उस्मान खवाजा पर फर्जी इन्ज़ुरी का आरोप: F1 रेस में दिखे, बोले गुस्से में
विवाद की शुरुआत: चोट और F1 रेस का टकराव
ऑस्ट्रेलिया के 38 साल के बाएँ हाथ के ओपनर Usman Khawaja को क्विंसलैंड के शेफ़ील्ड शिल्ड मैच में नहीं देख पाई गई। टीम ने बताया कि वह हैमस्टिंग की चोट के कारण अनुपलब्ध है, लेकिन वही सप्ताह के अंत में वह और उनकी पत्नी मैल्बोर्न में हुए ऑस्ट्रेलियन ग्रांड प्री में फॉर्मूला वन रेस देखते हुए फोटोग्राफ़ में पकड़े गए। यह दृश्य सोशल मीडिया पर तेजी से फेलाया गया और कई लोगों ने सवाल उठाया कि क्या खवाजा ने सच में चोट ली थी या नहीं।
क्विंसलैंड क्रिकेट की एलीट क्रिकेट हेड, जो डावेस, ने तुरंत इस पर टिप्पणी की। उन्होंने न्यूज़ कॉर्प को बताया कि टीम के मेडिकल स्टाफ ने लगातार कहा कि खवाजा फिट है और सिलेक्ट होने के लायक है। डावेस ने कहा, "हमारे मेडिकल स्टाफ ने कहा कि वह पूरी तरह से उपलब्ध था, कोई हैमस्टिंग इन्ज़्युरी नहीं है।" उन्होंने यह भी जोड़ा कि कई खिलाड़ी हैं जिन्होंने मौका चाहा था, पर खवाजा ने टीम के लिए नहीं खेला।
डावेस की इस कठोर टिप्पणी ने मीडिया में धूम मचा दी। कई पत्रकारों ने इस बात को "इंसिडेंट की सच्चाई की जाँच" कहकर उठाया, जबकि कुछ ने खवाजा के व्यक्तिगत अधिकारों की रक्षा करने की बात उठाई।
खवाजा की प्रतिक्रिया: गुस्सा, निराशा और स्पष्ट जवाब
खवाजा ने इस पूरे आरोप को लेकर अत्यंत गुस्सा व्यक्त किया। उन्होंने बताया कि उन्होंने पहले इस मुद्दे को अंदरूनी तौर पर सुलझाने की कोशिश की थी, लेकिन डावेस के सार्वजनिक बयान ने उन्हें मजबूर कर दिया। वह पत्रकारों से कहे, "जो डावेस ने कुछ इन्फ्लेमेटरी बातें कही, वह मेरे लिए बहुत निराशाजनक थी।"
सबसे बड़ा बिंदु यह था कि खवाजा ने डावेस के उस बयान को खारिज कर कहा कि मेडिकल स्टाफ को चोट के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। उन्होंने दृढ़ स्वर में कहा, "डावेस ने कहा मेडिकल स्टाफ को इन्ज़ुरी नहीं पता, वह 100% गलत है। यह मेरा सबसे बड़ा झटका था।"
खवाजा ने बताया कि ग्रांड प्री में रहते हुए भी वह अपनी रिहैबिलिटेशन जारी रख रहा था। उन्होंने कहा कि उन्होंने मेलबोर्न में तीन जिम सत्र पूरे किए, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि वह चोट के कारण पूरी तरह से बेकार नहीं था।
उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि जनता की नजर में फॉर्मूला वन के ट्रैक पर देखे जाने से "ऑप्टिक्स" बुरी लग सकती है, पर वह इस बात को लेकर निराश थे कि इस बात को किसने सही तरीके से समझा नहीं। "मैं समझता हूँ लोग इसे देखेंगे और सारा तथ्य नहीं जानेंगे, पर उसी कारण से मैं अपनी बात रखना चाहता हूँ," उन्होंने कहा।
खेल के प्रति अपने प्रेम को दर्शाते हुए, खवाजा ने कहा कि वह क्विंसलैंड के लिए दिल से खेलते हैं और टीम को छोड़ने का कोई इरादा नहीं है। "मैं क्विंसलैंड को अपना हृदय और आत्मा देता हूँ, जैसे जॉइ के देता है, और यह बात सुनकर मुझे बहुत दुख हुआ," उन्होंने भावपूर्ण स्वर में कहा।
कोच एंड्र्यू मैकडॉनल्ड का समर्थन और अन्य खिलाड़ियों की स्थिति
हालांकि विवाद तीव्र हो रहा था, लेकिन ऑस्ट्रेलिया के राष्ट्रीय टीम कोच एंड्र्यू मैकडॉनल्ड ने खवाजा का समर्थन किया। खवाजा ने बताया कि उन्होंने मैकडॉनल्ड से बात की और कोच ने कहा, "उज़ी, तुम अपने खाली समय में क्या करना चाहो, मुझे कोई दिक्कत नहीं।" इस समर्थन ने खवाजा को आश्वस्त किया कि उनका व्यक्तिगत समय और पेशेवर जिम्मेदारियों में संतुलन बना रहे।
रोचक बात यह है कि उसी ग्रांड प्री में अन्य ऑस्ट्रेलियन क्रिकेटर भी मौजूद थे। स्पिनर नाथन लियोन अपनी पत्नी के साथ रेस देख रहे थे, लेकिन उन्हें इस विवाद में नहीं फँसाया गया। लियोन ने बाद में कहा कि वह भी अपनी निजी ज़िंदगी में समय बिताते हैं और यह उनके प्रदर्शन को प्रभावित नहीं करता।
डावेस ने कहा कि वे उम्मीद करते हैं खवाजा क्विंसलैंड के अगले शील्ड फाइनल में उपलब्ध होंगे, पर अब दोनों पक्षों के बीच संबंध कुछ तनावपूर्ण हो गए हैं। इस विवाद ने दर्शाया कि घरेलू क्रिकेट को अंतरराष्ट्रीय खेलों की चमक के सामने कैसे अपनी जगह बनाए रखनी है।
कुल मिलाकर, यह मामला खिलाड़ी की निजी स्वतंत्रता, चोट प्रबंधन, और प्रशासनिक पारदर्शिता के बीच के जटिल संबंध को उजागर करता है। क्या भविष्य में ऐसे ही विवाद फिर आएँगे, यह अभी स्पष्ट नहीं, पर इस घटना ने सभी संबंधित पक्षों को अपनी-अपनी नीतियों पर पुनर्विचार करने पर मजबूर कर दिया है।