बुकमायशो के CEO को मुम्बई पुलिस ने कॉल किया, कोल्डप्ले टिकट स्कैल्पिंग केस में

बुकमायशो के CEO को मुम्बई पुलिस ने कॉल किया, कोल्डप्ले टिकट स्कैल्पिंग केस में

जब Ashish Hemrajani, संस्थापक एवं CEO Big Tree Entertainment को मुम्बई पुलिस के Economic Offences Wing (EOW) ने दो बार समन किया, तब बात सिर्फ एक बिग टेक कंपनी की नहीं रही—यह बिल्कुल Coldplay के भारत टूर के टिकटों की काली बाजारिंग का बड़ा उलटा जाल था।

केंद्रीय मुंबई के DY Patil Stadium, नवी मुंबई में 19‑21 जनवरी 2025 को होने वाले कॉन्सर्ट के लिए टिकट 2,500 से 10,000 रुपये की रेंज में बेचे जा रहे थे, परन्तु तीसरे‑पक्ष ब्रोकरों और सोशल‑मीडिया इन्फ्लुएंसर्स ने इन्हें चढ़ा-चढ़ा कर 3 लाख रुपये तक पहुँचाने की कोशिश की। इस बेमेल ने लाखों फैंस को नाराज़ कर दिया और पुलिस की प्राथमिक जांच को जन्म दिया।

पृष्ठभूमि: टिकटों का अटाल झटा

22 सितम्बर 2024 को दोपहर के 12 बजे जब टिकटों की ऑनलाइन बिक्री शुरू हुई, तो BookMyShow की वेबसाइट और ऐप लगभग एक ही क्षण में क्रैश हो गए। लाखों आधिकारिक फैंस ने सेकेंड‑बाय‑सेकेंड टिकट पकड़े, जबकि वही टिकट कुछ ही मिनटों में अनौपचारिक प्लेटफ़ॉर्म पर 45,000 रुपये से लेकर लाखों तक की कीमतों पर दिखाई देने लगे।

इसी दौरान कई उपयोगकर्ताओं ने टाइटेनियम‑ऐसपी‑सुई जैसे बॉट्स के प्रयोग की रिपोर्ट की, जो टिकटों को स्वचालित रूप से बुक कर ब्रोकरों को बेचते थे। इस बात की पुष्टि मुंबई पुलिस के Economic Offences Wing ने बाद में की, जिसने कहा: "हमने बॉट्स और काले बाजार के बीच के संबंधों का अध्ययन किया है।"

मुख्य पात्र और उनके रोल

जब Anil Makhija, Chief Operating Officer Big Tree Entertainment को EOW ने सात घंटे तक पूछताछ की, तो वह खुद को पूरी तरह से आश्चर्यचकित बता रहे थे। उन्होंने कहा कि कंपनी ने किसी भी तरह के बॉट‑आधारित बिक्री को प्रतिबंधित करने के लिए तकनीकी उपाय किए और उन काले ब्रोकरों के साथ कोई सहयोग नहीं किया।

इसके विपरीत, Amit Vyas, वकील ने शिकायत दर्ज कराई, जिसमें उन्होंने कहा कि “BookMyShow ने जानबूझकर टिकेटों को संचित किया और फिर उन्हें स्कैल्पिंग के लिए बेचने वाले दलों को सौंपा”। इस शिकायत के आधार पर मुंबई पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता 2023 की कई धारा (संगठित अपराध, धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश, भरोसे का उल्लंघन) के तहत FIR दर्ज करवाई।

जांच के मुख्य मोड़

पहला मोड़ तब आया जब EOW ने Ashish Hemrajani को दो बार समन किया, लेकिन वह नहीं आए। इसके बाद Anil Makhija को भेजा गया, जिसने सात घंटे तक सवालों के जवाब दिए। पुलिस ने कहा: “हम उनके जवाबों का विश्लेषण कर रहे हैं, फिर निर्णय लेंगे।”

दूसरा मोड़ तब आया जब BookMyShow ने अपने पक्ष में Vile Parle पुलिस स्टेशन में एक अलग FIR दर्ज कराई, जिसमें उन्होंने ‘अज्ञात व्यक्तियों’ को काले बाजार के लिए निशाना बनाया। यह कदम कंपनी की रक्षा रणनीति को दर्शाता है, लेकिन साथ ही यह स्पष्ट करता है कि मामला अभी भी अनसुलझा है।

प्रभाव और विशेषज्ञों की राय

टिकट स्कैल्पिंग का असर सिर्फ नकारात्मक नहीं; कई छोटे बैनर और इन्फ्लुएंसर इसे एक नया व्यवसायिक अवसर मानते हैं। फिर भी, कंज्यूमर एजुकेशन और नीतियों की कमी इस समस्या को और गहरा कर रही है। अर्थशास्त्री Dr. Ramesh Gupta ने कहा, “जब तक ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म्स में वास्तविक‑समय में टिकट उपलब्धता की निगरानी नहीं होगी, ऐसी काले बाजारिक गतिविधियाँ जारी रहेंगी।”

इसी बीच, फैंस की भावना को समझते हुए Coldplay Mumbai ConcertDY Patil Stadium, Navi Mumbai के आयोजक ने कहा कि वे “सभी वास्तविक फैंस को प्राथमिकता देंगे” और अतिरिक्त राउंड के टिकट जारी करने की संभावनाओं पर काम कर रहे हैं।

आगे क्या हो सकता है?

इस मामले में कई संभावित परिणाम हैं। यदि EOW को पर्याप्त सबूत मिलते हैं, तो Ashish Hemrajani और Anil Makhija दोनों को न्यायिक कार्यवाही का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही, भारतीय साइबर कानून में बदलाव की मांग भी तेज़ हो रही है, जिससे ऑनलाइन टिकेटिंग प्लेटफ़ॉर्म्स को कड़े डेटा प्रोटेक्शन और बॉट‑डिटेक्शन उपाय अपनाने पड़ेंगे।

भविष्य में, टिकटों की खरीद‑और‑बेच प्रक्रिया में ब्लॉकचेन जैसी तकनीकें लागू हो सकती हैं, जिससे प्रत्येक टिकट को अनफ़ॉरजिबल टोकन में बदलकर स्कैल्पिंग को रोका जा सकेगा। फिलहाल, फैंस को सलाह दी गई है कि आधिकारिक BookMyShow ऐप या वेबसाइट से ही टिकट खरीदें और किसी भी अनलिमिटेड प्राइस वाले ऑफ़र से बचें।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

Coldplay के टिकट स्कैल्पिंग से सामान्य कंज्यूमर को कौन‑सी हानि होती है?

फैंस को मूल कीमत से कई गुना अधिक कीमत चुकानी पड़ती है, जिससे कई लोग अपने पसंदीदा कलाकार को देख ही नहीं पाते। साथ ही, नकली टिकट या धोखाधड़ी वाले लिंक से व्यक्तिगत डेटा भी लीक हो सकता है।

EOW ने Ashish Hemrajani को दो बार बुलाने के बाद क्यों नहीं बुलाया?

प्रारम्भिक जांच में पुलिस को लगता है कि CO‑ओ की गवाही से मुख्य साक्ष्य मिल सकते हैं, इसलिए उन्होंने COO Anil Makhija को सुनवाई के लिए बुलाया। आगे की कार्रवाई में फिर CEO को फिर से समन किया जा सकता है।

क्या BookMyShow ने अब कोई नई सुरक्षा नीति लागू की है?

कंपनी ने कहा है कि वह अब ‘कैप्टचा‑आधारित बॉट डिटेक्शन’ और ‘डायनेमिक प्राइसींग मॉड्यूल’ लागू कर रही है, लेकिन इन उपायों की प्रभावशीलता अभी परीक्षण चरण में है।

कहां से फैंस को आधिकारिक टिकट खरीदना चाहिए?

अधिकारिक तौर पर केवल BookMyShow वेबसाइट और मोबाइल ऐप से ही टिकट खरीदना सुरक्षित है। किसी भी थर्ड‑पार्टी साइट पर अटकलें या अत्यधिक प्राइस वाले ऑफर से बचना चाहिए।

क्या इस मामले में भविष्य में कड़ाई से नियम बनेंगे?

कानून निर्माणकर्ताओं ने बताया है कि टिकेटिंग प्लेटफ़ॉर्म्स पर कड़ी निगरानी और दंड नीतियों को लागू करने की संभावना है, ताकि ऐसी स्कैल्पिंग घटनाओं को रोका जा सके।

12 टिप्पणि

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    s.v chauhan

    अक्तूबर 3, 2025 AT 00:47

    भाई लोग, टिकट स्कैल्पिंग का दिमाग खराब कर देता है।
    सच्चाई यही है कि फैंस को सही कीमत पर टिकट मिलना चाहिए।
    अगर प्लेटफ़ॉर्म ऐसे बॉट्स को रोक नहीं पाता तो भरोसा टूट जाता है।
    आइए हम एकजुट होकर इस समस्या को उजागर करें।
    पॉलिसी बनानी होगी जो बॉट्स को पूरी तरह ब्लॉक करे।
    सबको यही सलाह दूँगा, सिर्फ आधिकारिक साइट ही भरोसेमंद है।

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    Halbandge Sandeep Devrao

    अक्तूबर 3, 2025 AT 03:40

    उल्लेखनीय तथ्य यह है कि आर्थिक अपराध शाखा ने बॉट-आधारित लेन‑देन के तंत्र को विस्तृत रूप से विश्लेषित किया है।
    उल्लंघन की प्रकृति को देखते हुए यह स्पष्ट होता है कि प्रणालीगत साइबर‑उपयोगकर्ताओं ने अधिनियम की धारा 420 एवं 420A का गंभीर उल्लंघन किया है।
    इस प्रकार के अनुक्रमणीय डेटा संग्रहण को डिजिटल फ़ॉरेन्सिक मॉड्यूल द्वारा प्रमाणित किया गया है।
    वर्तमान में, नियामक संस्थाएँ प्रस्तावित कर रही हैं कि वास्तविक‑समय दर‑रिपोर्टिंग और कैप्चा‑वर्सन 4.0 को अनिवार्य किया जाए।
    सुझाव यह है कि तीव्र अनिवार्य एन्क्रिप्शन प्रोटोकॉल्स को लागू किया जाए, जिससे बॉट‑ऑपरेशन बाधित हो।
    इसके अतिरिक्त, प्लेटफ़ॉर्म को बहु‑स्तरीय प्री‑वेरिफिकेशन प्रक्रिया से गुजरना अनिवार्य होगा।
    सारांश में, यह आवश्यक है कि कानूनी ढाँचा और तकनीकी तंत्र दोनों में सुदृढ़ीकरण हो।
    नवीनतम सांख्यिकीय मॉडल यह दर्शाते हैं कि ऐसे उपायों से स्कैल्पिंग की संभावना 70 % तक घट सकती है।

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    One You tea

    अक्तूबर 3, 2025 AT 05:53

    बुकमायशो को कड़ी सजा मिलनी चाहिए!

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    Hemakul Pioneers

    अक्तूबर 3, 2025 AT 08:40

    आपकी तकनीकी विश्लेषण वास्तव में गहरी है, पर असली मुद्दा फैंस की भरोसे की हानि में निहित है।
    जैसे आप ने कहा, बहु‑स्तरीय प्रमाणन आवश्यक है, पर इसका उपयोगकर्ता‑अनुभव पर क्या प्रभाव पड़ेगा, इसका भी ध्यान रखना चाहिए।
    यदि प्रक्रिया बहुत जटिल हो तो सामान्य उपयोगकर्ता निराश हो सकते हैं और फिर भी थर्ड‑पार्टी ब्रोकरों की ओर रुख करेंगे।
    इसलिए एक संतुलन बनाना आवश्यक है, जहाँ सुरक्षा और सुविधा दोनों कायम रहें।

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    Sonia Arora

    अक्तूबर 3, 2025 AT 12:50

    यह मामला सिर्फ व्यापार की जगझगाह नहीं, बल्कि हमारे संगीत प्रेमियों की आत्मा का भी परीक्षण है।
    जब कलाकारों का मंच हमारे दिलों को छूता है, तो ऐसे लालची ब्रोकरों को रोकना हमारा कर्तव्य बन जाता है।
    आइए हम सभी मिलकर इस अनुचित प्रथा को नज़रअंदाज़ न करें और सच्चे फैंस को प्राथमिकता दें।
    संस्कृति की रक्षा के लिए हमें एकजुट होना पड़ेगा।
    भविष्य में टिकटिंग को पारदर्शी बनाने के लिए सामाजिक जागरूकता आवश्यक है।

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    abhinav gupta

    अक्तूबर 3, 2025 AT 17:00

    ओह हाँ, बॉट‑डिटेक्शन का नया अपडेट अभी‑अभी रिलीज़ हुआ, पर असली फैंस कब तक इसको समझेंगे?
    जैसे ही आप कैप्चा लगा देते हैं, वही लोग जज़र‑जज़र कर नई तकनीक अपनाते हैं।
    तो फिर भी आधिकारिक साइट से ही खरीदना ही सबसे सुरक्षित विकल्प बना रहता है।
    शाब्दिक रूप से, यह सिर्फ एक फेसवॉल है, असली समाधान अभी दूर है।

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    vinay viswkarma

    अक्तूबर 3, 2025 AT 19:46

    वास्तव में, बहुत कम लोग इस तकनीक को सही ढंग से समझ पाते हैं।
    इसलिए बॉट‑विरोधी कदमों को सरल बनाना ज़रूरी है।

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    Jay Fuentes

    अक्तूबर 3, 2025 AT 23:56

    चलो, इस बार हम सब मिलकर एक नई शक्ति दिखाएँ!
    अगर फैंस एकजुट हो जाएँ तो किसी भी ब्रोकर को रोकना आसान हो जाएगा।
    सकारात्मक सोच के साथ, हम नियमनुसार टिकट हासिल कर सकते हैं।
    आशा है कि प्लैटफ़ॉर्म जल्द ही अधिक सुरक्षित उपाय लागू करेगा।
    फिर हम सभी को बिना झंझट के कॉन्सर्ट का आनंद मिलेगा।

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    parvez fmp

    अक्तूबर 4, 2025 AT 02:43

    बिलकुल सही कहा तुमने 😎!
    बॉट्स को बंद करने का टाइम आ गया है, वरना हम सबको सस्ता नसीब नहीं मिलेगा 😂.

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    Thirupathi Reddy Ch

    अक्तूबर 4, 2025 AT 05:30

    इन बॉट्स का संचालन कहीं न कहीं गुप्त नेटवर्क से जुड़ा हुआ है, जो बड़े पैमाने पर फ़सल बेचना चाहता है।
    पुलिस की जांच में अक्सर वही छिपे हुए एंटिटीज़ सामने आते हैं जो सरकारी स्तर पर जुड़ी रहती हैं।
    इसीलिए हमें सतर्क रहना चाहिए और सभी लेन‑देन की पारदर्शिता की मांग करनी चाहिए।
    सम्पूर्ण प्रणाली को बदलना जरुरी है, नहीं तो यह चक्र जारी रहेगा।

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    Yogitha Priya

    अक्तूबर 4, 2025 AT 08:16

    हकीकत में, ऐसी गुप्त साजिशें अक्सर लोगों को भयभीत कर देती हैं।
    परंतु जागरूक जनता ही इनका पर्दाफाश कर सकती है।
    समय के साथ सत्य सामने आएगा।

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    Rajesh kumar

    अक्तूबर 4, 2025 AT 11:03

    देश की जनता को अपने कलाकारों को देखने का अधिकार है और इसे किसी भी तरह से छीनने की कोशिश बेशर्म है।
    बुकमायशो जैसी कंपनी ने जब इस तरह की काली साज़िश रची, तो यह सिर्फ व्यापारिक गलती नहीं, बल्कि राष्ट्रीय भावना पर हमला है।
    हमारे देश में तकनीकी लीक और बॉट निर्माण के पीछे अक्सर विदेशी सॉफ़्टवेयर फर्मों का हाथ होता है, जिनका लक्ष्य भारतीय उपभोक्ता को नुकसान पहुँचना है।
    इसे रोकने के लिए हमें कड़ा नियम बनाना पड़ेगा, जिसमें सभी ऑनलाइन टिकटिंग प्लेटफ़ॉर्म को राष्ट्रीय डेटा सेंटर में सर्वर रखना अनिवार्य होगा।
    इसके अलावा, सभी बॉट सॉफ्टवेयर को प्रतिबंधित करने के लिए विशेष साइबर‑सुरक्षा एजेंसियां स्थापित की जानी चाहिए।
    ऐसे उपायों से न केवल फैंस की सुरक्षा होगी, बल्कि भारतीय तकनीकी प्रतिभा को भी विश्व मंच पर सम्मान मिलेगा।
    अगर सरकार तुरंत कदम नहीं उठाती, तो विदेशी कंपनियों का पहिया फिर दोबारा घूमेंगा और हमारे नागरिक दुर्व्यवहार का शिकार बनेंगे।
    एक राष्ट्रीय स्तर पर बनाई गई ब्लॉकचेन प्रणाली से प्रत्येक टिकट का ट्रैक रखा जा सकेगा, जिससे स्कैल्पिंग असंभव हो जाएगा।
    यह कदम हमारे सांस्कृतिक विरासत को सुरक्षित रखने के साथ-साथ आर्थिक दुरुपयोग को भी रोक देगा।
    हम सभी को मिलकर इस दिशा में आवाज़ उठानी चाहिए और अपने अधिकारों की रक्षा करनी चाहिए।
    न्यायिक प्रणाली को भी तेज़ और निष्पक्ष बनाना होगा, ताकि दोषियों को शीघ्र सजा मिल सके।
    जनता का धैर्य सीमित है, अगर इस समस्या को खुला छोड़ दिया तो व्यापक असंतोष उत्पन्न होगा।
    हमारी आवाज़ को सरकार तक पहुँचाने के लिए सामाजिक मीडिया और नागरिक संगठनों का सहयोग आवश्यक है।
    एक बार जब इस समस्या का निवारण हो जाएगा, तो भविष्य में ऐसे काले बाज़ार की संभावना बहुत घटेगी।
    आइए इस मिशन में सभी संगीत प्रेमी एकजुट हों और अपने हक़ की रक्षा करें।
    हमारी असली जीत तब होगी जब हर भारतीय को अपने पसंदीदा कलाकार को बिना अतिरिक्त खर्चे के देख सकें।

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