नोवाक जोकोविच ने जिनेवा ओपन में शानदार जीत के साथ जन्मदिन मनाया
नोवाक जोकोविच ने अपना 37वां जन्मदिन विशेष तरीके से मनाया। इस मौके पर उन्होंने जिनेवा ओपन में यानिक हान्फमैन को मात दी। यह जीत उनके फ्रेंच ओपन की तैयारी का हिस्सा थी और यह उनका इस स्विस टूर्नामेंट में पहला प्रदर्शन था।
बारिश के कारण बाधित हुए मैच में, जोकोविच ने 6-3, 6-3 के सेटों के साथ जीत हासिल की। इस जीत के साथ उन्होंने एटीपी टूर पर 1,100 जीतें कर ली हैं, जो उन्हें एटीपी टूर में तीसरा सबसे ज्यादा जीत दर्ज करने वाला खिलाड़ी बनाती है। यह जीत इसलिए भी खास रही क्योंकि दर्शकों ने उन्हें उनके जन्मदिन पर 'हैप्पी बर्थडे' का गीत गाया और चॉकलेट का केक भेंट किया।
भविष्य की चुनौतियों का सामना
अब जोकोविच को क्वार्टर फाइनल में डेनिस शापोवालोव या टैलोन ग्रिकस्पूर का सामना करना होगा। यह मैच उनके फ्रेंच ओपन की तैयारी के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि उनका उद्देश्य इस साल फिर से फ्रेंच ओपन का खिताब जीतना है।
गौरतलब है कि इस महीने की शुरुआत में इटैलियन ओपन में जोकोविच को अलेखांद्रो ताबिलो के खिलाफ सीधे सेटों में हार का सामना करना पड़ा था। इस हार का कारण उनके द्वारा अनजाने में हुए सिर की चोट थी, जो एक पानी की बोतल की वजह से लगी थी।
फ्रेंच ओपन की तैयारी
फ्रेंच ओपन का आयोजन इस रविवार से शुरू हो रहा है और जोकोविच का ध्यान इस खिताब को एक बार फिर से अपने नाम करने पर केंद्रित है। यह चौथी बार होगा जब वे इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट को जीतने की कोशिश करेंगे।
जोकोविच की यह जीत उनकी उन्नत तकनीक और खेल के प्रति उनकी अटल दृढ़ता का प्रमाण है। उनके फैंस का भी मानना है कि अगली बड़ी चुनौती में वे अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करेंगे।
Apurva Pandya
मई 23, 2024 AT 22:16जन्मदिन की बधाई हो, लेकिन खेल में शिष्टाचार बनाए रखना भी जरूरी है :)
Nishtha Sood
मई 24, 2024 AT 01:56नोवाक की जीत देख कर बहुत खुशी हुई। जन्मदिन का जश्न और जीत का मिलन सच में दिल को छू जाता है। आशा है कि फ्रेंच ओपन में भी वह इसी जोश के साथ मुकाबला करेंगे।
Hiren Patel
मई 24, 2024 AT 06:06जाने दो भले ही वर्ष पर धूप-बारिश का तमाशा हो, पर जोकोविच ने अपने दिमाग की बत्ती जलाकर मंच को रोशन किया। उसकी सर्विस एसी थी मानो जली हुई चाय की चुस्की, जिसका स्वाद सबको भाकर मोहित कर दे। हर ड्रॉप शॉट में एक ज्वाला थी, जो प्रतिद्वंद्वी की रियलिटी को धुंधला कर देती। भीड़ के ग़ज़ब 'हैप्पी बर्थडे' गाने ने उसकी औसत को सुपरहाई कर दिया, मानो संगीत खुद उसकी रैकेट में प्रवेश कर गया। वह दो सेट 6-3, 6-3 से जीता, जैसे एक शरारती बच्चा मिठाई को चुपचाप खा ले, और फिर शरारी मुस्कुराहट के साथ तालियों का मज़ा ले। उसकी हर स्ट्रोक में एक कहानी छुपी थी, जो युवा खिलाड़ियों को प्रेरणा देती। जर्मनी में जन्मे खिलाड़ी ने स्विट्ज़रलैंड की ठंडी हवा को भी गर्म कर दिया। इस जीत से उसके एटीपी रिकॉर्ड में 1,100वीं जीत की चोटी चढ़ी, जो बहुत कम लोग पा सकते हैं। फ्रेंच ओपन की तैयारी में यह जीत एक सशक्त बीज बन गई, जिससे अगला मैच और भी रोमांचक होगा। उसकी चोट के बारे में सुना तो दिमाग हिल गया, पर वह फिर भी अपनी जिंदादिली से सबको चकित कर रहा है। हर बॉल जैसे एक नयी कविता लिख रहा हो, जो सुनते ही दिल को छू जाती है। वह कोरटे में नहीं डरेगा, क्योंकि उसका मन बहुत बड़ा है और उसने पहले भी बड़ी बाधाएँ पार की हैं। उसके फैंस के भरोसे और सपोर्ट ने उसे और भी तेज़ बना दिया। साल दर साल यह साबित करता आ रहा है कि उम्र सिर्फ एक संख्या है, असली शक्ति तो इरादे में है। अब क्वार्टर फाइनल के लिए तैयार हो जाइए, क्योंकि वह आगे की लड़ाइयों में भी वही जलता रहेगा। अंत में, हम सब को यही कहना चाहिए कि उसके इस विशेष दिन पर ऐसा ही हाइटेड प्रदर्शन हमेशा चलता रहे।
Heena Shaikh
मई 24, 2024 AT 07:30जैसे एक बार टॉर्सी का गफलत भौतिकता को चुनौती देता है, वैसे ही जोकोविच की जश्न में हमें उसकी अस्थायी शिखर पर सवाल उठाने चाहिए; जीत सिर्फ एक क्षणिक अभिव्यक्ति है, जबकि सच्ची जीत वह है जो आत्मा को शिखर तक ले जाए।
Chandra Soni
मई 24, 2024 AT 08:20हमें इस पायरेमिडेड पर्स्पेक्टिव को डिकोड करके, अगली सेट की स्ट्रैटेजी को एन्हांस करना चाहिए; तो चलो, इनहेरिटेड एनीरजेटिक ड्राइव से क्वार्टर फाइनल में फ्रेमवर्क को फाइन-ट्यून करें और पीविसी स्ट्रोक्स को मैक्सिमाइज़ करें।
anil antony
मई 24, 2024 AT 10:16बिल्कुल, ये सब काव्यात्मक बातें मज़े के लिए ठीक हैं, लेकिन असली बात तो यह है कि इस तरह की छोटे-छोटे मख़ौल वाले मैचों में खिलाड़ी अक्सर खुद को ओवरहिट कर लेते हैं; वह भी नहीं समझते कि इन्फॉर्मेटिव डेटा एनालिसिस के बिना एटीपी पर लगातार ग्रूटिंग हमें कोई नया नहीं देती।
Aditi Jain
मई 24, 2024 AT 11:40देशभक्तों की नजरों से देखें तो यह जीत केवल एक अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारतीय टेनिस का सम्मान नहीं, बल्कि हमारे राष्ट्रीय गर्व का प्रतीक है; इसलिए हमें ऐसे जटिल विश्लेषणों से बचकर सीधे दिल से समर्थन देना चाहिए।