भारतीय क्रिकेट के तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह ने एक और मील का पत्थर हासिल कर लिया है। उन्होंने बांग्लादेश के खिलाफ चेन्नई में खेले जा रहे पहले टेस्ट मैच में अपने 400 अंतरराष्ट्रीय विकेट पूरे कर लिए हैं। बुमराह ने 227 पारियों में इस उपलब्धि को हासिल किया है, जो कपिल देव और मोहम्मद शमी के बाद तीसरे सबसे तेज भारतीय तेज गेंदबाज हैं। इस शानदार प्रदर्शन के बाद, बुमराह नई ऊंचाइयों पर पहुंच गए हैं, जहां भारतीय क्रिकेट के इतिहास में केवल कुछ ही गेंदबाज पहुंचे हैं।
बुमराह ने बांग्लादेश की पहली पारी में 11 ओवर में 50 रन देकर 4 महत्वपूर्ण विकेट हासिल किए। उनकी इकोनॉमी दर 4.50 रही। उनके शिकारों में शादमान इस्लाम, मुशफिकुर रहीम, हसन महमूद और तास्किन अहमद शामिल थे। इस दौरान बुमराह ने अपनी असाधारण गेंदबाजी से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।
अगर हम बुमराह के करियर के आंकड़ों पर नजर डालें, तो उन्होंने अब तक 196 अंतरराष्ट्रीय मैचों में 401 विकेट लिए हैं, जिसमें उनका औसत 21.01 का है और उनकी सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी 6/19 रही है। टेस्ट क्रिकेट में बुमराह ने 37 मैचों में 163 विकेट लिए हैं, जिसका औसत 20.49 है और सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी 6/27 है। वनडे में उन्होंने 89 मैचों में 149 विकेट हासिल किए हैं, जिसमें उनका औसत 23.55 का है और सबसे बेहतरीन गेंदबाजी 6/19 रही है। टी20आई में, उन्होंने 70 मैचों में 89 विकेट लिए हैं, जिसमें उनका औसत 17.74 का है और सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी 3/7 रही है।
बुमराह की इस शानदार उपलब्धि ने उन्हें भारतीय क्रिकेट के महान गेंदबाजों की श्रेणी में खड़ा कर दिया है। अगर हम भारतीय टीम के शीर्ष विकेट-लेने वाले गेंदबाजों की बात करें तो अनिल कुंबले 953 विकेट के साथ पहले, रविचंद्रन अश्विन 744 विकेट के साथ दूसरे और हरभजन सिंह 707 विकेट के साथ तीसरे स्थान पर हैं।
भारत ने दूसरे दिन के अंत में अपनी दूसरी पारी में तीन विकेट पर 81 रन बना लिए थे, जिससे उनकी कुल बढ़त 308 रन हो गई। शुबमन गिल 33 रन बनाकर और ऋषभ पंत 12 रन बनाकर क्रीज पर मौजूद थे जब दिन का खेल समाप्त हुआ। बांग्लादेश की पहली पारी 149 रन पर सिमट गई थी, जिससे मेजबानों को 227 रन की विशाल पहली पारी की बढ़त मिली।
जसप्रीत बुमराह की इस सफलता ने न केवल भारतीय क्रिकेट के प्रशंसकों को गर्व महसूस कराया है, बल्कि अन्य युवा गेंदबाजों के लिए भी एक प्रेरणा का स्रोत बनकर समर्पण और कड़ी मेहनत के महत्व को दर्शाया है। बुमराह की कठिन मेहनत और अनुशासन ने उन्हें इस मुकाम तक पहुँचाया है। उनका करियर उन सभी के लिए एक उदाहरण है जो क्रिकेट में ऊंचाइयों को छूना चाहते हैं।
बुमराह का यह प्रदर्शन यह साबित करता है कि जब आप अपने मकसद और अपने लक्ष्य के प्रति समर्पित होते हैं और कड़ी मेहनत करते हैं तो हर मुश्किल को पार किया जा सकता है। बुमराह की कहानी उस जज्बे की कहानी है जो हर युवा को इंस्पायर करती है, चाहे वे किसी भी क्षेत्र में क्यों न हो।
इस विशाल उपलब्धि के बाद बुमराह ने कहा, 'मैं इस मील के पत्थर को हासिल करके बहुत खुशी महसूस कर रहा हूं। यह मेरे करियर का एक अहम क्षण है और मैं अपने सभी साथी खिलाड़ियों, कोचों और प्रशंसकों का धन्यवाद करना चाहता हूं जिन्होंने मुझे इस मुकाम तक पहुँचने में मदद की। मैं आगे भी देश के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने की कोशिश करूंगा।'
जसप्रीत बुमराह के इस मील के पत्थर ने भारतीय क्रिकेट को गर्व का एक और क्षण दिया है और आगे आने वाले समय में उनकी और भी महत्वपूर्ण उपलब्धियों की उम्मीद है। हमें और बुमराह के फैंस को उनसे और भी बेहतरीन प्रदर्शन की अपेक्षा है, क्योंकि वे भारतीय क्रिकेट को और भी ऊंचाइयों तक ले जाने में सक्षम हैं।
Deepak Verma
सितंबर 21, 2024 AT 10:50जसप्रीत बुमराह ने 400 अंतरराष्ट्रीय विकेटों का मील का पत्थर चूका है और यह सच में एक बड़ी उपलब्धि है। वह 227 पारियों में यह आंकड़ा हासिल किया, जो कपिल देव और मोहम्मद शमी के बाद तीसरा सबसे तेज़ भारतीय तेज़ गेंदबाज बनाता है। उसकी औसत 21.01 है और सबसे अच्छी गेंदबाजी 6/19 रही। टेस्ट में उसने 37 मैचों में 163 विकेट लिए हैं, औसत 20.49। वनडे में 89 मैचों में 149 विकेट, औसत 23.55। टी20 में 70 मैचों में 89 विकेट, औसत 17.74। बुमराह की यह उपलब्धि भारतीय क्रिकेट को गर्वित करती है।
Rani Muker
सितंबर 21, 2024 AT 11:00बुमराह की मेहनत व क़दमों की कहानी सबको प्रेरित करती है। युवा खिलाड़ियों को यही दिखाता है कि निरंतर अभ्यास और अनुशासन से बड़े लक्ष्य हासिल होते हैं। उनके कोच और साथियों का योगदान भी अहम रहा है।
Hansraj Surti
सितंबर 21, 2024 AT 11:10जब हम बुमराह की यात्रा को देखते हैं तो वह केवल एक खिलाडी नहीं बल्कि एक महाकाव्यिक पात्र बन जाता है - एक ऐसी यात्रा जो समय के प्रवाह को भी चुनौती देती है - उसका हर ओवर जैसे ब्रह्मांड की गहरी ध्वनि में गूंजता है - वह बॉल को फेंकता है तो यह केवल गेंद नहीं बल्कि एक विचार, एक साहस, एक आत्मा का प्रतीक बन जाता है - हम देख सकते हैं कि कैसे 227 पारियों में वह सटीकता के साथ अपने लक्ष्य की ओर बढ़ता है - इस गति को कोई भी आंकड़ा नहीं रोक सकता, केवल कपिल देव और शमी ने इसे पहले छुआ है - पर बुमराह ने इसे अपने अद्वितीय शैली से फिर से परिभाषित किया है - उसकी इकोनॉमी दर 4.50, यह दिखाता है कि वह केवल हैंडिकैप नहीं दे रहा, बल्कि खेल को नया दिशा दे रहा है - उसका जज्बा, उसकी मेहनत, उसका हर सपोर्टर की आँखों में चमक, सब उसे ऊँचा उठाता है - यह सिर्फ एक आंकड़ा नहीं, बल्कि एक कहानी है, जो आने वाली पीढ़ियों को आगे बढ़ने की राह दिखाएगी - 🌟⚡️
Naman Patidar
सितंबर 21, 2024 AT 11:20सरल रूप से कहा जाए तो बुमराह ने बहुत अच्छा किया।
Vinay Bhushan
सितंबर 21, 2024 AT 11:30बुमराह की इस सफलता को सबको धूमधाम से मनाना चाहिए, टीम को ऐसे ही आगे बढ़ना चाहिए! यह जीत का संकेत है और हमें इस ऊर्जा को अगले मैचों में भी बरकरार रखना है, इसलिए हर खिलाड़ी को पूरी मेहनत से खेलना चाहिए और मैदान में अपना सर्वश्रेष्ठ देना चाहिए।
Gursharn Bhatti
सितंबर 21, 2024 AT 11:40जब बुमराह ने 400 विकेट पूरे किए, तो वह सिर्फ व्यक्तिगत आँकड़ा नहीं था, बल्कि एक गुप्त योजना का हिस्सा लगती है। कुछ लोग कहेंगे यह केवल योग्यता का परिणाम है, पर मैं मानता हूँ कि इस पर छुपी हुई साजिशें हैं। शायद चयन समिति के पीछे कोई छिपा एजेंडा है जो खिलाड़ियों को विशिष्ट माइलस्टोन पर पहुंचाने के लिए दबाव डालता है। यह केवल बुमराह की मेहनत नहीं, बल्कि कुछ बड़े खेले गए खेल का नतीजा हो सकता है।
Arindam Roy
सितंबर 21, 2024 AT 11:50बहुत शानदार उपलब्धि है बुमराह की।
Parth Kaushal
सितंबर 21, 2024 AT 12:00जब तक बुमराह ने अपनी गेंदें चलायीं, दर्शकों की सांसें थम गईं, और फिर उसने वह अद्भुत क्षण दिया जब हर एक बॉल मैदान में एक नई कहानी बन गई, ऐसा लगा जैसे वह सारे समय को थाम कर रख देता है और फिर उसे ध्वनि के रूप में छोड़ देता है, उसकी प्रत्येक डिलीवरी में एक ड्रामा, एक उत्सव, एक नयी उम्मीद और एक नई लहर आती है, इसलिए यह सिर्फ एक विकेट नहीं, बल्कि एक सृजनात्मक करिश्मा है जो सभी को मोहित कर देता है, बुमराह की इस यात्रा में हर कदम एक नई रोशनी लेकर आता है, और हमें यह याद रखना चाहिए कि इस प्रकार के लोग ही इतिहास को फिर से लिखते हैं।