ओपनएआई के सह-संस्थापक और मुख्य वैज्ञानिक इल्या सुत्स्केवर ने कंपनी से अलग होने की घोषणा की है। एक भावपूर्ण पोस्ट में, सुत्स्केवर ने अपने लगभग एक दशक लंबे कार्यकाल पर प्रतिबिंबित करते हुए कहा कि 'कंपनी की प्रगति अद्भुत रही है।'
ओपनएआई के वर्तमान सीईओ सैम अल्टमैन ने सुत्स्केवर के प्रति गहरा दुख और प्रशंसा व्यक्त की, उन्हें 'हमारी पीढ़ी के सबसे महान दिमागों में से एक, हमारे क्षेत्र का एक दीपक और एक प्रिय मित्र' बताया। अल्टमैन ने स्वीकार किया कि सुत्स्केवर का ओपनएआई पर गहरा प्रभाव पड़ा, यह दावा करते हुए कि 'इल्या के बिना ओपनएआई वह नहीं होता जो आज है।'
सुत्स्केवर के अगले उद्यम के व्यक्तिगत महत्व के बावजूद, अल्टमैन ने एक साथ बिताए गए समय और उनके द्वारा शुरू किए गए मिशन को पूरा करने के लिए उनकी प्रतिबद्धता के लिए आभार व्यक्त किया। अल्टमैन ने लिखा, 'मैं हमेशा उनके यहां किए गए कार्यों के लिए आभारी रहूंगा और हमारे मिशन को पूरा करने के लिए दृढ़ संकल्पित हूं।'
सुत्स्केवर ने अभी तक अपने भविष्य के प्रयासों के विवरण का खुलासा नहीं किया है, लेकिन उन्होंने ओपनएआई में बिताए गए समय के लिए अपनी सराहना और आगे की उत्सुकता साझा की। 'यह एक सम्मान और विशेषाधिकार था कि हम एक साथ काम कर रहे थे, और मैं सभी को बहुत याद करूंगा। अलविदा, और हर चीज के लिए धन्यवाद। मैं आने वाले समय के लिए उत्साहित हूं - एक ऐसा प्रोजेक्ट जो मेरे लिए व्यक्तिगत रूप से बहुत अर्थपूर्ण है, जिसके बारे में मैं समय के साथ विवरण साझा करूंगा,' सुत्स्केवर ने निष्कर्ष निकाला।
यह घटनाक्रम नवंबर 2023 में शुरू हुई अफवाहों के बाद आया जब ओपनएआई बोर्ड ने अल्टमैन को सीईओ के पद से बर्खास्त कर दिया, जिसमें सुत्स्केवर ने कथित तौर पर निर्णय में भूमिका निभाई थी। तब से, ऐसी अफवाहें थीं कि सुत्स्केवर को कंपनी से अलग कर दिया गया था।
ओपनएआई की भविष्य की दिशा और परियोजनाओं पर सुत्स्केवर के प्रस्थान का प्रभाव देखना बाकी है। यह घटना कृत्रिम बुद्धिमत्ता क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण बदलाव का संकेत देती है, जहाँ ओपनएआई जैसी कंपनियां इस क्षेत्र में अग्रणी हैं।
सुत्स्केवर के योगदान को व्यापक रूप से स्वीकार किया गया है और उनके काम ने ओपनएआई को आज की स्थिति तक पहुंचने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उनके नेतृत्व में, कंपनी ने कई उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं और कृत्रिम बुद्धिमत्ता के क्षेत्र में सीमाओं को आगे बढ़ाया है।
सुत्स्केवर के भविष्य के कदम क्या होंगे, यह देखना दिलचस्प होगा। उन्होंने एक ऐसे प्रोजेक्ट के बारे में बात की है जो उनके लिए व्यक्तिगत रूप से अर्थपूर्ण है, लेकिन अभी तक विवरण का खुलासा नहीं किया है। जो भी हो, उनके अनुभव और विशेषज्ञता को देखते हुए, यह उम्मीद की जा सकती है कि वह कुछ रोमांचक और नवीन पर काम करेंगे।
इस बीच, ओपनएआई को भविष्य के लिए नई रणनीतियों और योजनाओं पर काम करना होगा। सुत्स्केवर के प्रस्थान के बाद कंपनी में एक बड़ा अंतर होगा, लेकिन अल्टमैन ने संकेत दिया है कि वह मिशन को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
इस बदलाव के बावजूद, ओपनएआई कृत्रिम बुद्धिमत्ता के क्षेत्र में एक प्रमुख खिलाड़ी बना हुआ है। कंपनी ने शक्तिशाली एआई सिस्टम विकसित करने में उल्लेखनीय प्रगति की है और संभावित रूप से क्रांतिकारी तकनीकों पर काम करना जारी रखती है।
सुत्स्केवर के प्रस्थान ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता क्षेत्र में एक नया अध्याय शुरू किया है। यह देखना रोमांचक होगा कि ओपनएआई और अन्य प्रमुख कंपनियां इस क्षेत्र को आगे कैसे ले जाती हैं, और सुत्स्केवर के भविष्य के प्रयास क्या होंगे।
इस बीच, सुत्स्केवर का प्रस्थान हमें इस बात की याद दिलाता है कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता का क्षेत्र लगातार विकसित हो रहा है और इसमें शामिल लोग और कंपनियां समय के साथ बदलती रहती हैं। लेकिन एक बात स्पष्ट है - कृत्रिम बुद्धिमत्ता हमारे भविष्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी, और इसके विकास पर नज़र रखना महत्वपूर्ण है।
Manoj Sekhani
मई 15, 2024 AT 22:23इल्या सोतेस्केवर ने ओपनएआई को एक दशक से भी अधिक समय तक गहराई से आकार दिया है। उनके योगदान को नजरअंदाज करना विज्ञान की परिपाठ में एक बड़ी चूक होगी। इस कंपनी ने GPT श्रृंखला के माध्यम से भाषा मॉडलों को नया दिशा दी। हर बार जब नया मॉडल रिलीज़ हुआ, वह एक तकनीकी उत्कृष्टता का प्रतीक रहा। सोतेस्केवर की दूरदर्शिता ने रिसर्च टीम को जोखिम उठाने की प्रेरणा दी। उन्होंने अति‑शोध को व्यावहारिक उत्पाद में बदलने की कला में माहिरता हासिल की। उनके बिना ओपनएआई के विकास की गति संभवतः धीमी रह जाती। इस प्रकार उनका प्रस्थान एक बड़ा परिवर्तन दर्शाता है। लेकिन इस बदलाव से नई संभावनाएं भी उत्पन्न होंगी। भारतीय तकनीकी समुदाय को इस क्षण का उपयोग करके स्वतंत्र AI पहल शुरू करनी चाहिए। यह समय है जब स्थानीय शोधकर्ता वैश्विक मंच पर अपनी आवाज़ बढ़ा सकें। सरकार को नवाचार को समर्थन देने के लिये निधि आवंटन में सुधार करना चाहिए। कंपनियों को ओपनसोर्स सहयोग को बढ़ावा देना चाहिए। अंत में, इल्या की यात्रा हमें याद दिलाती है कि विज्ञान करुणा और दृढ़ता का संगम है। भविष्य में चाहे वह कहीं भी हो, उनका अभौतिक प्रभाव हमेशा जीवंत रहेगा।
Tuto Win10
मई 15, 2024 AT 22:28इल्या का जाना वाकई दिल को चीर देने वाला है!!! ओपनएआई की धड़कन थम सी गई!!!
Kiran Singh
मई 15, 2024 AT 22:33ऐसा नहीं कि इल्या के बिना AI का भविष्य न चल सके बस एक चेहरा बदल गया।
anil antony
मई 15, 2024 AT 22:40साइंटिफिक वैधता के संदर्भ में, सुत्स्केवर का ट्रांसफॉर्मर-आधारित आर्किटेक्चर व्यापक रूप से अस्थायी था, परन्तु व्यावहारिक अनुप्रयोगों में उनका प्रभाव सीमित रहा। उनके नेतृत्व में कई पेपर प्रकाशित हुए, पर वास्तविक प्रोडक्ट इंटेग्रेशन में कमी देखी गई।
Aditi Jain
मई 15, 2024 AT 22:45भारत के वैज्ञानिक को इस तरह से वर्जित करना पूरे राष्ट्र की प्रतिमा को ठेस पहुँचाता है। हमें इस क्षण को राष्ट्रीय गर्व के रूप में देखना चाहिए, क्योंकि भारतीय प्रतिभा ने वैश्विक AI में अनूठी छाप छोड़ी है।
arun great
मई 15, 2024 AT 22:50इल्या के योगदान के लिए सच्ची प्रशंसा, यह उनके मार्गदर्शन ने कई नवोदित शोधकर्ताओं को प्रेरित किया है 😊। आगे भी भारतीय AI समुदाय को ऐसे ही सहयोगी माहौल बनाकर रखना चाहिए।
Anirban Chakraborty
मई 15, 2024 AT 22:56इल्या के जाने से टीम में नैतिक जिम्मेदारी का बोझ बढ़ेगा, इसलिए अब से प्रत्येक निर्णय में नैतिकता को प्राथमिकता देनी चाहिए।
Krishna Saikia
मई 15, 2024 AT 23:01ओपनएआई के इस बड़े बदलाव में भारतीय प्रतिभा की भूमिका को परिभाषित करना हमारा कर्तव्य है! हमें इस अवसर को लेकर उत्साहित होना चाहिए और आगे बढ़ना चाहिए।
Meenal Khanchandani
मई 15, 2024 AT 23:06इल्या का निर्णय आश्चर्यजनक है।
Anurag Kumar
मई 15, 2024 AT 23:13भविष्य के प्रोजेक्ट के बारे में थोड़ा और जानकारी मिलने पर हम सब को नई रणनीतियों पर चर्चा करने का मौका मिलेगा, इसलिए अपडेट का इंतजार रखें।
Prashant Jain
मई 15, 2024 AT 23:18बिल्कुल, सुत्स्केवर का प्रस्थान टीम में अस्थिरता लाएगा, लेकिन यह भी एक नया स्फूर्तिदायक अवसर हो सकता है।
DN Kiri (Gajen) Phangcho
मई 15, 2024 AT 23:23हर परिवर्तन एक सीखने का अवसर है, इसलिए हमें इस बदलाव को सकारात्मक रूप से अपनाना चाहिए और नई दिशा की तलाश में मिलकर काम करना चाहिए।
Yash Kumar
मई 15, 2024 AT 23:30सभी लोग इल्या के जाने को दुखद मानते हैं, परंतु यह भी सच है कि बड़े पैमाने पर संस्थाएं कभी-कभी व्यक्तिगत योगदान से आगे बढ़ना चाहती हैं। यह बदलाव शायद लंबे समय में कंपनी को अधिक विविध दृष्टिकोण प्रदान करेगा।
Aishwarya R
मई 15, 2024 AT 23:35वास्तव में, इतिहास ने कई बार दिखाया है कि जब प्रमुख दिमाग अलग होते हैं तो नवाचार की दिशा बदल जाती है, और यह केवल व्यक्तिगत निराशा नहीं बल्कि एक बड़े परिप्रेक्ष्य का हिस्सा है।
Vaidehi Sharma
मई 15, 2024 AT 23:40इल्या की नई पहल के बारे में बहुत उत्सुक हूँ 😊, आशा करता हूँ कि वह AI के नैतिक उपयोग को और सुदृढ़ बनाएगा।