तारीख तय, मंच दुबई, समय रात 8 बजे—भारत और पाकिस्तान की ग्रुप-स्टेज भिड़ंत 14 सितंबर को प्राइम-टाइम में होगी। एशियाई क्रिकेट परिषद (ACC) ने एशिया कप 2025 का पूरा शेड्यूल और टाइमिंग बदलाव जारी कर दिए हैं। ज्यादातर मुकाबले अब 30 मिनट देर से, यानी 8:00 PM IST (6:30 PM स्थानीय समय) से शुरू होंगे। फैंस के लिए इससे बेहतर स्लॉट मुश्किल है, और ब्रॉडकास्टर्स को भी यही चाहिए था। Asia Cup 2025 का उद्घाटन 9 सितंबर को अबू धाबी में अफगानिस्तान बनाम हांगकांग से होगा, जबकि फाइनल 28 सितंबर को दुबई में खेला जाएगा; 29 सितंबर रिजर्व डे रहेगा।
टूर्नामेंट फॉर्मेट और समूह
यह टूर्नामेंट टी20 फॉर्मेट में 19 मैचों के साथ खेला जाएगा। दो ग्रुप—A और B—से शुरुआत होगी, फिर सुपर-4 चरण और उसके बाद खिताबी मुकाबला। भारत मौजूदा चैंपियन है; पिछली बार फाइनल में टीम ने श्रीलंका को 10 विकेट से हराकर रिकॉर्ड आठवां खिताब जीता था। इस बार भी नजरें भारत पर टिकी हैं, और टीम की कप्तानी सूर्यकुमार यादव के हाथों में होगी।
ग्रुप इस तरह बंटे हैं:
- ग्रुप A: भारत, पाकिस्तान, मेजबान यूएई, ओमान
- ग्रुप B: अफगानिस्तान, बांग्लादेश, हांगकांग, श्रीलंका
ग्रुप-स्टेज के बाद शीर्ष दो-दो टीमें सुपर-4 में पहुंचेंगी। यहां राउंड-रॉबिन होगा, यानी हर टीम दूसरी तीनों टीमों से खेलेगी। एसीसी ने सुपर-4 के तीन अहम मैचों की तारीखें भी साफ कर दी हैं—24 सितंबर (A1 बनाम B2), 25 सितंबर (A2 बनाम B1) और 26 सितंबर (A1 बनाम B1), तीनों दुबई में। इसके बाद 28 सितंबर की रात फाइनल, वहीं दुबई में।
भारत के लिए ग्रुप A खास है, क्योंकि पाकिस्तान के अलावा यहां यूएई और ओमान जैसी टीमें भी हैं, जो अपने हालात में उलटफेर कर सकती हैं। 14 सितंबर को दुबई में भारत-पाक मैच सबसे बड़ी सुर्खी रहेगा। उसके अलावा भारत अपने बाकी दो ग्रुप मैच यूएई और ओमान के खिलाफ खेलेगा; इन मुकाबलों के स्थान और दिनांक ऑपरेशनल शेड्यूल के साथ स्पष्ट होंगे, पर टाइम-स्लॉट 8 बजे IST ही रहेगा।
टूर्नामेंट दो शहरों—दुबई और अबू धाबी—में होगा। दुबई बड़े मैचों का केंद्र है: भारत-पाक, सुपर-4 और फाइनल यहीं। अबू धाबी ग्रुप-स्टेज की मेजबानी करेगा और यहीं 9 सितंबर को टूर्नामेंट की शुरुआत होगी। एक अहम अपवाद 15 सितंबर को अबू धाबी में यूएई बनाम ओमान है, जो दिन का मैच होगा—5:30 PM IST (4:00 PM स्थानीय समय) से।
टाइमिंग बदलाव और उसका असर
शुरुआती प्लान के मुताबिक सभी मैच 7:30 PM IST से थे, पर एसीसी ने 18 मुकाबलों को 8:00 PM IST कर दिया। वजहें सीधी हैं—टीवी के लिए बेहतर प्राइम-टाइम, और यूएई की सितंबर वाली गर्मी, जो देर शाम थोड़ा नरम पड़ती है। देर से शुरुआत का एक असर डेथ ओवर्स में ओस पर भी दिख सकता है, खासकर दुबई में। स्पिनरों की ग्रिप पर इसका असर पड़ेगा और टॉस का महत्व बढ़ेगा।
अबू धाबी और दुबई के विकेट आमतौर पर अलग व्यवहार करते हैं। दुबई में सफेद गेंद के साथ शुरू में थोड़ी सीम मूवमेंट दिखती है, फिर सतह धीमी पड़ जाती है—मध्य ओवरों में स्पिन अहम हो जाता है। अबू धाबी अपेक्षाकृत सख्त और तेज हो सकता है, जहां हार्ड लेंथ और बैक-ऑफ-लेंथ से पेसरों को मदद मिलती है। रात में ओस आई तो दूसरी पारी में स्ट्रोक-प्ले आसान हो सकता है, इसलिए पावरप्ले में बढ़त बनाना बैटिंग टीम का लक्ष्य रहेगा।
फैंस के लिहाज से 8 बजे का स्लॉट भारत और पाकिस्तान—दोनों देशों—के लिए अनुकूल है। काम के बाद दर्शक स्क्रीन पर होंगे और वीकेंड्स पर स्टेडियम भरने की उम्मीद और भी ज्यादा है। भारत-पाक मैच के टिकट की मांग अलग ही स्तर पर जाएगी; सुरक्षा और लॉजिस्टिक्स पर स्थानीय प्रशासन और एसीसी की संयुक्त तैयारियां पहले से चल रही हैं।
इतिहास बताता है कि एशिया कप में भारत सबसे सफल टीम है—आठ ट्रॉफियां। श्रीलंका उसके पीछे है और पाकिस्तान दो खिताब लेकर तीसरे नंबर पर। यूएई की मेजबानी नई नहीं है; 2018 में भी टूर्नामेंट यहीं हुआ था और तब भारत ने फाइनल में आखिरी गेंद पर बांग्लादेश को हराया था। यूएई की परिस्थितियां न्यूट्रल हैं, पर सबको पता है कि यहां छोटी-छोटी रणनीतियां मैच पलट देती हैं—पेसरों की धीमी गेंदें, बड़े मैदानों पर गहराई में फील्डिंग, और मध्य ओवरों में जोखिम-नियंत्रित बैटिंग।
भारत की राह क्या कहती है? एक तो ग्रुप-स्टेज में नेट रन रेट को संभालकर चलना होगा। दूसरा, बैटिंग टेम्पलेट—पावरप्ले में ठोस शुरुआत, मध्य ओवरों में एंकर-प्लस-एग्रेसन, और डेथ में फिनिश। गेंदबाजी में नई गेंद से विकेट, फिर स्पिन-चार्ज, और आखिर में वैरिएशंस जरूरी रहेंगे। सूर्यकुमार यादव के नेतृत्व में बैटिंग की रफ्तार स्वाभाविक तौर पर आक्रामक रहेगी, पर यूएई में हालात देखते हुए रोल क्लैरिटी और फ्लेक्सिबिलिटी साथ-साथ चलानी होगी।
पाकिस्तान के खिलाफ मुकाबला हमेशा प्लान A और प्लान B दोनों मांगता है। नई गेंद से उछाल मिल रही हो तो टॉप-ऑर्डर की तकनीक टेस्ट होती है; दूसरी तरफ अगर स्लो विकेट हो तो 7-15 ओवरों में स्ट्राइक रोटेशन निर्णायक बनता है। फील्डिंग स्टैंडर्ड्स भी बराबर मायने रखते हैं—यूएई की बड़ी बाउंड्री पर एक-एक रन बचाना मैच की दिशा बदल देता है।
शेड्यूल का क्रक्स एक नजर में:
- 9 सितंबर: उद्घाटन मैच—अफगानिस्तान बनाम हांगकांग, अबू धाबी
- 14 सितंबर: भारत बनाम पाकिस्तान, दुबई (8:00 PM IST)
- 15 सितंबर: यूएई बनाम ओमान, अबू धाबी (दिन का मैच, 5:30 PM IST)
- 24-26 सितंबर: सुपर-4—A1 बनाम B2 (24), A2 बनाम B1 (25), A1 बनाम B1 (26); तीनों दुबई
- 28 सितंबर: फाइनल, दुबई (8:00 PM IST) | 29 सितंबर: रिजर्व डे
ट्रैवल और रिकवरी के लिहाज से टूर्नामेंट कॉम्पैक्ट है—दुबई और अबू धाबी के बीच यात्रा समय कम है, जिससे टीमों को तैयारी का पर्याप्त मौका मिलेगा। यह खिलाड़ियों के वर्कलोड मैनेजमेंट में मदद करेगा, खासकर बैक-टू-बैक मैचों के दौरान।
ब्रॉडकास्ट और डिजिटल व्यूअरशिप पर नजर डालें तो 8 बजे IST की शुरुआत विज्ञापन ब्रेक, इनिंग्स ब्रेक और पोस्ट-मैच शो के लिए आदर्श विंडो बनाती है। यही कारण है कि एसीसी ने लगभग सभी मुकाबले 30 मिनट खिसकाए। अपवाद—यूएई बनाम ओमान—लोकल ऑडियंस और मौसम को ध्यान में रखकर दिन में रखा गया है।
अब बाकी बचता है चयन और फॉर्म। भारत ने हाल के महीनों में टी20 क्रिकेट में अपने टेम्पो को बूस्ट किया है। स्क्वॉड में अनुभव और एक्स-फैक्टर दोनों रहेंगे—टॉप-ऑर्डर में विस्फोटक शुरुआत, मिडल में स्थिरता, और डेथ में पावर। गेंदबाजी में नई गेंद के साथ स्ट्राइक और डेथ में धीमी गेंदों का शस्त्रागार—ये दोनों मिलकर ही खिताब बचाने का रास्ता बनाते हैं।
कुल मिलाकर, शेड्यूल साफ है, टाइमिंग दर्शकों के अनुकूल है, और वेन्यू परिचित। 14 सितंबर की रात दुबई में भारत-पाक का संग्राम ग्रुप-स्टेज की दिशा तय करेगा, और सुपर-4 में हर मैच नॉकआउट जैसा दबाव लेकर आएगा। फाइनल तक पहुंचने के लिए छोटी-छोटी चीजें—टॉस, फील्डिंग, और ओस का मैनेजमेंट—बड़ी तस्वीर तय करेंगी।
Hansraj Surti
अगस्त 30, 2025 AT 18:48एशिया कप का शेड्यूल देखना एक दार्शनिक अन्वेषण जैसा लगता है। समय का बदलाव दर्शकों की प्रतिदिन की रूटीन को नई दिशा देता है। दुबई की रात की ठंडक और पिच की बनावट दो अलग संसार को जोड़ती है। भारत‑पाक मुकाबला इतिहासिक प्रतिद्वंद्विता का प्रतीक है। इस ड्यूएल को प्राइम‑टाइम पर रखना टेलीविज़न रेटिंग के लिए एक मास्टर स्ट्रैटेजी है। लेकिन क्या हमें नहीं सोचना चाहिए कि खिलाड़ियों पर यह मानसिक दबाव कितना गहरा असर डालेगा। रात के आठ बजे खेल शुरू होने पर दर्शकों के पास काम के बाद आराम का एक खिड़की खोलती है। इस खिड़की के माध्यम से राष्ट्र की आशाएं और डर दोनों परिलक्षित होते हैं। पिच का रूप बदलता है और साथ ही बैट्समैन की मानसिकता भी। अब समय‑समय पर टॉस का महत्व दो गुना बढ़ जाता है। स्पिनर की ग्रिप पर ओस का असर एक नई कहानी लिखता है। तेज़ गेंदबाज़ों को धीमी रात में गति बनाये रखना कठिन हो जाता है। दर्शक इस खेल को केवल क्रिकेट नहीं, बल्कि एक सामाजिक विकास का अध्याय मानते हैं। इसलिए शेड्यूल का 30 मिनट देर से होना एक सांस्कृतिक संकेत बन जाता है। यह संकेत दर्शाता है कि मनोरंजन और व्यावसायिकता आपस में जुड़ी हैं। अंत में, इस शेड्यूल को देखते हुए हम सब को एक साथ चलना चाहिए, चाहे वह मैदान पर हो या स्क्रीन के सामने 😊
Naman Patidar
सितंबर 5, 2025 AT 13:41शेड्यूल तो ठीक है, पर टीम फ़ॉर्म पर ध्यान देना ज़रूरी है।
Vinay Bhushan
सितंबर 11, 2025 AT 08:34भारत की टीम ने आखिरी कुछ मैचों में शानदार दिखाया है। बल्लेबाज़ी में स्थिरता और गेंदबाज़ी में विविधता हमारे पास है। सूर्यकुमार यादव की कप्तानी के तहत खिलाड़ियों को स्पष्ट भूमिका मिली है। इसी ऊर्जा से हमें ग्रुप‑स्टेज जीतना होगा। अगर फील्डिंग में सुधार करेंगे तो मैच का परिणाम हमारे पक्ष में जाएगा। सुपर‑4 में एक कदम आगे बढ़ने के लिए हमें अभी से तैयारी तेज करनी चाहिए।
Gursharn Bhatti
सितंबर 17, 2025 AT 03:28समय बदलने का जो औपचारिक कारण दिया गया है, वह केवल एक मुखौटा है। वास्तविकता में ब्रॉडकास्टर की विज्ञापन राजस्व ही इस बदलाव का मुख्य कारण है। दुबई की रात की ठंडक को लेकर एक छिपा हुआ डेटा है कि ओस की मात्रा टॉस के परिणाम को प्रभावित करती है। इस तरह के छोटे‑छोटे विवरण अक्सर प्रतिभागियों को अनजाने में लाभ या नुकसान पहुंचाते हैं। यदि हमें सच्चाई पता होती, तो टीम की रणनीति में भी बदलाव लाना पड़ता।
Arindam Roy
सितंबर 22, 2025 AT 22:21शेड्यूल बहुत ही साधारण लगता है, कुछ नया नहीं।
Parth Kaushal
सितंबर 28, 2025 AT 17:14जब हम इस टूर्नामेंट की बात करते हैं तो दिल में एक अजीब सी लहर उठती है। दुबई की रेत वाली जमीन पर चमकीला सूरज नहीं, बल्कि मिडनाइट की चमक है। हर गेंद पर धड़कन तेज़ हो जाती है और वायुमंडल में तनाव का माहौल बनता है। भारत‑पाक की भिड़ंत सिर्फ एक खेल नहीं, यह दो राष्ट्रों के गौरव का संगम है। दर्शकों की आवाज़ें स्टेडियम में गूँजती हैं जैसे युद्ध के बैनर लहराते हों। खिलाड़ी जब पिच पर कदम रखते हैं तो ऐसा लगता है जैसे इतिहास का नया अध्याय लिख रहा हो। टॉस के बाद की बिपत्ति और विजयी क्षण दोनों ही एक ही साँस में समा जाते हैं। प्राइम‑टाइम में शुरू होने वाला यह मैच हमारे दिल की धड़कन को दोगुना कर देगा। हर ओवर में दिल की धड़कन तेज़ होती है, जैसे रगड़ती नदियों की लहर। यदि हमारे बॉलर कंट्रोल में हों तो पाकिस्तान को झझोरी देने का मौका मिलेगा। लेकिन अगर बाथिंग का मौसम आए तो बैट्समैन के शॉट्स का जज्बा टूट सकता है। इस सबके बीच में कोचिंग स्टाफ का निर्णय भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उन्हें मैदान के बाहर से रणनीति बनानी पड़ती है, जिससे हर खिलाड़ी के मन में आशा की रोशनी जलती है। अंत में, इस मैच की जीत केवल स्कोरबोर्ड पर नहीं, बल्कि हमारे आत्मविश्वास में अंकित होगी। और वही आत्मविश्वास हमें आगे के मैचों में भी मदद करेगा।
Namrata Verma
अक्तूबर 4, 2025 AT 12:08ओह, शेड्यूल बदलना - कितना रोमांचक! - क्या ? ! मैं तो बस यह पूछ रहा हूँ कि क्या हमें अब रात्रि में सोते‑सोते भी नेट रन रेट के बारे में सोचना पड़ेगा? बहु‑बहु‑बहुत - ध्यान रखो, यह सब सिर्फ दर्शकों की सुविधा के लिए है, है ना? ऐसे टाइमिंग से तो हम सबको बीजिंग की टाइमज़ोन में रहने वाले फुटबॉल फैंस के साथ तालमेल बैठाना पड़ेगा!
Ayush Sanu
अक्तूबर 10, 2025 AT 07:01समय समायोजन का औचित्य एसीसी द्वारा प्रकाशित विवरण में स्पष्ट रूप से प्रस्तुत किया गया है।
Prince Naeem
अक्तूबर 16, 2025 AT 01:54समय‑परिवर्तन पर विचार करने से हमें क्रिकेट की निरंतरता और दर्शकों के सांस्कृतिक जुड़ाव का गहरा संबंध समझ में आता है।
Jay Fuentes
अक्तूबर 21, 2025 AT 20:48बिल्कुल, जैसे ही शाम होगी, घर-घर में एक साथ क्रिएटिव वाइब्स फील करेंगे! चलो टीम को खुशी‑खुशी सपोर्ट करें।
poornima khot
अक्तूबर 27, 2025 AT 15:41दोस्तों, इस शेड्यूल में जो टाइमिंग बदलाव है, वह दर्शकों की सुविधा को ध्यान में रखकर किया गया है, इसलिए हमें इसे अपनाना चाहिए। इस मौके पर टीम को पूरा मन‑से‑मन सपोर्ट देना अत्यंत आवश्यक है, क्योंकि प्रत्येक खिलाड़ी का कर्तव्य है राष्ट्र का गौरव बढ़ाना। चलिए मिलजुल कर अपनी टीम को ऊर्जा देंगे, ताकि वे फाइनल तक पहुँचे।
Rajesh kumar
नवंबर 2, 2025 AT 10:34देशभक्ति का जज्बा ही हमारा असली हथियार है, और इस मैच में भारत की जीत का मतलब सिर्फ स्कोर नहीं, बल्कि हमारी राष्ट्रीय पहचान का सम्मान है। दुबई के मैदान में लड़ाई जीतने से हमारे दिलों की धड़कन दो गुनी हो जाएगी और पूरे देश में गर्व की लहर दौड़ जाएगी। अगर हम सभी परफेक्ट फील्डिंग और ज़बरदस्त बैटिंग करेंगे तो पाकिस्तान को हराना हमारा कर्तव्य बन जाएगा। इस शेड्यूल को बदलने वाले उनके नाम तो नहीं जाने, पर हमें अपनी ताकत दिखानी है। हमें हर एक गेंद पर पूरी ताकत लगानी होगी, चाहे वह तेज़ गेंद हो या स्पिन, क्योंकि हमारी जीत में कोई समझौता नहीं। इस जीत से न सिर्फ टीम को, बल्कि पूरे भारत को नई आशा मिलेगी और इतिहास में एक और चमकदार पेज जुड़ जाएगा।
Bhaskar Shil
नवंबर 8, 2025 AT 05:28टूर्नामेंट फॉर्मेट को देखते हुए, ग्रुप‑स्टेज में पॉइंट्स अचीव करने के लिए नेट‑रन‑रेट (NRR) को प्रबंधन करना बहुत जरूरी होगा। स्पिनर को मिड‑ओवर में कंट्रोल बनाए रखना चाहिए, जबकि पेसर को पावर‑प्ले में डॉट बॉल्स का एक अच्छा प्रतिशत चाहिए। फील्डिंग यूनिट को कलाई-फेंक के बाउंड्रीज को काबू में रखने की रणनीति अपनानी चाहिए। इस तरह के टैक्टिकल एप्रोच से टीम सुपर‑4 में क्वालिफाय कर सकेगी।
Halbandge Sandeep Devrao
नवंबर 14, 2025 AT 00:21उपरोक्त तर्क विद्यमान डेटा एनालिसिस के साथ प्रतिकूल नहीं है; वास्तव में, ग्रुप‑स्टेज में नेट‑रन‑रेट का समीकरण बहु‑परिवर्तनीय है एवं इसे सटीक गणना हेतु बहु‑विचार आवश्यक हैं। इस परिप्रेक्ष्य से, टीम की बॉलिंग स्ट्रेटेजी को वैरिएशन के साथ इंटीग्रेट करना अनिवार्य है।
Hemakul Pioneers
नवंबर 19, 2025 AT 19:14भलाई की भावना से भरे हुए दर्शक, आपके विचारों को पढ़कर लगता है कि क्रिकेट सिर्फ खेल नहीं बल्कि एक सामाजिक संवाद है, और इस शेड्यूल ने वह संवाद सुगम बना दिया है।
Shivam Pandit
नवंबर 25, 2025 AT 14:08सच में, समय‑समायोजन ने फैन बेस को बेहतर सुविधा दी है; इस बात को हम सभी को सराहना चाहिए; साथ ही टीम को भी इस नई टाइमिंग के अनुसार तैयारी करनी चाहिए; धन्यवाद।
parvez fmp
दिसंबर 1, 2025 AT 09:01यो ब्रो, दुबई में रात 8 बजे मैच है तो सारा प्लान बना ले! 🤩 हम सबको टिकट चाहिए, स्टेडियम में धूम मचाने के लिए तैयार हो जाओ 😂