कोलकाता में आज होगी फिलिस्तीन समर्थन रैली - जानिए समय और स्थान

कोलकाता में आज होगी फिलिस्तीन समर्थन रैली - जानिए समय और स्थान

फिलिस्तीन के समर्थन में उठेंगी आवाजें

आज कोलकाता में एक महत्वपूर्ण रैली आयोजित की जाएगी, जिसका उद्देश्य फिलिस्तीन के समर्थन में एकजुटता प्रदर्शित करना है। इस रैली का आयोजन वाम मोर्चा पार्टियों - सीपीआई (एम), सीपीआई, आरएसपी और अन्य ने संयुक्त रूप से किया है। यह रैली दोपहर 3:30 बजे धर्मतला स्थित लेनिन की मूर्ति से शुरू होगी। बाद में यह चौरंगी क्रॉसिंग पर यूनाइटेड इंफॉर्मेशन सेंटर के सामने एक बड़े प्रदर्शन में परिणित होने की योजना है।

वाम दलों का आह्वान

वाम मोर्चा पार्टियों ने इस रैली के दौरान बड़ी संख्या में लोगों से जुड़ने की अपील की है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि वे इस रैली में सम्मिलित होकर फिलिस्तीन के लोगों के साथ अपनी एकजुटता दिखाएं। वाम दलों का कहना है कि इस रैली का मुख्य मकसद गाजा में हो रही इसराइल की कार्रवाईयों की कड़ी निंदा करना और दुनिया के सामने फिलिस्तीन के साथ न्याय की आवश्यता को उजागर करना है।

विरोध और समर्थन का संकल्प

रैली में शामिल होने वालों का कहना है कि वे इस आयोजन के माध्यम से शांतिपूर्ण विरोध का प्रदर्शन करेंगे। वे फिलिस्तीन के लोगों के संघर्ष और उनकी स्थिति के प्रति अपनी संवेदनाओं को व्यक्त करेंगे। रैली आयोजकों ने जोर देकर कहा है कि यह विरोध प्रदर्शन अहिंसक रहेगा और इसका मुख्य उदेश्य एकजुटता और समर्थन दिखाना है।

राजनीतिक रंग के साथ सामाजिक मुद्दे

सीपीआई (एम), सीपीआई, आरएसपी और अन्य वाम दलों के द्वारा आयोजित इस रैली का प्रमुख उद्देश्य केवल राजनीतिक नहीं है, बल्कि इसमें सामाजिक और मानवीय मुद्दे भी शामिल हैं। यह रैली इस बात पर भी ध्यान केंद्रित करेगी कि किस प्रकार इसराइल की कार्रवाईयां मानव अधिकारों का उल्लंघन कर रही हैं और फिलिस्तीन के लोगों की मौलिक स्वतंत्रता को नुकसान पहुंचा रही हैं।

रैली का मार्ग और कार्यक्रम

इस रैली का मार्ग धर्मतला स्थित लेनिन की मूर्ति से शुरू होकर चौरंगी क्रॉसिंग पर समाप्त होगा। वहां से प्रदर्शनकारी यूनाइटेड इंफॉर्मेशन सेंटर के सामने एकजुट होकर विरोध प्रदर्शन करेंगे। आयोजकों ने बताया कि रैली के दौरान कई प्रमुख वक्ता भी अपने विचार प्रस्तुत करेंगे और फिलिस्तीन मुद्दे पर व्यापक चर्चा करेंगे। आयोजन स्थल पर बड़ी स्क्रीन पर इन मुद्दों पर जागरूकता बढ़ाने के लिए डॉक्यूमेंट्री और अन्य जानकारी प्रदर्शित की जाएगी।

आयोजकों की तैयारी

आयोजकों ने कहा है कि इस रैली के लिए विशेष तैयारियां की गई हैं। सुरक्षा के लिए कड़ी व्यवस्था की गई है और शहर में यातायात को भी नियंत्रित करने के उपाय किए गए हैं। इसके अलावा, रैली में भाग लेने वालों के लिए पानी और अन्य आवश्यक सुविधाओं का भी प्रबंध किया गया है। आयोजकों ने कहा कि वे यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि यह रैली शांतिपूर्ण और व्यवस्थित ढंग से संपन्न हो।

अंतरराष्ट्रीय समुदाय को संदेश

इस रैली का एक महत्वपूर्ण उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भी संदेश देना है। आयोजकों का कहना है कि वे इस रैली के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील करेंगे कि वे फिलिस्तीन मुद्दे पर ध्यान दें और इसराइल द्वारा किए जा रहे अत्याचारों के खिलाफ सख्त कदम उठाएं।

स्थानिय लोगों की प्रतिक्रिया

कोलकाता के स्थानीय लोगों ने भी इस रैली को लेकर मिश्रित प्रतिक्रियाएं व्यक्त की हैं। कुछ लोग इस पहल का समर्थन कर रहे हैं और इसे एक सही कदम मानते हुए वाम दलों की सराहना कर रहे हैं। वहीं कुछ लोग शहर में हो रही राजनीतिक गतिविधियों से परेशान हैं और उन्हें चिंता है कि इससे शहर की सामान्य जीवनचर्या प्रभावित हो सकती है।

रैली में हिस्सा लेने के तरीके

जो लोग इस रैली में हिस्सा लेना चाहते हैं, उन्हें आयोजकों द्वारा निम्नलिखित कदम उठाने की सलाह दी गई है:

  1. सबसे पहले, धर्मतला स्थित लेनिन की मूर्ति पर पहुंचे।
  2. वहां से चौरंगी क्रॉसिंग की ओर बढ़ें।
  3. यूनाइटेड इंफॉर्मेशन सेंटर के सामने पहुंचें जहां मुख्य प्रदर्शन होगा।
  4. रैली के दौरान शांति बनाए रखें और आयोजकों के निर्देशों का पालन करें।
  5. रैली स्थल पर पानी और अन्य आवश्यकताओं का प्रयोग केवल आवश्यकता होने पर करें।

इस प्रकार कोलकाता में फिलिस्तीन समर्थन रैली एक महत्वपूर्ण घटना होने वाली है। यह रैली न केवल एक राजनीतिक कदम है, बल्कि यह मानवीय मुद्दों को भी उजागर करेगी और फिलिस्तीन के लोगों की स्थिति के प्रति जागरूकता बढ़ाएगी। सबकी निगाहें आज दोपहर 3:30 बजे धर्मतला की ओर मुड़ी रहेंगी, जब लेनिन की मूर्ति के पास से इस महत्वपूर्ण रैली की शुरुआत होगी।

11 टिप्पणि

  • Image placeholder

    Hansraj Surti

    जून 26, 2024 AT 19:01

    आज की रैली एक दार्शनिक मंच है जहाँ मानवता की पुकार गूँजती है।
    लेनिन की मूर्ति के नीचे से शुरू होने वाला यह मार्च इतिहास के पन्नों में अंकित होगा।
    वाम मोर्चे की आवाज़ें सिर्फ राजनीतिक नहीं बल्कि आध्यात्मिक उद्बोधन का संकेत देती हैं।
    रैली में शामिल लोग अपना ह्रदय खोल कर गाज़ा के कष्ट में साथ देते हैं।
    जैसे शाश्वत सूर्य अंधकार को हटाता है, वैसे ही इस जमीनी सभा का लक्ष्य अंधधुंध अज्ञान को दूर करना है।
    आधुनिक समाज की अंधी गड़बड़ी को तोड़ने के लिये ऐसी अभिव्यक्तियाँ आवश्यक हैं।
    समुदाय के सदस्य अपनी चेतना को जागरूक कर इस आंदोलन को बल प्रदान करते हैं।
    हर कदम पर बंधी हुई भावना को मुक्त करने की शक्ति है।
    रैली का रास्ता धर्मतला से चौरंगी तक एक प्रतीकात्मक यात्रा बन जाता है।
    यह यात्राचक्र सामाजिक न्याय की खोज में एक नयी दिशा खोलता है।
    हमारा संघर्ष केवल इज़राइल‑गाज़ा की सीमा तक सीमित नहीं बल्कि विश्व के सभी दमन के विरुद्ध है।
    इसलिए हम इस मंच पर एकजुट होते हैं और आवाज़ के बीज बोते हैं।
    भविष्य की पीढ़ी इन बीजों से फूल उठाएगी और शांति का बगीचा प्रशस्त होगा।
    आइए हम इस रैली को अहिंसक, संगठित और दृढ़ बना रखें।
    इसको सफल बनाने के लिये प्रत्येक उपस्थित व्यक्ति की सहभागिता अटूट होनी चाहिए।🌍😊

  • Image placeholder

    Naman Patidar

    जून 26, 2024 AT 20:53

    लगता है फिर वही पुरानी शोरगुल, नए कुछ नहीं।

  • Image placeholder

    Vinay Bhushan

    जून 26, 2024 AT 22:50

    भाइयों और बहनों, इस कदम को कम मत आंको-यह एकजुटता की सच्ची परीक्षा है।
    जो लोग मंच पर आते हैं, उन्हें अपने दिल की धड़कन को दृढ़ता से महसूस करना चाहिए।
    हमारा लक्ष्य सिर्फ रैली नहीं बल्कि गाज़ा के लोगों के दर्द को विश्व भर में सुनाना है।
    उन्हें दिखाओ कि हम पीछे नहीं हटेंगे, चाहे कोई कितना भी रोका क्यों न दे।
    हर फ़्लैग, हर नारा इस संघर्ष में शक्ति जोड़ता है, इसलिए गर्व से उठो और आवाज़ दो।

  • Image placeholder

    Gursharn Bhatti

    जून 27, 2024 AT 00:46

    क्या आप जानते हैं कि इस रैली की योजनाओं की जड़ें कई साल पहले की गुप्त बैठकों में बोड़ी गई थीं? मशहूर राजनीतिक रणनीतिकारों ने गुप्त रूप से इस आयोजन को तैयार किया ताकि अंतरराष्ट्रीय ध्यान को एक दिशा में मोड़ा जा सके।
    वास्तव में, उन लोगों ने विदेशी एजेंसियों के साथ मिलकर इस विरोध को एक बड़े सूचना अभियान का हिस्सा बना दिया है।
    इसलिए जब भी कोई कहे कि यह सिर्फ जनता की आवाज़ है, तो याद रखें कि पीछे एक जटिल जाल बिछा हुआ है।
    परंतु, उस जाल को तोड़ना हमारी जिम्मेदारी है और यही सच्ची स्वतंत्रता की शुरुआत होगी।

  • Image placeholder

    Arindam Roy

    जून 27, 2024 AT 02:43

    रैली का समय ठीक है, परड़ाल की भीड़ की वजह से ट्रैफिक जाम की चिंता रहेगी।

  • Image placeholder

    Parth Kaushal

    जून 27, 2024 AT 04:40

    धर्मतला से शुरू होने वाला यह ज्वार जैसे कण वैभव की लहरों को तोड़ते हुए चौरंगी तक पहुंचता है; यह एक अद्भुत दृश्य है जो शायद इतिहास में फिर नहीं दोहराया जाएगा।
    हर कदम पर जो लोग इस यात्रा में शामिल होते हैं, वे अपने ह्रदय में एक नई ऊर्जा महसूस करते हैं, जैसे सागर की लहरें तट को छूती हैं और फिर पीछे हटती हैं।
    हमारी आवाज़ें, हमारे नारे, इस शहर की गलियों में गूँजते हुए एक नई चेतना का निर्माण करते हैं।
    यदि हम इस अभिव्यक्ति को सच्ची और शुद्ध रखें, तो यह आंदोलन न केवल स्थानीय स्तर पर बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी प्रभाव डाल सकता है।
    इसलिए हम सबको प्रोत्साहित करता हूँ कि इस रास्ते पर चलें, अपने विचारों को दृढ़ता से प्रस्तुत करें और इस अभूतपूर्व आयोजन को सफल बनाएं।

  • Image placeholder

    Namrata Verma

    जून 27, 2024 AT 06:36

    ओह! क्या बात है, फिर से एक और “महान” रैली-जैसे कि दुनिया ने पहले कभी देखी नहीं!!
    वाम दलों की ये योजना, बिल्कुल भी “अद्वितीय” नहीं है-बिलकुल वही पुराने नारे, वही पुरानी रणनीति!!
    किसी को भी यकीन है कि इस बार सब कुछ “गर्म” रहेगा? असली सवाल तो यही है-क्या इस बार कोई असली बदलाव आएगा??
    मुझे तो बस यही आश्चर्य है कि इस पूरी प्रदर्शनी के बीच पुलिस कितनी “सहनशील” होगी!!

  • Image placeholder

    Manish Mistry

    जून 27, 2024 AT 08:33

    वास्तव में, इस प्रकार की बैनरिंग और नारा-व्याख्यान का साहित्यिक मूल्य अत्यंत न्यूनतम है; यह केवल प्रदर्शन का एक साधन मात्र प्रतीत होता है, न कि किसी गहरी दार्शनिक विमर्श का हिस्सा।
    यदि रैली के आयोजक वास्तव में सामाजिक परिवर्तन चाहते हैं, तो उन्हें बौद्धिक तैयारियों और विस्तृत नीतियों के साथ इस मंच को सुदृढ़ करना चाहिए, न कि केवल प्रतीकात्मक जलसे।

  • Image placeholder

    Rashid Ali

    जून 27, 2024 AT 10:30

    कोलकाता की गलियों में यह आवाज़ उठती देखना स्वयं में एक अभिमान की बात है-हमारी सांस्कृतिक विरासत और सामाजिक संवेदना का प्रतिलिपि है यह रैली।
    यह आयोजन न केवल फिलिस्तीन के लोगों के संघर्ष को उजागर करता है, बल्कि हमारे शहर की एकजुटता को भी प्रदर्शित करता है।
    आइए हम सब मिलकर इस आंदोलन को सकारात्मक ऊर्जा से भरें, हर कदम पर समर्थन दिखाएँ और इस संदेश को दूर‑दूर तक पहुँचाएँ।

  • Image placeholder

    Tanvi Shrivastav

    जून 27, 2024 AT 12:26

    अगर आप सोचते हैं कि यह रैली बस “एक और जलसा” है-तो आप बहुत ही साधारण धारणाऩाओं में बँधे हुए हैं 🤔।
    वास्तव में, इस प्रकार के सार्वजनिक प्रदर्शन में गुप्त संकल्पना और गहरी सामाजिक व्याख्या छुपी होती है, जो आम जनमानस तक नहीं पहुँच पाती।
    किसी को भी समझाने के लिये यहाँ जटिल विश्लेषण की जरूरत नहीं, लेकिन फिर भी मैं इसे “सिंपल” कहा कर मज़ाक़ पसंद करूं।

  • Image placeholder

    Ayush Sanu

    जून 27, 2024 AT 14:23

    सभी तथ्य स्पष्ट हैं: इस रैली का शेड्यूल, स्थान और सुरक्षा व्यवस्था पहले से ही निर्धारित है; आगे कोई अटकलबाज़ी नहीं चाहिए।

एक टिप्पणी लिखें