सूर्यकुमार यादव ने गौतम गंभीर के साथ बंधन को लेकर खुलकर बात की, कहा बेशक मैं नहीं था

सूर्यकुमार यादव ने गौतम गंभीर के साथ बंधन को लेकर खुलकर बात की, कहा बेशक मैं नहीं था

सूर्यकुमार यादव और गौतम गंभीर का अनोखा बंधन

भारतीय T20I टीम के नए कप्तान सूर्यकुमार यादव ने श्रीलंका श्रृंखला से पहले अपने मुख्य कोच गौतम गंभीर के साथ अपने संबंधों के बारे में खुलकर बात की। यह बंधन 2014 से है जब वे दोनों कोलकाता नाइट राइडर्स (केकेआर) के लिए इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में एक साथ खेले थे। यादव ने इस रिश्ते को मजबूत और विशेष बताया, जिसमें दोनों की आपसी समझ और समर्थन की महत्वपूर्ण भूमिका है।

सूर्यकुमार यादव ने कहा कि गौतम गंभीर उनके मानसिकता और अभ्यास सत्र की गहराई से समझ रखते हैं, जिसके कारण वे आसानी से साथ काम कर सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि गंभीर ने हमेशा उन्हें खेल के लिए तैयार होने और बेहतरीन प्रदर्शन देने के लिए प्रेरित किया है। इस रिश्ते के कारण यादव को विश्वास है कि वे एक सफल टीम बना सकते हैं।

श्रीलंका श्रृंखला भारतीय क्रिकेट के लिए एक नई शुरुआत का प्रतीक है। T20 विश्व कप 2024 के बाद, राहुल द्रविड़ की जगह गौतम गंभीर ने मुख्य कोच के रूप में कार्यभार संभाला है और हार्दिक पांड्या की जगह सूर्यकुमार यादव नए T20I कप्तान बने हैं। यादव ने कहा कि गंभीर के नेतृत्व में यह नई यात्रा रोमांचक होगी और वे दोनों मिलकर टीम को नई ऊँचाइयों तक ले जाने के लिए तैयार हैं।

गंभीर और यादव का आईपीएल सफर

इस संबंध की शुरुआत 2014 में हुई जब यादव और गंभीर दोनों केकेआर के लिए एक साथ खेले। उस समय से दोनों ने एक दूसरे के खेल को समझा और एक मजबूत संबंध विकसित किया। यादव ने कहा कि गंभीर ने उन्हें हमेशा से खेल की बारीकियों को समझने और अपनी क्षमताओं को बेहतर बनाने के लिए मार्गदर्शन दिया है। यह संबंध न केवल मैदान पर बल्कि मैदान के बाहर भी मजबूत होता गया है।

गंभीर ने यादव की प्रतिभा को जल्दी ही पहचान लिया और उन्हें अधिक महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाने के लिए तैयार किया। यादव ने गंभीर के प्रति आभार व्यक्त किया और कहा कि उनके समर्थन के बिना वह इस मुकाम पर नहीं पहुँच सकते थे। उन्होंने कहा कि गंभीर के साथ का अनुभव उन्हें आत्मविश्वास और प्रेरणा देता है।

नई जिम्मेदारियों के साथ नई चुनौतियाँ

नई जिम्मेदारियों के साथ नई चुनौतियाँ

नए T20I कप्तान बनने के बाद सूर्यकुमार यादव के सामने नई जिम्मेदारियाँ और चुनौतियाँ हैं। उन्होंने कहा कि वे इन चुनौतियों का सामना करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं और अपने कोच गंभीर के मार्गदर्शन में टीम को आगे बढ़ाने के लिए उत्साहित हैं। यादव ने कहा कि गंभीर के साथ काम करना हमेशा से विशेष रहा है और वह उनके अनुभव और ज्ञान का पूरा लाभ उठाना चाहेंगे।

सूर्यकुमार यादव ने अपनी कप्तानी शैली को लेकर भी बात की। उन्होंने कहा कि वह टीम में अनुशासन और आत्मविश्वास को प्राथमिकता देंगे। उन्होंने यह भी बताया कि गंभीर का अनुसरण करते हुए वह एक संगठित और लक्ष्य केंद्रित टीम बनाने की कोशिश करेंगे। यादव ने कहा कि उनका लक्ष्य केवल मैच जीतना नहीं है, बल्कि एक मजबूत टीम संस्कृति स्थापित करना है जो भविष्य में भी सफल हो सके।

श्रृंखला की तैयारी और संभावनाएँ

श्रृंखला की तैयारी और संभावनाएँ

श्रीलंका श्रृंखला भारतीय क्रिकेट के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह नई कप्तानी और कोचिंग स्टाफ के तहत पहली श्रृंखला है। यादव और गंभीर दोनों ने कहा कि वे इस श्रृंखला को गंभीरता से ले रहे हैं और खिलाड़ियों से भी यही उम्मीद करेंगे। टीम के प्रदर्शन पर नजर रखते हुए दोनों यह सुनिश्चित करेंगे कि खिलाड़ी अपनी क्षमता के मुताबिक प्रदर्शन करें।

यादव ने टीम की तैयारी को लेकर भी बात की। उन्होंने कहा कि सभी खिलाड़ी अपनी फिटनेस और फॉर्म को लेकर गंभीर हैं और श्रृंखला के लिए पूरी तैयारी कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि गंभीर की अगुवाई में टीम की रणनीति पर भी काम किया जा रहा है और समय पर निर्णय लेने की क्षमता को भी बढ़ावा दिया जा रहा है।

यादव और गंभीर की भविष्य की योजनाएँ

सूर्यकुमार यादव और गौतम गंभीर दोनों ने अपनी भविष्य की योजनाओं को लेकर आशावाद व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि उनका लक्ष्य केवल शॉर्ट टर्म में सफलता पाना नहीं बल्कि एक लंबी अवधि की योजना तैयार करना है। यादव ने कहा कि गंभीर के साथ मिलकर वह एक ऐसी टीम तैयार करना चाहते हैं जो किसी भी परिस्थिति में बेहतर प्रदर्शन कर सके। वह चाहते हैं कि टीम में हर खिलाड़ी अपनी पूरी क्षमता का उपयोग कर सके और उच्चतम स्तर पर प्रदर्शन कर सके।

गंभीर ने भी इस बात पर जोर दिया कि टीम की सफलता केवल मैच जीतने से नहीं बल्कि खिलाड़ियों की विकासशीलता और टीम संस्कृति से भी मापी जाएगी। उन्होंने कहा कि वह चाहते हैं कि हर खिलाड़ी आत्मविश्वासी हो और मैदान पर बिना किसी डर के खेल सके।

इस प्रकार, सूर्यकुमार यादव और गौतम गंभीर की जोड़ी भारतीय क्रिकेट में एक नई ऊर्जा और नया दृष्टिकोण लेकर आई है। उनके बंधन और आपसी समझ का फायदा उठाकर टीम भारत निश्चित रूप से अपनी पुरानी हस्तियों को दोबारा हासिल करने की ओर अग्रसर है।

समाप्ति में

समाप्ति में

भारतीय क्रिकेट के नए कप्तान सूर्यकुमार यादव और मुख्य कोच गौतम गंभीर ने अपने बंधन और आपसी समझ से नई संभावनाओं और उत्साह का निर्माण किया है। श्रीलंका श्रृंखला उनके लिए एक नई यात्रा की शुरुआत है, जिसमें वे दोनों मिलकर भारतीय क्रिकेट को नई ऊँचाइयों पर ले जाने का प्रयास करेंगे। यही सुंदर संबंध और आपसी समर्थन भारतीय टीम को सफलता की नई ऊँचाइयों तक पहुँचा सकता है।

17 टिप्पणि

  • Image placeholder

    abhinav gupta

    जुलाई 27, 2024 AT 22:32

    सूर्यकुमार की बातों में थोड़ी झलक है कि कोच से बंधन सिर्फ मैदान तक सीमित नहीं है, यह पुराने दोस्ती का ही हिस्सा है

  • Image placeholder

    vinay viswkarma

    जुलाई 28, 2024 AT 12:25

    पर असली मसला तो यह है कि नई कप्तानी में सिर्फ दोस्ती नहीं, रणनीति भी चाहिए, नहीं तो सब कुछ फँस जाएगा

  • Image placeholder

    sanjay sharma

    जुलाई 29, 2024 AT 02:18

    गौतम गंभीर का कोचिंग अनुभव युवा कप्तानों को संरचना देता है, जिससे टीम की स्थिरता बढ़ती है

  • Image placeholder

    varun spike

    जुलाई 29, 2024 AT 16:12

    क्या यह कहना उचित नहीं होगा कि कोच और कप्तान के बीच पारस्परिक समझ टीम के प्रदर्शन को सीधे प्रभावित करती है

  • Image placeholder

    Chandan Pal

    जुलाई 30, 2024 AT 06:05

    भाई लोगों, इस बंधन को देखना ऐसा लगता है जैसे दो दीवानगी वाले दोस्त क्रिकेट की लड़ाई में साथ हाथ बँटाते हैं 😎🏏

  • Image placeholder

    SIDDHARTH CHELLADURAI

    जुलाई 30, 2024 AT 19:58

    ⚡️कोच का समर्थन और कप्तान की ऊर्जा मिल कर टीम को नई दिशा देगी, उम्मीद है हम सबको मज़ा आएगा

  • Image placeholder

    Deepak Verma

    जुलाई 31, 2024 AT 09:52

    भाई लोग, धीरे-धीरे यह समझ लेना चाहिए कि बंधन सिर्फ बातें नहीं, यह टीम के पॉलिसी और गेम प्लान में भी दिखना चाहिए

  • Image placeholder

    Rani Muker

    जुलाई 31, 2024 AT 23:45

    सही कहा, बंधन को अगर काम में लाया जाए तो युवा खिलाड़ी भी भरोसा करने लगेंगे और प्रदर्शन सुधरेगा

  • Image placeholder

    Hansraj Surti

    अगस्त 1, 2024 AT 13:38

    सूर्यकुमार यादव ने अपने कोच के साथ की गई बातचीत को सुनकर मन में कई विचार उत्पन्न होते हैं। यह बंधन केवल व्यक्तिगत ही नहीं बल्कि पेशेवर स्तर पर भी गहरा असर डालता है। जब दो लोग एक ही विज़न को साझा करते हैं तो टीम के भीतर सामंजस्य बनता है। गंभीर का कोचिंग दृष्टिकोण युवा उत्साह को दिशा देता है। कप्तान की नेतृत्व शैली में वह अनुभव को प्रतिबिंबित करता है। ऐसा सहयोग अक्सर असंतुलन को संतुलित करता है और दबाव के तहत धैर्य को बढ़ाता है। टीम के खिलाड़ी भी इस ऊर्जा को महसूस करते हैं और उनका प्रदर्शन सुधरता है। बंधन को अगर सही मायनों में उपयोग किया जाए तो यह स्ट्रेटेजिक फैसलों को आसान बनाता है। यह सिर्फ शब्दों का खेल नहीं, बल्कि मैदान में परिणाम दिखाता है। युवा खिलाड़ियों को एक स्थिर संरचना मिलती है जिससे उनका विकास तेज़ होता है। कोच की नज़र में छोटे विवरण भी बड़े बदलाव लाते हैं। कप्तान का आत्मविश्वास भी इस बंधन से पोषित होता है। इस प्रकार दोनों का सामंजस्य टीम को नई ऊँचाइयों तक ले जा सकता है। अंत में यह कहा जा सकता है कि यह बंधन खेल की भावना को नए सिरे से परिभाषित करता है। आशा है कि इस साझेदारी से भारतीय टीम कई जीतें हासिल करेगी।

  • Image placeholder

    Naman Patidar

    अगस्त 2, 2024 AT 03:32

    सच में, ऐसा बंधन टीम को ठीक से आगे बढ़ाने में मदद करेगा

  • Image placeholder

    Vinay Bhushan

    अगस्त 2, 2024 AT 17:25

    कोच और कप्तान का सहयोग स्पष्ट रूप से टीम की रणनीति को मजबूत करेगा, हमें इस दिशा में कदम रखना चाहिए

  • Image placeholder

    Gursharn Bhatti

    अगस्त 3, 2024 AT 07:18

    लेकिन कभी-कभी ऐसा लगता है कि इन बड़े बंधनों के पीछे छिपे हित समूह होते हैं जो केवल अपने ही लाभ के लिए खेल को मोड़ते हैं। यदि कप्तान और कोच असली उद्देश्य से परे कुछ और योजना बना रहे हों तो यह टीम के भविष्य के लिए खतरा बन सकता है। इसलिए हमें सतर्क रहना चाहिए और केवल बयानों पर भरोसा नहीं करना चाहिए।

  • Image placeholder

    Arindam Roy

    अगस्त 3, 2024 AT 21:12

    हमें इस बंधन को देख कर थोड़ा हिचकिचाहट महसूस हो रही है

  • Image placeholder

    Parth Kaushal

    अगस्त 4, 2024 AT 11:05

    बन्धन के बारे में हर कोई अपने-अपने अंदाज़ में बात करता है, परन्तु वास्तविकता यह है कि केवल शब्दों से नहीं, कार्यों से ही पता चलता है कि यह कितनी गहरी जड़ें रखता है। यदि टीम इस संबंध को सच्ची प्रतिबद्धता में बदल लेगी तो परिणाम स्वाभाविक रूप से सकारात्मक होंगे। नहीं तो यह सिर्फ एक दिखावा बन जाएगा जो केवल मीडिया की चर्चा को बढ़ाएगा।

  • Image placeholder

    Namrata Verma

    अगस्त 5, 2024 AT 00:58

    ओह, क्या बात है! सूर्यकुमार ने फिर से सबको बताया कि वह कोच के बिना नहीं है-जैसे कोई नया सुपरहिरो कहानी!; बताओ, इस बंधन से क्या नया ट्रीटमेंट मिलेगा टीम को??!; उम्मीद तो यही है कि इस बार कुछ असली बदलाव आएगा, नहीं तो बस पुरानी ट्रेंड दोहराव ही रहेगा।

  • Image placeholder

    Manish Mistry

    अगस्त 5, 2024 AT 14:52

    वास्तव में, बन्धन की अवधारणा को वास्तविक कार्यों के साथ संलग्न करना आवश्यक है, तभी यह शब्दों का मात्र काव्य नहीं रहेगा।

  • Image placeholder

    Rashid Ali

    अगस्त 6, 2024 AT 04:45

    देखेंगे क्या, इस बन्धन से टीम को नई जीत मिलती है?

एक टिप्पणी लिखें