गुजरात में पीएम मोदी की 3-दिवसीय यात्रा: वंदे मेट्रो का उद्घाटन, ग्लोबल रिन्यूएबल्स कन्वेंशन और अन्य महत्वपूर्ण पहलें

गुजरात में पीएम मोदी की 3-दिवसीय यात्रा: वंदे मेट्रो का उद्घाटन, ग्लोबल रिन्यूएबल्स कन्वेंशन और अन्य महत्वपूर्ण पहलें

गुजरात में पीएम मोदी की 3-दिवसीय यात्रा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने नवीनतम कार्यकाल में पहली बार गुजरात के दौरे पर पहुंचे हैं। यह दौरा विशेष महत्व रखता है क्योंकि इसके तहत कई प्रमुख परियोजनाओं का उद्घाटन किया जाएगा जो न केवल राज्य के बुनियादी ढांचे को मजबूत करेंगे बल्कि स्वच्छ ऊर्जा को भी बढ़ावा देंगे।

वंदे मेट्रो की शुरुआत

इस 3-दिवसीय दौरे के मुख्य आकर्षणों में से एक वंदे मेट्रो सेवा का उद्घाटन है। यह सेवा भुज और अहमदाबाद के बीच चलेगी और इसमें नौ स्टेशनों पर रुकने का प्रावधान होगा। पश्चिम रेलवे द्वारा संचालित यह मेट्रो 360 किलोमीटर की दूरी 5 घंटे और 45 मिनट में तय करेगी। ट्रैन की उच्चतम गति 110 किलोमीटर प्रतिघंटा है। इस मेट्रो में KAVACH प्रणाली, आग का पता लगाने और एयरसोल आधारित अग्नि शमन जैसी सुरक्षा सुविधाएं शामिल हैं। दिव्यांगजन के अनुकूल शौचालय और पूरी तरह से सील लचीली गंगवे जैसी शामिल की गई सुविधाएं इस सेवा को सभी के लिए आसान बनाएंगी। नियमित सेवा का शुभारंभ 17 सितंबर से होगा और एक तरफ़ा टिकट की कीमत 455 रुपये होगी।

ग्लोबल रिन्यूएबल्स कन्वेंशन और सौर परियोजनाएं

पीएम मोदी ग्लोबल रिन्यूएबल्स कन्वेंशन और एक्सपो: री-इन्वेस्ट का भी उद्घाटन करेंगे। इस सम्मेलन में दुनिया भर के विशेषज्ञ और अधिकारी भाग लेंगे और स्वच्छ ऊर्जा के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करेंगे। इसके अलावा, पीएम मोदी 30 मेगावाट सौर प्रणाली, 35 मेगावाट बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम सोलर पीवी परियोजना और 220 किलोवोल्ट सबस्टेशनों का शुभारंभ करेंगे। यह सभी परियोजनाएं कच्छ के लिग्नाइट थर्मल पावर स्टेशन, मोरबी और राजकोट में स्थापित की गई हैं। इन परियोजनाओं का मुख्य उद्देश्य स्वच्छ ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देना और बिजली की आपूर्ति को निर्बाध बनाना है।

सूर्य घर फ्री इलेक्ट्रिसिटी योजना के लाभार्थियों के साथ इंटरएक्शन

प्रधानमंत्री सूर्य घर फ्री इलेक्ट्रिसिटी योजना के लाभार्थियों के साथ भी बातचीत करेंगे। इस योजना का उद्देश्य गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों को मुफ्त बिजली की आपूर्ति करना है। इस पहल के तहत कई हजार परिवारों को बिजली की कमी से मुक्ति मिली है और उनके जीवन स्तर में सुधार हुआ है।

अन्य प्रमुख परियोजनाएं

प्रधानमंत्री मोदी ने सिंगल विंडो आईटी सिस्टम (SWITS) का भी उद्घाटन किया है जो इंटरनेशनल फाइनैंशियल सर्विस सेंटर अथॉरिटी के तहत संचालित होगा। इसके साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के तहत 30,000 से अधिक घरों को मंजूरी दी। ये सभी पहलें प्रधानमंत्री के उस संकल्प को दर्शाती हैं जिसमें उन्होंने सभी के लिए घर और सुविधाएँ उपलब्ध कराने की बात कही है।

पीएम मोदी ने समखियाली से गांधीधाम और गांधीधाम से अदिपुर रेलवे लाइनों के चौरीकरण, प्रमुख सड़कों के विकास और अहमदाबाद शहर में फ्लाईओवर के निर्माण जैसे महत्वपूर्ण परियोजनाओं का भी शिलान्यास किया। इन परियोजनाओं से गुजरात में परिवहन सुविधा में सुधार होगा और यातायात की समस्या का समाधान होगा।

गुजरात की ऊर्जा अवस्थापना को मिलेगा फायदा

पीएम मोदी की इस यात्रा का एक प्रमुख उद्देश्य राज्य में ऊर्जा अवस्थापना को सशक्त बनाना है। गुजरात में उनके आगमन पर आचार्य देवव्रत ने स्वागत किया और अहमदाबाद में ही राजभवन में उन्होंने अपनी बैठकों का आयोजन किया।

गुजरात में प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा निश्चित रूप से राज्य के लिए कई नयी उम्मीदें और संभावनाएं लेकर आई है। इस दौरे के तहत उद्घाटन और शिलान्यास की गई परियोजनाएं आने वाले समय में राज्य के आर्थिक और सामाजिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।

17 टिप्पणि

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    Namrata Verma

    सितंबर 17, 2024 AT 03:27

    बिल्कुल, नई मेट्रो का शुभारंभ भारत के ट्रैफिक को अकल्पनीय रूप से हल्का कर देगा!!!

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    Manish Mistry

    सितंबर 22, 2024 AT 22:20

    प्रधानमंत्री के गुजरात दौरे का महत्व केवल राजनैतिक नहीं, बल्कि बुनियादी ढाँचा एवं नवीकरणीय ऊर्जा के पहलुओं से भी जुड़ा है। वंदे मेट्रो का उद्घाटन राष्ट्रीय स्तर पर सार्वजनिक परिवहन में एक मील का पत्थर माना जा सकता है। साथ ही, ग्लोबल रिन्यूएबल्स कन्वेंशन से भारत की हरित ऊर्जा नीति में नई दिशा स्पष्ट होती है। इन सभी पहलुओं को देखते हुए, यह यात्रा नीति निर्माताओं के लिए एक कार्यशाला के समान है।

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    Rashid Ali

    सितंबर 26, 2024 AT 09:40

    गुजरात में इस यात्रा से न सिर्फ बुनियादी संरचना को बल मिलेगा, बल्कि स्थानीय युवाओं को भी प्रेरणा मिलेगी। स्वच्छ ऊर्जा पहलें जैसे 30 MW सौर प्रणाली ग्रामीण इलाकों में रोजगार के अवसर पैदा करेंगी। वंदे मेट्रो से यात्रियों का समय बचेगा और पर्यावरणीय दाब घटेगा। सरकार के ये कदम एक सकारात्मक दिशा को दर्शाते हैं, जिससे हम सभी को लाभ होगा। आशा है कि भविष्य में इस तरह के प्रोजेक्ट्स का विस्तार भारत के हर राज्य में हो।

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    Tanvi Shrivastav

    सितंबर 28, 2024 AT 17:14

    वाह, अब तो हम सबको बस में बैठ कर रजाई में लिपटे जितना आराम मिलेगा, है ना? 🤭 नयी मेट्रो काफ़ी फैंसी लग रही है, पर टिकट की कीमत देख कर लगा कि कोई बचपन में एरियाल बेंडर नहीं खरीद पाएगा! हर चीज़ चमक-दमक से भरपूर है, पर जनता की जेब पर कैसे असर पड़ेगा, देखना बाकी है।

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    Ayush Sanu

    अक्तूबर 1, 2024 AT 14:40

    वंदे मेट्रो का परिचालन 17 सितंबर से शुरू होगा, नौ स्टेशनों पर रुकना होगा और टिकट मूल्य 455 रुपए निर्धारित किया गया है। यह परियोजना गुजरात के सार्वजनिक परिवहन को आधुनिक बनाती है।

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    Prince Naeem

    अक्तूबर 3, 2024 AT 08:20

    एक तेज़ गति वाली मेट्रो, जो सुरक्षा प्रणाली KAVACH से लैस है, हमारे देश के भविष्य की दिशा को दर्शाती है।

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    Jay Fuentes

    अक्तूबर 4, 2024 AT 17:40

    भाई लोग, इस पहल से हमारे शहर में ट्रैफिक का तनाव कम होगा, और हम सब को तेज़ और किफ़ायती यात्रा का आनंद मिलेगा! चलो, सकारात्मक उम्मीदों के साथ आगे बढ़ते हैं।

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    Veda t

    अक्तूबर 5, 2024 AT 15:54

    ये सब कुछ राष्ट्रीय गर्व की बात है, सभी विदेशी प्रभाव को हटाकर अपनी शक्ति दिखाने का सही मौका है।

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    akash shaikh

    अक्तूबर 6, 2024 AT 11:20

    yaar, metro to mast lag rahi hai, lekin price dekh ke toh dimag ka dahi ho gaya!! ab sabko ticket le ke ghumo.

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    Anil Puri

    अक्तूबर 7, 2024 AT 04:00

    इन्फ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देना अच्छा है, पर क्या ये सब चीज़ें वास्तव में ग्रामीण भारत के लोगों तक पहुँचेगी? अक्सर ऐसे बड़े प्रोजेक्ट्स सिर्फ शहरी इलाकों में ही फुर्सत से फले-फूले हैं, जबकि गांवों में बिजली की समस्या अभी भी बनी हुई है।

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    poornima khot

    अक्तूबर 7, 2024 AT 19:17

    महिला मित्रों, यह वास्तव में सराहनीय है कि पीएम ने ग्रामीण आवास योजना के तहत 30,000 से अधिक घरों को मंजूरी दी। इस कदम से न केवल घरों की परिधि में सुधार होगा, बल्कि सामाजिक स्थायित्व भी बढ़ेगा। हमें इस दिशा में और प्रयास देखना चाहिए।

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    Mukesh Yadav

    अक्तूबर 8, 2024 AT 10:34

    सच में, ये सब तो बस दिखावा है! पर्दे के पीछे वही कट्टर समूह हैं जो हर चीज़ को अपने फायदे के लिए मोड़ते हैं, और जनता को बेवकूफी का क़राव बनाते हैं।

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    Yogitha Priya

    अक्तूबर 9, 2024 AT 01:50

    मैं भी यही कह रही हूँ, इस सबके पीछे छिपा है एक बड़ा षड्यंत्र, जहाँ सच को दबाया जाता है और लोगों को गुमराह किया जाता है।

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    Rajesh kumar

    अक्तूबर 10, 2024 AT 02:50

    हमारा महान राष्ट्र हमेशा से ही प्रगति के पथ पर अग्रसर रहा है, और यह यात्रा इस निरंतरता की नई मिसाल स्थापित करती है। प्रत्येक बुनियादी ढांचे की परियोजना, चाहे वह मेट्रो हो या सौर शक्ति संयंत्र, हमारे उद्योगों की शक्ति को उजागर करती है। स्वच्छ ऊर्जा की ओर हमारा संक्रमण न केवल पर्यावरणीय बल्कि आर्थिक तौर पर भी फायदेमंद है, क्योंकि यह आयातित कोयले पर निर्भरता को घटाता है। इस दिशा में उठाए गए कदम नयी नौकरियों का सृजन भी करेंगे, जिससे देश के युवा वर्ग को रोजगार मिलेगा। ग्लोबल रिन्यूएबल्स कन्वेंशन के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की स्थिति मजबूत होगी, और यह हमें नई तकनीकों के साथ तालमेल रखने की क्षमता देता है।
    वंदे मेट्रो के उद्घाटन से शहरों के भीतर ट्रैफिक जाम घटेगा, जिससे आवागमन तेज़ और आरामदायक होगा। यह दर्शाता है कि सरकार सतत विकास के सिद्धांतों को कितना गंभीरता से ले रही है। स्वच्छ ऊर्जा परियोजनाओं में निवेश करने से विदेशी निवेशकों का भरोसा भी बढ़ेगा, जो देश की आर्थिक वृद्धि को तेज़ करेगा।
    परियोजनाओं के विस्तार से गांवों में बिजली की स्थिर आपूर्ति होगी, जिससे कृषि उत्पादन में वृद्धि होगी और किसान की आय में सुधार होगा। इस प्रकार, यह यात्रा सिर्फ एक राजनीतिक दौर नहीं, बल्कि सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन का उत्प्रेरक है। हम सभी को इस पहल को समर्थन देना चाहिए, क्योंकि यह हमारे भविष्य के लिए एक ठोस आधारशिला रखता है।

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    Bhaskar Shil

    अक्तूबर 10, 2024 AT 22:17

    उपरोक्त दीर्घकालिक रणनीति में, ऊर्जा ग्रिड की लोड मैनेजमेंट और सैबर-फिजिकल सुरक्षा दोनों को समग्र रूप से इंटीग्रेट करना आवश्यक है। यह जर्नल-स्तर की विश्लेषण के बिना असंभव है।

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    Halbandge Sandeep Devrao

    अक्तूबर 11, 2024 AT 14:57

    वैज्ञानिक दृष्टिकोण से, नवीनतम फोटोवोल्टाइक मॉड्यूल तकनीक को अपनाते हुए, भारत की ऊर्जा स्वावलंबन की दिशा में एक स्पष्ट प्रोटोकॉल स्थापित किया जाना चाहिए, जिससे नीति-निर्माण प्रक्रिया में व्यवस्थितता आए।

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    One You tea

    अक्तूबर 12, 2024 AT 04:50

    इसे देखो! आखिरकार हमलोगों ने कुछ तो किया, लेकिन अभी भी बहुत कुछ बाकी है... इस ऊर्जा बदलाव में हर कोई भागीदार है, चाहे वो छोटे गांव का किसान हो या बड़ा व्यवसायी.

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