केसोराम इंडस्ट्रीज लिमिटेड की चेयरपर्सन मंजुश्री खेतान का 68 वर्ष की आयु में निधन
केसोराम इंडस्ट्रीज की चेयरपर्सन मंजुश्री खेतान का निधन
प्रमुख उद्योगपति बी के बिड़ला की पुत्री और केसोराम इंडस्ट्रीज लिमिटेड की चेयरपर्सन मंजुश्री खेतान का गुरुवार को कोलकाता स्थित उनके आवास पर एक संक्षिप्त बीमारी के बाद 68 वर्ष की आयु में निधन हो गया। खेतान का अंतिम संस्कार शुक्रवार को कोलकाता में किया जाएगा।
मंजुश्री खेतान अक्टूबर 1998 में केसोराम के बोर्ड में शामिल हुईं और जुलाई 2019 में अपने पिता उद्योगपति बी के बिड़ला के उत्तराधिकारी के रूप में चेयरपर्सन बनीं। अपने कार्यकाल के दौरान, खेतान ने केसोराम और इसकी सहायक कंपनियों को महत्वपूर्ण प्रगति की ओर अग्रसर किया।
शिक्षा और कला के क्षेत्र में योगदान
मंजुश्री खेतान अपने परोपकारी प्रयासों के लिए जानी जाती थीं, विशेष रूप से शिक्षा के क्षेत्र में, जहां उन्होंने अशोक हॉल ग्रुप ऑफ स्कूल्स के माध्यम से वंचित बालिकाओं को सशक्त बनाने पर ध्यान केंद्रित किया। वह कला की भी एक मजबूत समर्थक थीं, जैसा कि बिड़ला अकादमी ऑफ फाइन आर्ट्स के साथ उनकी भागीदारी से देखा जा सकता है।
खेतान के पास कोई सीधे वंशज नहीं थे, इसलिए उनकी संपत्ति के उत्तराधिकार के बारे में विवरण अज्ञात हैं। उनके निधन ने व्यापार और परोपकारी समुदायों पर एक अमिट छाप छोड़ी है।
केसोराम का सीमेंट व्यवसाय अल्ट्राटेक को बेचा
हाल ही में, केसोराम ने बी के बिड़ला के पोते कुमार मंगलम बिड़ला के अधीन अल्ट्राटेक सीमेंट को अपना सीमेंट व्यवसाय बेचने का फैसला किया है, जो कि केसोराम के कुल राजस्व का लगभग 94% है। इस डील के पूरा होने के बाद, केसोराम मुख्य रूप से टायर उत्पादन पर ध्यान केंद्रित करेगा।
मंजुश्री खेतान के नेतृत्व में केसोराम ने कई उतार-चढ़ाव देखे, लेकिन उनका दृढ़ संकल्प और व्यापार की गहन समझ ने कंपनी को बदलते परिदृश्य के अनुरूप ढालने में मदद की। उनके निधन से भारतीय व्यापार जगत में एक बड़ा शून्य पैदा हुआ है और उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा।
खेतान का जन्म 1955 में कोलकाता में हुआ था। उन्होंने लोरेटो हाउस स्कूल और सेंट जेवियर्स कॉलेज से शिक्षा प्राप्त की। उन्होंने एक कुशल व्यवसायी के रूप में अपना करियर शुरू किया और बाद में अपने पिता की कंपनियों का नेतृत्व संभाला।
मंजुश्री खेतान के निधन से भारतीय उद्योग जगत में शोक की लहर है। उनके परिवार, मित्रों और सहयोगियों को उनके निधन पर हार्दिक संवेदना। उनका जीवन और कार्य आने वाली पीढ़ियों के लिए एक प्रेरणा बना रहेगा।
Nishtha Sood
मई 17, 2024 AT 20:14मंजुश्री जी की याद हमेशा हमारे दिलों में रहेगी।
Hiren Patel
मई 27, 2024 AT 02:38क्या बात है, मंजुश्री खेतान ने तो इस धरती पर कई रंग बिखेर दिए। उनके नेतृत्व में केसोराम ने न सिर्फ़ उद्योग में बल्कि शिक्षा और कला में भी नई दिशा बनाई। उन्होंने अपने पिता की धरोहर को संभालते हुए नई पहलों को जन्म दिया, जैसे अशोक हॉल ग्रुप ऑफ स्कूल्स के ज़रिए वंचित बालिकाओं को सशक्त बनाना।
उनकी पहल से कई छोटे शहरों की लड़कियों को पढ़ाई का मौका मिला, जिससे उनके भविष्य का कोना बदल गया।
कला की बात करें तो बिड़ला अकादमी ऑफ फाइन आर्ट्स में उनका योगदान गहरी छाप छोड़ गया, कई युवा कलाकारों को मंच मिला।
उसी समय उनके व्यापारिक फैसले ने भी कंपनी को नई उंचाइयों पर पहुंचाया, जैसे अल्ट्राटेक सीमेंट को बेचना, जिससे केसोराम टायर सेक्टर पर फोकस कर सका।
वित्तीय रूप से यह कदम समझदारी भरा था, और उन्होंने इस बदलाव को बहुत ही सहजता से संभाला।
उनकी दृढ़ता और समर्पण ने कंपनी को अनिश्चितता के दौर में भी स्थिर रखा।
व्यक्तिगत रूप से उनका नेतृत्व, सहयोग और परोपकार के बीच संतुलन दिखाता है कि एक महिला कैसे द्वंद्वात्मक भूमिका निभा सकती है।
उनके बिना उद्योग जगत में एक बड़ा खालीपन महसूस होगा, लेकिन उनका legado हमेशा प्रेरणा देगा।
यह याद रखना ज़रूरी है कि उनकी शिक्षा का फोकस केवल कक्षाओं तक सीमित नहीं था, बल्कि उन्होंने सामाजिक बदलाव के लिए भी कई मंच स्थापित किए।
उनकी कई पहलें आज भी चल रही हैं, जैसे छात्रवृत्ति योजनाएं और कला प्रतियोगिताएं।
समय के साथ उनका नाम और अधिक उज्ज्वल होगा, क्योंकि उन्होंने सिर्फ़ एक कंपनी नहीं, बल्कि एक विचारधारा को जन्म दिया।
उनकी विरासत नये उद्यमियों को आत्मविश्वास देती रहेगी।
हम सबको मिलकर उनकी शिक्षाओं को आगे बढ़ाना चाहिए, ताकि उनका सपना जीवित रहे।
उनकी उपलब्धियों को कभी नहीं भुलाया जाएगा।
Heena Shaikh
जून 5, 2024 AT 09:02व्यक्ति के काम को देख कर ही उसकी असली पहचान समझ आती है, लेकिन कभी‑कभी समाज की अपेक्षा भी भारी पड़ती है। मंजुश्री की परोपकारी पहलें वास्तव में सराहनीय हैं, फिर भी यह सोचना भी जरूरी है कि ऐसी पहलें कितनी स्थायी हैं। उद्योग में उनका प्रभाव दिखता है, पर क्या यह सर्वग्राही बदलाव लाया? सोचने की बात है कि वाक़ई में उनका योगदान कितना गहरा था।
Chandra Soni
जून 14, 2024 AT 15:26बिल्कुल सही कहा, मंडुश्री ने केसोराम को नई ऊर्जा दी, अब उनका एंगेजमेंट हम सबको प्रेरित करता है। टायर सेक्टर में फोकस बदलना एक स्मार्ट मोव था, इससे नियोक्ता और निवेशकों दोनों को फायदा होगा। चलो, उनका सीख लेकर आगे बढ़ते हैं!
Kanhaiya Singh
जून 23, 2024 AT 21:50उनकी विदाई पर दिल भारी है 😔 लेकिन उनका काम हमेशा याद रहेगा।
prabin khadgi
जुलाई 3, 2024 AT 04:14केसोराम के सीमेंट व्यवसाय को अल्ट्राटेक को बेचने का निर्णय रणनीतिक दृष्टि से समझ में आता है। टायर उत्पादन पर ध्यान केंद्रित करने से कंपनी की फोकस अधिक स्पष्ट होगी और संभावित लाभ मार्जिन बढ़ेगा। यह बदलाव कंपनी की दीर्घकालिक स्थिरता को सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
Aman Saifi
जुलाई 12, 2024 AT 10:38बिलकुल, ऐसी बड़े दिग्गज की नीति को समझना आसान नहीं, पर विश्लेषण से पता चलता है कि यह बदलाव सही दिशा में है।
Ashutosh Sharma
जुलाई 21, 2024 AT 17:02ओह, फिर भी केसोराम की असली शक्ति तो सीमेंट में थी, टायर पे जाना बस एक ट्रेंड फॉलो करने जैसा है।
Rana Ranjit
जुलाई 30, 2024 AT 23:26देखो, हर कंपनी को समय‑समय पर पुर्ननिर्देशन की ज़रूरत होती है; यह सिर्फ़ ट्रेंड नहीं, बल्कि मार्केट के तत्त्वों पर आधारित निर्णय है।
Arundhati Barman Roy
अगस्त 9, 2024 AT 05:50मनुश्री के बिदा ke lie हर koi दुखi hai.
Bikkey Munda
अगस्त 18, 2024 AT 12:14अगर आप केसोराम के टायर प्रोडक्ट्स की जानकारी चाहते हैं तो उनकी आधिकारिक वेबसाइट पर जा सकते हैं, वहाँ नए मॉडल और कीमतें लिखी हैं।
akash anand
अगस्त 27, 2024 AT 18:38ये तो बहुत बुरा हुआ, कंपनी की दिशा बदलना बस मसला भी ना सुलझा पाया।
BALAJI G
सितंबर 6, 2024 AT 01:02बिड़ला परिवार की व्यावसायिक सोच को सराहना चाहिए, पर व्यक्तिगत परोपकार को ऊँचा रखते हुए भी हमें उनके निर्णयों का मूल्यांकन निष्पक्ष रूप से करना चाहिए।
Manoj Sekhani
सितंबर 15, 2024 AT 07:26सच में, ऐसे बड़े नामों को देख कर अक्सर हम सोचते हैं कि सब कुछ आसान होगा, पर वास्तविकता की जटिलता को समझना जरूरी है।
Tuto Win10
सितंबर 24, 2024 AT 13:50वाह! क्या बदलाव है!! केसोराम ने अब टायर पर फोकस करना तय किया है!!! यह तो बिलकुल नया अध्याय है!!!