हिजबुल्ला नेता हसन नसरल्लाह की बेरूत में हवाई हमले में मौत - इज़राइल मिलिट्री का दावा

हिजबुल्ला नेता हसन नसरल्लाह की बेरूत में हवाई हमले में मौत - इज़राइल मिलिट्री का दावा

इज़राइल का महत्वपूर्ण सैन्य ऑपरेशन

इज़राइल की सेना ने शुक्रवार, 28 सितंबर 2024 को बेरूत में एक महत्वपूर्ण सैन्य ऑपरेशन के तहत हिजबुल्ला के नेता हसन नसरल्लाह की हत्या करने का दावा किया है। यह हमला बेरूत के दक्षिणी हिस्से, दहीयेह में किया गया था, जोकि हिजबुल्ला का मुख्यालय माना जाता है। इस हमले में केवल हसन नसरल्लाह ही नहीं, बल्कि हिजबुल्ला के कई अन्य हाई-प्रोफाइल कमांडर जैसे अली कारकी, जो हिजबुल्ला के दक्षिणी फ्रंट के कमांडर थे, भी मारे गए।

हमले से मची तबाही

इस हमले के बाद पूरे क्षेत्र में तनाव और बढ़ गया है। लेबनानी स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, इस हवाई हमले में छह लोगों की मौत हो गई और 91 लोग घायल हुए हैं। हमला इतना प्रचंड था कि छह अपार्टमेंट इमारतें पूरी तरह से ध्वस्त हो गईं। इस हमले के बाद इज़राइल ने अपने रिजर्व सैनिकों को सक्रिय कर देश भर में तैनात कर दिया है। इस आपत्ति स्थिति को संभालने के लिए तीन बटालियनों को भेजा गया है।

हिजबुल्ला की प्रतिकिया

हिजबुल्ला ने इस हमले के जवाब में इज़राइल के उत्तरी और मध्य हिस्से, और इज़राइल-अधिकृत वेस्ट बैंक पर दर्जनों प्रोजेक्टाइल दागे हैं। इस संघर्ष ने पूरे क्षेत्र में और भी अधिक संकट खड़ा कर दिया है। लेबनानी स्वास्थ्य मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले एक सप्ताह के दौरान इज़राइली हवाई हमलों में लेबनान में कम से कम 720 लोग मारे गए हैं।

स्थिति की गंभीरता

इस आकस्मिक हमले के बाद स्थिति बहुत ही गंभीर हो गई है। बेरूत में शरणार्थी शिविर पहले ही पूरी तरह भर चुके हैं और कई परिवार बेघर हो गए हैं। प्रशासन को स्थिति को संभालने में कठिनाई हो रही है और कई स्थानों पर राहत कार्य जारी है।

इज़राइल के चीफ ऑफ स्टाफ, लीफ्टनेंट जनरल हर्ज़ी हालेवी ने कहा कि हसन नसरल्लाह का खात्मा 'हमारे उपकरण बॉक्स का अंत नहीं है', जो इस बात का संकेत है कि भविष्य में और भी हमले हो सकते हैं। इस समय पूरे क्षेत्र में स्थिति बहुत ही नाजुक है और किसी भी समय नया हिंसक विवाद उत्पन्न हो सकता है।

अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रियाएं

अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रियाएं

अंतर्राष्ट्रीय समुदाय भी इस घटनाक्रम पर नज़र बनाए हुए है। कई देशों ने हमले की निंदा की है तो कुछ ने इज़राइल के आत्मरक्षा के अधिकार का समर्थन किया है। मानवीय संगठनों ने आए दिन बढ़ते हताहतों की संख्या और विस्थापितों की दुर्दशा पर चिंता व्यक्त की है। संयुक्त राष्ट्र ने भी शांति और स्थिरता बनाए रखने का आह्वान किया है।

यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि इस संघर्ष का अंत कैसे होता है और इसके परिणामस्वरूप मध्य पूर्व में किस प्रकार की राजनीतिक स्थिति उत्पन्न होती है।

15 टिप्पणि

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    Bhaskar Shil

    सितंबर 28, 2024 AT 20:51

    हिजबुल्ला की रणनीतिक संरचना में यह बदलाव सुरक्षा डिटेलेशन की दृष्टि से महत्वपूर्ण है।
    इस ऑपरेशन ने क्षेत्रीय स्थिरता पर एक नया पैराडाइम स्थापित किया है।
    जैसे-जैसे हम हॉरिज़न स्कैन करते हैं, स्पष्ट होता है कि सिग्नल‑टर्मिनेशन मैकेनिज्म्स में बदलाव आ रहा है।
    इन बदलावों को समझाने के लिए हमें मल्टीलेयर एनालिसिस अपनाना होगा।
    सभी पक्षों को इस परिवर्तन के इम्प्लिकेशन्स पर एकीकृत दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता है।
    आइए मिलकर इस जटिल परिदृश्य को नेविगेट करें।

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    Halbandge Sandeep Devrao

    अक्तूबर 4, 2024 AT 04:23

    ऐसे जटिल अंतरराष्ट्रीय घटनाओं का विश्लेषण केवल सतही तथ्यों से नहीं किया जा सकता।
    पहले, यह आवश्यक है कि हम रणनीतिक नीतियों के ऐतिहासिक विमर्श को समझें।
    दूसरा, क्षेत्रीय शक्ति समीकरण में परस्परात्मिकता का सिद्धांत लागू होता है।
    तीसरा, प्रत्येक सैन्य हस्तक्षेप को एक सामरिक पैरामीटर के रूप में देखना चाहिए।
    चौथा, हिजबुल्ला की कमांड संरचना में परिवर्तन सुरक्षा वास्तुशिल्प को पुनः आकार देता है।
    पांचवाँ, इज़राइल की हवाई शक्ति को एक प्रोजेक्टाइल‑डिटेलेशन मॉडल के रूप में मॉडल किया जा सकता है।
    छठा, इस मॉडल का एक महत्वपूर्ण पहलू है ऑपरेशनल टाइमलाइन का अनुकूलन।
    सातवाँ, अंतरराष्ट्रीय कानूनी ढांचा इस प्रकार के बल प्रयोग को वैधता प्रदान करता है या नहीं, यह बहस का विषय है।
    आठवाँ, मानवीय प्रभावों की गणना जोखिम‑आधारित मैट्रिक्स के माध्यम से की जानी चाहिए।
    नवां, इस मैट्रिक्स में नागरिक हताहत, विस्थापन, और इन्फ्रास्ट्रक्चर क्षति को समाहित किया जाता है।
    दसवाँ, रिपोर्टेड आंकड़े अक्सर सूचना‑ऑपरेशन के तहत रूपांतरित होते हैं।
    ग्यारहवाँ, इसलिए विश्वसनीय डेटा स्रोतों का चयन अनिवार्य है।
    बारहवाँ, बहुपक्षीय संवाद रूटीन को पुनर्स्थापित करने के लिए कूटनीतिक प्रयत्न आवश्यक हैं।
    तेरहवाँ, यह प्रयत्न गठबंधन संरचनाओं में संतुलन बनाए रखने में सहायक होगा।
    चौदहवाँ, अंततः, स्थायी शांति को प्राप्त करने के लिए सूक्ष्म‑स्तर की समझ आवश्यक है।
    पंद्रहवाँ, इस विश्लेषणात्मक ढांचे में सभी कारकों का समग्र अवलोकन ही प्रभावी नीति निर्माण का आधार बनता है।

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    One You tea

    अक्तूबर 9, 2024 AT 08:50

    ये इज़राइल वाला ऑपरेशन बिलकुल भी सही नहीं है, पूरी तरह से बकवास है।
    हिजबुल्ला के नेता को मारना मतलब हमारे देश को सुरक्षित रखना।
    उन्हें मारो तो ही शांति आएगी, नहीं तो बस खून की बौछार रहेगी।
    भाई लोग, इसको रोको, वरना बवाल बिगड़ेगा।

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    Hemakul Pioneers

    अक्तूबर 14, 2024 AT 13:16

    यह घटना वास्तव में गंभीर बहस को जन्म देती है।
    मैं सोचता हूँ कि शांति की दिशा में कदम उठाने के लिए सभी पक्षों को संवाद की आवश्यकता है।
    स्थिरता बनाए रखने के लिये हिंसा के चक्र को तोड़ना अनिवार्य है।
    साथ ही, मानवीय सहायता को प्राथमिकता देनी चाहिए।
    यह सब मिलकर ही एक स्थायी समाधान की ओर ले जाएगा।

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    Shivam Pandit

    अक्तूबर 19, 2024 AT 17:43

    बहुत‑बहुत दुखद समाचार है, वास्तव में, इस तरह की हिंसा, हमें, सभी को, मिलकर, समाधान निकालना चाहिए, क्योंकि, अंत में, शांति ही एकमात्र मार्ग है।

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    parvez fmp

    अक्तूबर 24, 2024 AT 22:10

    ओ माई गॉड, ये तो बवाल का दा त्यार है! 🤯🔥
    किसी को समझ नहीं आ रहा कि इज़राइल को इतना बहाणा क्यों मिला! 😡
    हिज़बोला वाले भी अब ज़्यादा हिम्मत नहीं रखेंगे, देखो! 💥
    इससे पूरे मिडिल ईस्ट में एकदम आग लग जाएगी! 🚀

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    s.v chauhan

    अक्तूबर 30, 2024 AT 02:36

    दोस्तों, इस संघर्ष को खत्म करने के लिये हमें एकजुट होना होगा, और सभी पक्षों को समझाने की कोशिश करनी चाहिए, ताकि शांतिपूर्ण समाधान निकले।

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    Thirupathi Reddy Ch

    नवंबर 4, 2024 AT 07:03

    मैं कहूँगा कि इस सब के पीछे कोई गुप्त एजेंडा है, शायद बड़े वर्ल्ड पावर की छुपी हुई योजना, जिससे क्षेत्र को हमेशा अस्थिर रखा जाता है।
    सामान्य जनसंचार को भ्रमित करने के लिये ऐसे बड़े ऑपरेशन्स का प्रयोग किया जाता है।
    इन घटनाओं को इतना बड़ा बनाया जाता है कि लोगों का ध्यान असली मुद्दों से हट जाए।

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    Sonia Arora

    नवंबर 9, 2024 AT 11:30

    यह एक बहुत ही भावनात्मक और संवेदनशील मुद्दा है, और हमें इसे बड़े सावधानी से देखना चाहिए।
    हमारे संस्कृति में मानवता की प्रधानता है, इसलिए सभी को राहत कार्यों में सहयोग देना चाहिए।

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    abhinav gupta

    नवंबर 14, 2024 AT 15:56

    ओह, फिर से वही पुरानी कहानी – बड़े लोग बम गिराते हैं, छोटे लोग बर्ते नहीं।
    वास्तव में, अगर आप इसको गहराई से नहीं देखेंगे तो आप केवल सतह को ही देख रहे होंगे।

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    vinay viswkarma

    नवंबर 19, 2024 AT 20:23

    इज़राइल-हिजबुल्ला संघर्ष सिर्फ एक शो है।
    सबको जागरूक होना चाहिए।

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    sanjay sharma

    नवंबर 25, 2024 AT 00:50

    स्थिति को समझने के लिये तथ्यात्मक डेटा की जरूरत है।

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    varun spike

    नवंबर 30, 2024 AT 05:16

    क्या हम इस युग में शांति के लिए सहयोग नहीं कर सकते

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    Chandan Pal

    दिसंबर 5, 2024 AT 09:43

    वाकई, इस सबको देख कर दिल... 😢🤝

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    SIDDHARTH CHELLADURAI

    दिसंबर 10, 2024 AT 14:10

    सबको मदद करना ज़रूरी है।

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