जैगर लैंड रोवर पर बड़ा साइबर‑अटैक, टैटा मोटर्स को ₹23,864 करोड़ का संभावित नुकसान
2 सेप्टेंबर 2025 को टैटा मोटर्स की ब्रिटिश लक्ज़री शाखा, Jaguar Land Rover (JLR) को एक सुसंगठित साइबर‑अटैक का सामना करना पड़ा। हालिया रिपोर्टों के अनुसार, इस हमले ने कंपनी के की‑इन्फ्रास्ट्रक्चर को पूरी तरह जाम कर दिया, जिससे यूके के प्रमुख कारखानों—हालेवूड, सॉलिहुल और वोल्वरहेम्प्टन—की उत्पादन रेखा एक ही बार में बंद हो गई।
आक्रमण का विवरण और त्वरित प्रतिक्रिया
पड़ताल से पता चला कि समूह के पीछे कुछ ऐसे हैकर हैं जिनके नाम पर मार्क्स एंड स्पेंसर जैसे बड़े ब्रिटिश ब्रांडों पर पहले भी हमले हुए हैं। सुबह-सवेरे सिस्टम में अनधिकृत पहुँच का पता चलते ही JLR ने सभी आईटी नेटवर्क को तुरंत ऑफ‑लाइन कर दिया। इससे न केवल कारों की असेंबली रोक गई, बल्कि डीलरों को नई कारों का पंजीकरण और डिलीवरी भी नहीं हो पायी। यूके में नई लाइसेंस प्लेट के जारी होने के कारण इस अवधि को पारंपरिक रूप से ‘पीक’ माना जाता है, इसलिए नुकसान का असर और बढ़ गया।
हमें बताया गया कि JLR ने अपनी साइबर‑इंश्योरेंस पॉलिसी सौदेबाजी चलाते समय ही बंधी नहीं थी। इस वजह से कंपनी को अब बिना पर्याप्त बीमा कवरेज के सीधे वित्तीय बोझ उठाना पड़ेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि इस बीच के नुक्सान का आंकड़ा ₹21,000 करोड़ से भी अधिक हो सकता है, जो कंपनी के वार्षिक शुद्ध लाभ ₹18,900 करोड़ को भी पार कर जाता है।

आर्थिक असर और भविष्य की चुनौतियां
हफ्ते‑हफ्ते के अनुमान के अनुसार, उत्पादन रुकने के कारण JLR को लगभग ₹560 करोड़ (लगभग £50 मिलियन) का अतिरिक्त नुकसान हो रहा है। प्रारम्भिक अनुमान में उत्पादन बंदी को 24 सितंबर तक सीमित रखा गया था, परन्तु अब इसे 1 अक्टूबर तक बढ़ा दिया गया है। इस अवधि में करीब 33,000 कर्मचारियों को अस्थायी रूप से घर भेजा गया है, जबकि आईटी टीमें और बाहरी साइबर‑सेक्योरिटी विशेषज्ञ सिस्टम की पुनःस्थापना में लगे हैं।
सप्लायरों पर भी इसका सीधा असर पड़ा है। कई छोटे‑मोटे पार्ट्स सप्लायर, जो JLR की असेंबली लाइन पर निर्भर थे, को अपने उत्पादन को ठप्प करना पड़ा। कुछ को कर्मचारियों की छंटनी भी करनी पड़ी। इस तरह की आपूर्ति श्रृंखला में बाधा पूरे ऑटोमोटिव इकोसिस्टम को झटका देती है।
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में टैटा मोटर्स के शेयरों में लगभग 4 % की गिरावट आई, न्यूनतम मूल्य ₹655.30 पर छूट गया। बीएसई में भी शुरुआती ट्रेडिंग में 3.4 % की गिरावट देखी गई। निवेशकों की आशंकाएं इस कारण बढ़ी हैं कि JLR के बिना टैटा मोटर्स का लगभग 70 % राजस्व उत्पन्न होता है।
वित्तीय विश्लेषक राजत अग्रवाल ने कहा, “ऑटोमोबाइल सेक्टर का डिजिटलाइज़ेशन तेज़ हो रहा है, लेकिन साथ ही साइबर‑रिस्क भी बढ़ रहा है। कंपनियों को अब न केवल उत्पादन, बल्कि डेटा सुरक्षा में भी भारी निवेश करना होगा।” इसी बात को साइबर‑सुरक्षा प्रोफ़ेसर त्रिवेणी सिंह ने भी दोहराया, उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के लिए ऐसी घटनाएं “खतरा” बन गई हैं और सभी बड़ी कंपनियों को अनिवार्य साइबर‑इंश्योरेंस लेना चाहिए।
जैगर लैंड रोवर की टीम ने अभी तक ग्राहक डेटा का कोई उल्लंघन नहीं दिखाया है, परन्तु इस बात की जांच चल रही है। यदि भविष्य में कोई लीक साबित होता है, तो कंपनी को अतिरिक्त कानूनी और प्रतिपूर्तिकरण लागतों का भी सामना करना पड़ेगा।
ऑटो उद्योग में जुड़ी हुई डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म, कनेक्टेड कार, एआई‑ड्रिवन प्रोडक्शन और रिमोट मॉनिटरिंग ने हमलों के नए रास्ते खोल दिए हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, यदि कंपनियां अपने साइबर‑डिफेंस को केवल पैच‑लेवल तक सीमित रखेंगी, तो बड़े‑पैमाने पर अटैक को रोका नहीं जा सकेगा।
टैटा मोटर्स के लिए अब सबसे बड़ा सवाल है: उत्पादन को जल्दी से जल्दी सामान्य करने के साथ‑साथ कैसे एक मजबूत, भविष्य‑सुरक्षित आईटी इन्फ्रास्ट्रक्चर स्थापित किया जाए? कई रणनीतिक उपायों पर विचार किया जा रहा है—जैसे कि मल्टी‑फैक्टर ऑथेंटिकेशन, एन्ड‑टू‑एन्ड एन्क्रिप्शन, नियमित पेनेट्रेशन टेस्टिंग और बड़े‑पैमाने पर साइबर‑इंश्योरेंस कवरेज। इन कदमों को लागू करने में समय और निवेश दोनों की जरूरत होगी, परन्तु यह ही वह दिशा है जो उद्योग को आगे बढ़ाएगी।