कोलकाता में डॉक्टर से बलात्कार और हत्या का मामला: संजय रॉय गिरफ्तार; डॉक्टरों की अनिश्चितकालीन हड़ताल

कोलकाता में डॉक्टर से बलात्कार और हत्या का मामला: संजय रॉय गिरफ्तार; डॉक्टरों की अनिश्चितकालीन हड़ताल

कोलकाता डॉक्टर बलात्कार और हत्या मामला: संजय रॉय गिरफ्तार

कोलकाता के आर जी कर अस्पताल में एक द्वितीय वर्ष के पोस्टग्रेजुएट प्रशिक्षु महिला डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या के मामले में, पुलिस ने संजय रॉय नामक एक नागरिक स्वयंसेवक को गिरफ्तार किया है। संजय, जो 2019 में कोलकाता पुलिस में शामिल हुए थे, पहले भी कई बार अस्पताल की सुरक्षा के लिए तैनात रह चुके थे। इस मामले ने पूरे शहर में सनसनी फैला दी है।

विशेष जांच दल की तेजी

शनिवार को, घटना के ठीक छह घंटे बाद, पुलिस ने एक सात सदस्यीय विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया। संजय रॉय को कुछ ही समय में पकड़ लिया गया। उनकी पहचान तब हुई जब घटनास्थल पर एक टुकड़े हुए इयरफोन का हिस्सा मिला जो उनके ब्लूटूथ डिवाइस से संबंधित था। सीसीटीवी फुटेज में उन्हें आपातकालीन भवन में सुबह 4 बजे प्रवेश करते और 40 मिनट बाद लौटते हुए देखा गया।

डॉक्टरों का गुस्सा

इस घटना के बाद, कोलकाता और भारत के अन्य हिस्सों में अस्पतालों में व्यापक प्रदर्शन हुए। जूनियर डॉक्टरों और रेजिडेंट्स ने बेहतर सुरक्षा उपायों की मांग की और अनिश्चितकालीन हड़ताल का आह्वान किया। एनआरएस, मेडिकल कॉलेज, और सीएनएमसी सहित कई अन्य मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में भी प्रदर्शन हुए।

पोस्टमार्टम रिपोर्ट और साक्ष्य

आधिकारिक पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने यौन शोषण और कई चोटों की पुष्टि की। पुलिस आयुक्त ने रात भर एकत्र किए गए मजबूत साक्ष्यों पर जोर दिया जो संजय रॉय की गिरफ्तारी का कारण बने। न्यायालय में पेश किए गए सबूतों के आधार पर रॉय को 14 दिनों की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया।

घटना की गंभीरता

सार्वजनिक अभियोजक ने इस मामले की गंभीरता को 2012 के निर्भया मामले से तुलना की, जिससे यह और भी चौंकाने वाला है। संजय रॉय का इरादा उसी समय स्पष्ट हो गया जब वह नशे की हालत में रात 11 बजे अस्पताल पहुंचे और फिर सुबह 4 बजे लौटे। CCTV फुटेज में साफ नजर आ रहा है कि उन्होंने अपराध स्थल से जाते वक्त अपना इयरफोन खो दिया था।

इस मामले ने महिलाओं की सुरक्षा के प्रति प्रशासन की उदासीनता पर सवाल उठाए हैं। डॉक्टरों ने हड़ताल का सहारा लिया है, जिससे अस्पतालों में सेवा प्रभावित हो रही है। इस हड़ताल से चिकित्सा शिक्षा और सेवा क्षेत्र में सुधार की अति आवश्यकता को संकेत मिल रहा है।