीत हमारी ही हुई! 🎉

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    Ayush Sanu

    अक्तूबर 2, 2025 AT 11:35

    इंग्लैंड ने टॉस जीतकर पहले बैटिंग करने का निर्णय उचित था; 148/6 का लक्ष्य प्राप्त करना अपेक्षाकृत साधारण था। भारत की पारी में कुछ खामियां दिखीं, विशेषकर अंत में दबाव संभालने में।

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    Jay Fuentes

    अक्तूबर 8, 2025 AT 17:35

    देखो, भारत ने आख़िरी ओवर तक धक्का दिया, मायन गुप्ता का छक्का तो सच्ची हीरोइज़्म था! उम्मीद है अगली मैच में टीम और भी बेहतर खेलेगी। चलो सब मिलकर उनका समर्थन करें! 🙌

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    poornima khot

    अक्तूबर 14, 2025 AT 23:35

    इंग्लैंड की जीत तो बेमिसाल थी, पर भारत ने भी दिल नहीं हाराया। मीरा कुमारी की 38 रनों वाली पारी काफ़ी दमदार थी, सरिता पाटिल के दो विकेट ने थोड़ा संतुलन लाया। बॉलर के लिए थ्रिलिंग ओवर था, पर आख़िरी बॉल पर वो बंकिंग डिलिवरी बिगड़ गई। अगली बार मैच की स्ट्रैटेजी में कुछ बदलाव ज़रूरी है, नहीं तो फिर से हार हो सकती है।

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    Mukesh Yadav

    अक्तूबर 21, 2025 AT 05:35

    क्या बात है, ये सब सरजनी खेल है! अलीक़े में कहा जाता है कि बैट्समैन को स्पिन बॉल पर हराना असंभव है, पर यहाँ तो दिखाया गया कि कैसे अंदरूनी षड्यंत्र काम करता है। हमें सुना है कि इस डिलिवरी में कुछ खास रासायनिक पदार्थ मिला था, तभी ऐसी तेज़ बॉल निकल पाई। अब हमारे खिलाड़ियों को अपने जिगर में आग लानी चाहिए, नहीं तो ऐसे ही बार‑बार हारेंगे।

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    Hemakul Pioneers

    अक्तूबर 27, 2025 AT 10:35

    मैचा देख कर विचार आया कि खेल में मन की शांति भी उतनी ही महत्त्वपूर्ण है। खिलाड़ी जब तनाव में होते हैं, तो उनका निर्णय क्षीण हो जाता है। इसलिए कोचों को मनोवैज्ञानिक समर्थन देना चाहिए। आशा है भविष्य में ऐसी स्थितियों से बचाव होगा।

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    Shivam Pandit

    नवंबर 2, 2025 AT 16:35

    इंग्लैंड की बॉलिंग लाइन‑अप ने वाक़ई में दाब बना दिया, बहुत ही सटीक रेंज में डिलीवरी दी, और धीरज से खेला! भारतीय बल्लेबाजों को आख़िरी ओवर में थोड़ा और साहस दिखाना चाहिए, खासकर फिनिशर को। मैना गुप्ता का छक्का एक बेहतरीन उदाहरण है, जिसने टीम को जीत दिला दी! अगली बार टीम को शुरुआती ओवर में भी बॉल का दबाव बनाना चाहिए, ताकि लक्ष्य कम हो।

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    Thirupathi Reddy Ch

    नवंबर 8, 2025 AT 22:35

    भाई, ये सब तो दिखावा है, असली कारण तो हम नहीं जानते। शायद बॉल में कुछ गुप्त तकनीक छिपी है, जो सिर्फ़ कुछ ही जानते हैं।

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    vinay viswkarma

    नवंबर 15, 2025 AT 04:35

    अभी भी शर्म नहीं आती इस मैच की।

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    varun spike

    नवंबर 21, 2025 AT 10:35

    इंग्लैंड ने टॉस जीत कर पहले बैटिंग करने का विकल्प चुना यह सामान्य रणनीति थी क्योंकि उनके पास स्थिर शीर्ष क्रम था। भारत ने अंत में 5 रन की जरूरत पूरी नहीं कर पाई। यह स्पष्ट है कि ओवर के प्रबंधन में गलतियां हुईं।

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    Rani Muker

    नवंबर 27, 2025 AT 16:35

    वेरन, तुम्हारी बात में कुछ सच्चाई है, पर हमें यह भी देखना चाहिए कि भारतीय बल्लेबाजों ने दबाव में कैसे प्रतिक्रिया दी। मीरा कुमारी ने 38 रन बनाकर टीम को दम दिया, और सरिता पाटिल ने दो विकेट लेकर गेंदबाजों को संतुलित किया। इन प्रयासों की सराहना भी जरूरी है।

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    Hansraj Surti

    दिसंबर 3, 2025 AT 22:35

    इस मैच के पीछे कई स्तर के पहलू निहित हैं जो अक्सर नजरअंदाज हो जाते हैं। सबसे पहले, टॉस जीतने के बाद इंग्लैंड ने पहले बैटिंग करने का विकल्प चुना, जो उनकी सुदृढ़ शीर्ष क्रम की गारंटी देता है। हेनरी कॉर्टिस के 45 रन ने शुरुआती गति स्थापित की और जेन लैंस ने निरंतरता बनाई। दूसरी ओर, भारत की पारी में मीरा कुमारी की 38 रन एक संभावित मोड़ थे। सरिता पाटिल की दो विकेट ने इंग्लैंड को अतिरिक्त ओवर के लिए मजबूर किया, जिससे रणनीतिक लाभ मिला। फिर भी, आख़िरी ओवर में तनाव का स्तर चढ गया। मैना गुप्ता का छक्का एक निर्णायक क्षण था जिससे भारत का लक्ष्य टूट गया। इस प्रकार, खेल की गतिशीलता ने दर्शकों को उत्साह से भर दिया। यह देखना दिलचस्प है कि कैसे दबाव में खिलाड़ी अपने तकनीकी कौशल को प्रदर्शित करते हैं। इसके अलावा, कोचों के बीच रणनीतिक चर्चा भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इंग्लैंड की बॉलिंग में बदलते रुख ने भारत के स्कोर को सीमित किया। वहीँ, भारत की टैक्टिकल बदलाव ने इंग्लैंड को कुछ हद तक अस्थिर किया। इस तरह के मुठभेड़ में मानवीय मनोविज्ञान और सांख्यिकीय विश्लेषण दोनों का महत्व है। अंत में, इस जीत ने इंग्लैंड को श्रृंखला में 2-1 की बढ़त दिलाई। अगले दो मैचों में भारत को नई रणनीति अपनानी होगी। कुल मिलाकर, यह मैच क्रिकेट की सौन्दर्य और प्रतिस्पर्धा को उजागर करता है।

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    Veda t

    दिसंबर 10, 2025 AT 04:35

    इतने बड़े शब्दों में बात कर रहे हो, पर असली मुद्दा यह है कि हमारी टीम ने दबाव में नहीं टिक पाई। अगली बार हम अपनी खेल शैली बदलेंगे।

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    akash shaikh

    दिसंबर 16, 2025 AT 10:35

    भाई रे, इस मैच में तो सब कुछ हाई-ड्रामा था, लेकिन सच्चाई ये है कि इंग्लैंड के पास बेहतर प्लान था। वैसे भी, भारत ने आख़िरी बॉल में जो कोशिश की, वो काबिले‑तारीफ है। लेकिन अगर वे थोड़ा और क्रीएटिव होते तो क्या पता, जीत हमारी भी हो सकती थी। चलो, अगली बार के लिए आशा बनाए रखें।

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    Anil Puri

    दिसंबर 22, 2025 AT 16:35

    अकश, तुम्हारी बात में तो कुछ सही है पर तुम थोड़ा ज्यादा फिल्मी हो रहे हो। वैसे भी कोचिंग स्टाफ को चाहिए कि वो बॉलर की लाइन‑अप को बदलें, क्योंकि यही बंकिंग डिलिवरी थी जिसने खेल बदल दिया। मुझे लगता है कि रिव्यू मीटिंग में डेटा एनालिटिक्स को ज़्यादा महत्व देना चाहिए। फिर भी, खिलाड़ियों को आत्मविश्वास चाहिए, वरना दोबारा इस तरह की हार होगी। अंत में, हमें अपने फैन बेस को भी संभालना पड़ेगा।

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