किशनगंज पुलिस ने थगरिया में बरामद किए 25,200 नकली लॉटरी टिकट, विधायक प्रदीप कुमार को गिरफ्तार
ऑपरेशन का विवरण
किशनगंज की सदर थाने ने बुधवार शाम एक गोपनीय सूचना के बाद थगरिया पड़ोस में एक आवासीय मकान पर छापेमारी की। सूचना के अनुसार, उस घर में बड़े पैमाने पर नकली लॉटरी टिकटों के निर्माण और वितरण का काम चल रहा था। छापेमारी के दौरान पुलिस ने 25,200 से अधिक खराब लॉटरी टिकट बरामद किए और अंडरग्राउंड नेटवर्क की गहराई को समझने के लिये मकान में मौजूद फाइलें भी हासिल कीं।
वहीँ पर रह रहे 32 वर्षीय प्रदीप कुमार को तुरन्त हिरासत में ले लिया गया। वह टिकटों के मुख्य वितरक के रूप में पहचाना गया, जबकि उसके पास कुछ सॉफ़्टवेयर और प्रिंटर भी मिलें जो फर्जी टिकटों की बड़ी मात्रा तैयार करने में मददगार थे। पुलिस ने उसे अब तक पूछताछ के तहत रखा है, ताकि वह अतिरिक्त साजिशियों के नाम और वितरण के रास्ते स्पष्ट कर सके।
ऑपरेशन के मुख्य बिंदु इस प्रकार थे:
- गुप्त सूचना के आधार पर त्वरित छापेमारी
- कुल 25,200 नकली टिकटों की बरामदगी
- मुख्य आरोपी प्रदीप कुमार की गिरफ्तारी
- संबंधित उपकरण और दस्तावेज़ों की जप्ती
- स्थानीय लोगों से सहयोग की मांग

प्रभाव और भविष्य की कार्रवाई
यह कार्रवाई पिछले 15 दिनों में क्षेत्र में की गई दूसरी बड़ी लॉटरी घोटाले के खिलाफ कारवाई है। इसी अवधि में पुलिस ने एक और समान ऑपरेशन सफलतापूर्वक पूरा किया था, जिससे झंडे वाले लॉटरी विक्रेता तथा उनके नेटवर्क को तोड़ने में मदद मिली। अधिकारी अब इस क्षेत्र में मौजूद अन्य संभावित ठिकानों की पहचान करने के लिये अतिरिक्त निगरानी कर रहे हैं।
स्थानीय प्रशासन ने इस बार के मुक़ाबले में बताया कि फर्जी लॉटरी सिर्फ आर्थिक नुकसान नहीं पहुंचाती, बल्कि जनता के बीच अविश्वास भी पैदा करती है। इसलिए, पुलिस ने लोगों से अनुरोध किया कि ऐसे किसी भी अनियमित लॉटरी या अज्ञात स्रोत से मिलने वाले टिकटों के बारे में तुरंत पुलिस को सूचित करें।
अधिक जांच के बाद, अगर यह सिद्ध होता है कि यह नेटवर्क किसी बड़े राष्ट्रीय या अंतर-राज्यीय घोटाले से जुड़ा है, तो पुलिस प्रांत-व्यापी वारंट जारी कर सकती है और अन्य सहयोगियों को भी गिरफ़्तार कर सकती है। पुलिस ने इस बात की भी सूचना दी कि भविष्य में इस तरह के अपराध को रोकने के लिये तकनीकी टूल्स और डिजिटल मॉनिटरिंग का इस्तेमाल बढ़ाया जाएगा।
जांच के दौरान प्राप्त साक्ष्य और बयान से यह स्पष्ट हो रहा है कि इस फर्जी लॉटरी कारोबार में कम से कम दो सिटियों के साथ-साथ कई छोटे-छोटे एजेंट शामिल थे, जो विविध क्षेत्रों में टिकटों को वितरित कर रहे थे। इस सिलसिले में पुलिस ने स्थानीय व्यापारियों और बैंक शाखाओं से भी सहयोग माँगा है, ताकि लेन‑देनों की जांच की जा सके और धन का स्रोत पता लगाया जा सके।