राजस्थान सरकारी स्कूलों के लिए दिवाली की 12 दिन की छुट्टी: 13 अक्टूबर से 24 अक्टूबर 2025

राजस्थान सरकारी स्कूलों के लिए दिवाली की 12 दिन की छुट्टी: 13 अक्टूबर से 24 अक्टूबर 2025

राजस्थान के सभी सरकारी स्कूलों के लिए दिवाली की 12 दिन की लंबी छुट्टी की घोषणा कर दी गई है। राजस्थान शिक्षा विभाग ने सिताराम जाट, द्वितीयक शिक्षा निदेशक, के आधिकारिक आदेश के माध्यम से यह फैसला जारी किया है। स्कूल 13 अक्टूबर, 2025 के सोमवार से 24 अक्टूबर, 2025 के शुक्रवार तक बंद रहेंगे, और 25 अक्टूबर को कक्षाएँ फिर शुरू होंगी। यह छुट्टी शुरू में 16 अक्टूबर से 27 अक्टूबर के लिए तय की गई थी, लेकिन बाद में इसे आगे बढ़ाकर एक ही 12 दिन की अवधि के साथ नए तारीखों पर लागू कर दिया गया। इस बदलाव का मकसद स्पष्ट था — परंपरागत पंचांग के अनुसार दिवाली के सभी प्रमुख दिनों को शामिल करना।

दिवाली के सभी त्योहारों को शामिल करने का फैसला

इस छुट्टी का असली फायदा यह है कि यह दिवाली के सभी अहम दिनों को कवर करती है — धनतेरस (18 अक्टूबर, शनिवार), छोटी दिवाली (19 अक्टूबर, रविवार), दिवाली (20 अक्टूबर, सोमवार), गोवर्धन पूजा (22 अक्टूबर, बुधवार) और भाई दूज (23 अक्टूबर, गुरुवार)। यह निर्णय केवल एक आदत नहीं, बल्कि सांस्कृतिक संवेदनशीलता का प्रतीक है। राज्य के करोड़ों छात्रों और शिक्षकों के लिए यह एक अवसर है — परिवार के साथ रहने, पूजा-अर्चना करने, नए कपड़े पहनने और दोस्तों-रिश्तेदारों के साथ खाना खाने का।

अन्य राज्यों की तुलना: क्या है अन्य जगहों पर?

राजस्थान की यह 12-दिन की छुट्टी देश के अन्य हिस्सों के मुकाबले काफी लंबी है। उत्तर प्रदेश में सिर्फ 4 दिन की छुट्टी (20-23 अक्टूबर) है, जिसमें 19 अक्टूबर को रविवार होने के कारण असली छुट्टी 5 दिन की हो जाती है। दिल्ली सरकार ने 19 से 23 अक्टूबर तक छुट्टी घोषित की है, जिसमें दिवाली और गोवर्धन पूजा को आधिकारिक छुट्टी के रूप में शामिल किया गया है। बिहार ने तो दिवाली के साथ-साथ छठ पूजा के लिए 12 दिन (18-29 अक्टूबर) की छुट्टी घोषित की है — यहाँ तो दो बड़े त्योहारों के लिए एक ही छुट्टी है।

राजस्थान का फैसला तो अद्वितीय है — यह न केवल दिवाली के दिन को देखता है, बल्कि उसके पहले और बाद के त्योहारों को भी शामिल कर लेता है। इससे बच्चे और उनके परिवारों को एक लगातार अवकाश मिलता है, जिसमें यात्रा, घर पर तैयारियाँ और धार्मिक कार्यक्रम सब आसानी से फिट हो जाते हैं।

निजी स्कूलों की स्थिति: क्या कर सकते हैं?

जबकि सरकारी स्कूल बंद हैं, निजी स्कूलों को छुट्टी देने का कोई अनिवार्य नियम नहीं है। जागरण जोश की रिपोर्ट के अनुसार, निजी स्कूल अपने छात्रों के अभिभावकों की सहमति से वैकल्पिक संशोधन सत्र आयोजित कर सकते हैं। इसका मतलब यह है कि कुछ निजी स्कूल, जैसे श्री अग्रसेन पब्लिक स्कूल, जयपुर, अपने कैलेंडर में 18 से 23 अक्टूबर तक की छुट्टी दिखा रहे हैं — लेकिन यह राज्य सरकार के आदेश का हिस्सा नहीं है। यह उनकी अपनी नीति है।

प्रशासनिक प्रतिक्रिया: आगे बढ़ने का क्या कारण?

छुट्टी की शुरुआत को 16 अक्टूबर से आगे बढ़ाकर 13 अक्टूबर करने का फैसला एक बड़ी प्रशासनिक चाल थी। इसका मतलब यह हुआ कि छात्र और शिक्षक दिवाली से पहले के दिनों में भी घर पर रह सकते हैं — जैसे धनतेरस के दिन घर में लक्ष्मी की पूजा करने या नए सामान खरीदने के लिए। यह तब तक का फैसला नहीं था जब तक कि राज्य के अधिकारी ने देखा कि लोगों को तैयारी के लिए अधिक समय चाहिए।

यह बदलाव राजस्थान के शिक्षा विभाग की लचीलापन और सामाजिक संवेदनशीलता का संकेत है। यह नहीं कि वे बस तारीखें देकर छुट्टी घोषित कर देते हैं — बल्कि वे देखते हैं कि लोगों को त्योहार कैसे मनाना है।

सांस्कृतिक महत्व: दिवाली क्यों इतनी खास है?

राजस्थान में दिवाली केवल एक त्योहार नहीं है — यह एक जीवनशैली है। यहाँ घरों को दीये से जगमगाना, रंगोली बनाना, और बच्चों को लड्डू और बर्फी खिलाना एक अनिवार्य रीति है। इस बार दिवाली रात का कार्तिक अमावस्या तिथि 20 अक्टूबर को दोपहर के बाद शुरू होगी और रात भर चलेगी — जिसका मतलब है कि अगर छुट्टी देर से शुरू होती, तो लोग त्योहार के असली पल को नहीं जी पाते।

इसलिए यह 12 दिन की छुट्टी एक शिक्षा नीति नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक आदर का प्रतीक है। यह बताता है कि राज्य के शिक्षा निकाय अभी भी उन मूल्यों को समझते हैं जो लोगों के जीवन को आकार देते हैं।

अगला कदम: अगले साल क्या होगा?

अगले साल भी राजस्थान शिक्षा विभाग इसी तरह की छुट्टी घोषित करेगा — लेकिन तारीखें बदल जाएंगी। क्योंकि दिवाली की तारीख हर साल हिंदू पंचांग के अनुसार बदलती है। अगले साल, 2026 में, दिवाली 8 नवंबर को आएगी। शिक्षा विभाग पहले से ही इसके लिए तैयार हो रहा है। उम्मीद है कि वे फिर से एक लंबी, समग्र छुट्टी देंगे।

एक अन्य बात जो ध्यान देने लायक है — यह छुट्टी सिर्फ स्कूलों के लिए नहीं, बल्कि राज्य के सभी शिक्षा संस्थानों के लिए लागू होती है। यहाँ तक कि विश्वविद्यालय और महाविद्यालय भी इसी अवधि का पालन करते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

क्या सरकारी शिक्षकों को छुट्टी के दौरान वेतन मिलेगा?

हाँ, सभी सरकारी शिक्षक और कर्मचारी इस 12-दिन की छुट्टी के दौरान पूरा वेतन प्राप्त करेंगे। यह एक आधिकारिक छुट्टी है, जिसे शिक्षा विभाग ने शैक्षणिक कैलेंडर के हिस्से के रूप में घोषित किया है। वेतन निर्धारण के नियमों के अनुसार, इस अवधि को वेतन दिवस के रूप में गिना जाता है।

क्या बच्चों के लिए घर पर कोई शिक्षा योजना दी गई है?

नहीं, राजस्थान शिक्षा विभाग ने छुट्टी के दौरान घर पर पढ़ाई के लिए कोई अनिवार्य योजना नहीं बनाई है। हालाँकि, कुछ जिला स्तरीय शिक्षा अधिकारी अपने स्कूलों के लिए वैकल्पिक पाठ्यक्रम या अनुशासनिक गतिविधियाँ सुझा सकते हैं। यह पूरी तरह से वैकल्पिक है और अभिभावकों की मर्जी पर निर्भर करता है।

क्या दिवाली के बाद बच्चों को अतिरिक्त कक्षाएँ लेनी पड़ेंगी?

नहीं, राज्य शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि इस छुट्टी के कारण कक्षाओं का समय नहीं बढ़ाया जाएगा। शिक्षण अवधि को पहले से ही वार्षिक कैलेंडर में इस अवधि के लिए ध्यान में रखा गया है। इसलिए बच्चों को कोई अतिरिक्त कक्षा या एक्स्ट्रा असाइनमेंट नहीं मिलेगा।

क्या यह छुट्टी राज्य के सभी शिक्षा संस्थानों के लिए लागू है?

हाँ, यह छुट्टी सभी सरकारी प्राथमिक, माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक स्कूलों के लिए लागू है। इसके अलावा, राज्य के सभी विश्वविद्यालय और महाविद्यालय भी इसी अवधि का पालन करेंगे। निजी संस्थानों को इसका पालन अनिवार्य नहीं है, लेकिन अधिकांश उनका अनुसरण करते हैं।

5 टिप्पणि

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    Sita De savona

    नवंबर 4, 2025 AT 12:29

    12 दिन की छुट्टी? बस अब बच्चे घर पर लड्डू खाकर टीवी देखेंगे और पढ़ाई का नाम तक नहीं लेंगे। पर चलो भई, दिवाली तो एक बार साल में आती है। इस बार तो अच्छा हुआ कि छुट्टी लंबी है।

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    sumit dhamija

    नवंबर 5, 2025 AT 16:42

    इस निर्णय को शिक्षा विभाग की दृष्टि से देखा जाए तो यह एक अत्यंत संवेदनशील और योजनाबद्ध कदम है। त्योहारों के साथ शिक्षा का समन्वय न केवल सांस्कृतिक समाज को मजबूत करता है, बल्कि शिक्षा के अर्थ को भी व्यापक बनाता है।

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    Aditya Ingale

    नवंबर 7, 2025 AT 15:46

    भाई ये तो बस दिवाली नहीं, ये तो दिवाली का ओलंपिक है! 12 दिन? अब तो बच्चे घर पर दीये बुझाने के बाद खुद को दीपावली का राजा बना लेंगे। राजस्थान ने तो एक नया रिकॉर्ड बना दिया - छुट्टी का, न कि पढ़ाई का।

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    Aarya Editz

    नवंबर 9, 2025 AT 06:31

    क्या वाकई हमारी शिक्षा प्रणाली का उद्देश्य बच्चों को त्योहारों में डूबने के लिए तैयार करना है? या फिर यह सिर्फ एक अवकाश है जिसे हम सांस्कृतिक आदर का नाम दे रहे हैं? शायद यह एक नए दृष्टिकोण की शुरुआत है - जहाँ परंपरा और शिक्षा एक ही रेखा पर चलती हैं।

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    Prathamesh Potnis

    नवंबर 9, 2025 AT 10:22

    राजस्थान ने एक बहुत ही सही फैसला किया है। दिवाली केवल एक दिन का त्योहार नहीं है, यह एक परंपरा है। इस छुट्टी से बच्चे अपने परिवार के साथ समय बिता सकते हैं और सांस्कृतिक मूल्यों को सीख सकते हैं। यह शिक्षा का ही एक रूप है।

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