संघ से केंद्रीय मंत्री: नरेंद्र मोदी की कैबिनेट में बंदी संजय कुमार का सफर
बंदी संजय कुमार का प्रारंभिक जीवन और संघ से जुड़ाव
बंदी संजय कुमार का जन्म 11 जुलाई 1971 को शकुंतला और नरसैया के परिवार में हुआ। उनका परिवार शिक्षक परिवेश से आया, जिससे संजय को समाज और शिक्षा की महत्ता का एहसास हुआ। छोटी उम्र से ही संजय राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के साथ सक्रिय हो गए थे। आरएसएस में रहकर उन्होंने भारतीय संस्कृति, शिष्टाचार और नैतिक मूल्य सीखे। धीरे-धीरे उनका झुकाव अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) की ओर हुआ, जहां उन्होंने विभिन्न पदों पर काम किया और छात्रों के बीच अपनी पहचान बनाई।
राजनीतिक करियर की शुरुआत
संजय का राजनीतिक करियर 2005 में कारीमनगर के 48वें डिविजन से निगम पार्षद के रूप में चुने जाने से शुरू हुआ। यह वह दौर था जब उन्होंने जनता के बीच अपनी सेवा भावना के माध्यम से विश्वास हासिल किया। अगले तीन लगातार कार्यकाल में जनता ने सदस्य के रूप में उन पर भरोसा जताया और उन्हें चुना। उनका काम उनकी नीति 'सेवा ही सच्चा धर्म' के साथ जुड़ा रहा।
लोकसभा चुनाव में सफलता
2019 का साल संजय के लिए बड़ी सफलता का साल साबित हुआ। उन्होंने कारीमनगर से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के उम्मीदवार के रूप में लोकसभा चुनाव लड़ा और ध्यानाकर्षण किया। उनके प्रमुख विरोधी तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के बी. विनोद कुमार थे। संजय ने शानदार जीत दर्ज की और 89,508 वोटो से विजय हासिल की। इस जीत ने न केवल उनके राजनीतिक करियर को ऊंचाइयों तक पहुंचाया, बल्कि तेलंगाना बीजेपी में भी उनका कद बढ़ाया।
कारीमनगर बीजेपी इकाई के अध्यक्ष
संजय ने कारीमनगर भाजपा इकाई के अध्यक्ष का पद दो बार संभाला। इस दौरान उन्होंने पार्टी के संगठनात्मक ढांचे को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाई। उनकी नेतृत्व क्षमता और नीतियां पार्टी के हित के लिए अति महत्वपूर्ण साबित हुईं। उन्होंने क्षेत्रीय मुद्दों को राष्ट्रीय स्तर पर उठाने में भी सक्रिय भूमिका निभाई।
केंद्रीय मंत्री के रूप में शपथ
हाल ही में नरेंद्र मोदी की कैबिनेट में बंदी संजय कुमार को केंद्रीय मंत्री पद की शपथ दिलाई गई। यह न केवल उनके लिए एक बड़ा सम्मान है, बल्कि तेलंगाना के बीजेपी नेताओं के लिए भी गर्व का क्षण है। मोदी सरकार ने तेलुगु राज्यों के सांसदों को प्रमुखता देकर यह दर्शाया है कि उसे इन क्षेत्रों की समस्यों का गंभीरता से समाधान करना है।
तेलंगाना में बीजेपी का भविष्य
संजय की केंद्रीय मंत्री के रूप में नियुक्ति भाजपा की तेलंगाना में बढ़ती सक्रियता का संकेत है। पार्टी ने राज्य में बहुजन समुदाय के वोटरों को आकर्षित करने की रणनीति बनाई है, और संजय की भूमिका इसमें महत्वपूर्ण होगी। बीजेपी ने यह फैसला तेलंगाना की जनता के बीच अपनी पकड़ मजबूत करने के उद्देश्य से लिया है। इससे राज्य में पार्टी और मजबूत होगी और आने वाले चुनावों में उसे इसका लाभ मिल सकता है।
आगे की राह
बंदी संजय कुमार के लिए यह एक नई शुरुआत है। हालांकि उनकी यात्रा कठिन रही है, लेकिन उनकी सेवा भाव और परिश्रम ने उन्हें इस मुकाम तक पहुंचाया है। अब उनके सामने नई चुनौतियाँ हैं जिनसे निपटना है। संजय के समर्थक और तेलंगाना बीजेपी के कार्यकर्ता उनके केंद्रीय मंत्री के रूप में प्रदर्शन का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।