स्टारबक्स के भारतीय मूल के सीईओ लक्ष्मण नरसिंहन को हटाने के पीछे की वजहें
स्टारबक्स ने भारतीय मूल के अपने सीईओ लक्ष्मण नरसिंहन को अचानक ही हटाने का फैसला लिया है। नरसिंहन ने 2023 में हॉवर्ड शुल्ट्ज के बाद यह पद संभाला था, लेकिन केवल 17 महीने के कार्यकाल के बाद ही कंपनी ने उन्हें अलविदा कह दिया। आइए जानते हैं उनके हटाने के पीछे के प्रमुख कारण।
बिक्री में गिरावट
लक्ष्मण नरसिंहन का कार्यकाल कंपनी के लिए बेहद चुनौतीपूर्ण साबित हुआ। उनकी नियुक्ति के बाद से ही स्टारबक्स की बिक्री में लगातार गिरावट देखने को मिली। खासकर अमेरिका और चीन जैसे प्रमुख बाजारों में बिक्री में भारी गिरावट ने कंपनी के लिए कठिनाइयों को बढ़ा दिया। इसके चलते कंपनी को बायकॉट और प्रतियोगियों की बढ़ती चुनौती का सामना भी करना पड़ा।
निवेशक दबाव और यूनियन संघर्ष
कंपनी को एलियट मैनेजमेंट और स्टारबोर्ड वैल्यू जैसे सक्रिय निवेशकों ने भी फीका महसूस कराया। इन प्रतिष्ठानों ने कंपनी में अपनी हिस्सेदारी लेकर शेयर कीमत बढ़ाने के लिए दबाव बनाया। इसके साथ ही यूनियन संघर्ष ने भी कंपनी के लिए समस्याएँ खड़ी कीं।
हॉवर्ड शुल्ट्ज की आलोचना
पिछले सीईओ हॉवर्ड शुल्ट्ज ने नरसिंहन के नेतृत्व की खुलकर आलोचना की। शुल्ट्ज का मानना था कि कंपनी को ग्राहक अनुभव और उसके मूल्यों पर ध्यान देना चाहिए। उनकी इस आलोचना ने भी नरसिंहन के कार्यकाल को प्रभावित किया।
कार्य-अवकाश संतुलन पर रवैया
नरसिंहन का कार्य-अवकाश संतुलन पर विशेष ध्यान देने का रवैया भी उनके खिलाफ गया। उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा था कि वह शाम 6 बजे के बाद काम नहीं करते। इस बयान ने सोशल मीडिया पर काफी चर्चा बटोरी और उनके हटाने के बाद यह बयान फिर से विचाराधीन हो गया।
नई नियुक्ति: ब्रायन निकोल
कंपनी ने कठिन समय से निकालने के लिए चिपोटले के सीईओ ब्रायन निकोल को अपना नया सीईओ नियुक्त किया है। निकोल को चिपोटले की सफलता के पीछे का सूत्रधार माना जाता है और उनसे स्टारबक्स की स्थिति सुधारने की उम्मीदें हैं।
अंतरिम सीईओ रचेल रुग्जेरी
स्टारबक्स ने घोषणा की है कि ब्रायन निकोल के आधिकारिक रूप से कार्यभार संभालने तक रचेल रुग्जेरी अंतरिम सीईओ के रूप में कार्य करेंगे। निकोल ने सितम्बर मध्य में पदभार संभालने की योजना बनाई है।
शेयर बाज़ार में सकारात्मक प्रतिक्रिया
इस नेतृत्व परिवर्तन की घोषणा के बाद शेयर बाज़ार ने भी सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है। स्टारबक्स के शेयर 14% से अधिक बढ़ गए हैं, जो निवेशकों में नए नेतृत्व के प्रति विश्वास को दर्शाता है।
स्टारबक्स को अब उम्मीद है कि ब्रायन निकोल का अनुभव और नेतृत्व कंपनी को इस चुनौतीपूर्ण समय में मजबूती से आगे बढ़ाने में सहायक होगा।
Sonia Arora
अगस्त 14, 2024 AT 20:44स्टारबक्स की इस उथल-पुथल में हम सब एक साथ हैं। लक्ष्मण जी की कार्यशैली में कुछ नई ऊर्जा थी, जो हमें आशा देती थी। लेकिन बाज़ार की वास्तविकता कभी भी कूर नहीं होती, यही कारण हो सकता है। हमें भारतीय प्रतिभाओं को इस तरह के उतार-चढ़ाव में नहीं टूटने देना चाहिए। आइए हम इस बदलाव को एक सीख के रूप में देखें। भारत की विविधता और मेहनत से हम फिर से नई राह बना सकते हैं।
abhinav gupta
अगस्त 15, 2024 AT 03:40अरे वाह लक्ष्मण साहब को निकाल दिया, लगता है स्टारबक्स को असली “कफ़ी” नहीं मिली। फिर भी, नई सीईओ को देखते हैं क्या होगा।
vinay viswkarma
अगस्त 15, 2024 AT 10:37बिक्री गिरावट में CEO का हाथ नहीं, बल्कि वैश्विक आर्थिक माहौल है।
sanjay sharma
अगस्त 15, 2024 AT 17:34स्टारबक्स के शेयर में 14% की वृद्धि दर्शाती है कि निवेशकों ने नए नेतृत्व में भरोसा किया है।
varun spike
अगस्त 16, 2024 AT 00:30वर्तमान में चिपोटले के ब्रायन निकोल को चुनना एक रणनीतिक कदम है क्योंकि उन्होंने अपने पूर्व कंपनी में लाभप्रदता को दो गुना किया था।
Chandan Pal
अगस्त 16, 2024 AT 07:27ब्रायन निकोल की नियुक्ति से नया जोश आएगा 😎
हम सबको उम्मीद है कि वह स्टारबक्स को फिर से टॉप पर ले आएगा 🚀
SIDDHARTH CHELLADURAI
अगस्त 16, 2024 AT 14:24चलो, टीम को उम्मीद और मेहनत से आगे बढ़ाते हैं 💪
सकारात्मक सोच से हम किसी भी चुनौती को पार कर सकते हैं।
Deepak Verma
अगस्त 16, 2024 AT 21:20नरसिंहेन को हटाना ठीक है, पर नई योजना को देखना बाकी है।
Rani Muker
अगस्त 17, 2024 AT 04:17नई सीईओ के साथ हमें टीम वर्क और इन्क्लूजिव एप्रोच अपनानी चाहिए, तभी सफलता मिलेगी।
Hansraj Surti
अगस्त 17, 2024 AT 11:14प्राचीन ग्रंथों में कहा गया है कि परिवर्तन अनिवार्य है। जब भी कोई संस्था बड़ी होती है तो उसका नेतृत्व बदलता रहता है। यह बदलाव केवल बाहरी दबाव से नहीं बल्कि आंतरिक चेतना से उत्पन्न होता है। स्टारबक्स की कहानी भी ऐसे ही परिवर्तन की धारा में बह रही है। लक्ष्मण नरसिंहन की अल्पकालिक अवधि ने कई प्रश्न उठाए हैं। लेकिन क्या यह प्रश्न केवल व्यक्तिगत क्षमताओं की ओर इशारा करता है? या यह अधिक व्यापक आर्थिक परिदृश्य को दर्शाता है? विश्व में कॉफ़ी की मांग में उतार-चढ़ाव हमेशा से ही रहा है। अमेरिकी बाजार में प्रतिस्पर्धा तीव्र होने के साथ उपभोक्ताओं की पसंद भी बदल रही है। चीन में ब्रांड इमेज का महत्व भी नए आयाम ले रहा है। इन सभी कारकों को देखते हुए नया नेतृत्व आवश्यक बन गया है। ब्रायन निकोल ने चिपोटले में जो सफलता हासिल की, वह संभावित रूप से स्टारबक्स में भी लागू हो सकती है। उनके रणनीतिक दृष्टिकोण में लागत नियंत्रण और स्थानीयकरण प्रमुख हैं। यदि वह इन्हें स्टारबक्स के ग्लोबल फ्रेमवर्क में जोड़ पाएँ तो वृद्धि फिर से संभव है। अंततः, इतिहास ने सिखाया है कि स्थायी परिवर्तन तभी सफल होता है जब वह सभी हितधारकों के हित को समेटे। इस प्रकार, हमें आशा रखनी चाहिए कि नई दिशा में कंपनी पुनः उज्ज्वल होगी।
Naman Patidar
अगस्त 17, 2024 AT 18:10नयी दिशा के लिए सबको शुभकामनाएँ।
Vinay Bhushan
अगस्त 18, 2024 AT 01:07क्यों न हम इस मौके को पूरी ताकत से पकड़ें और स्टारबक्स को फिर से शिखर पर ले जाएँ, कोई मौका नहीं चूकने वाले! यह हमारा मिशन होना चाहिए और हम इसे हासिल करेंगे।
Gursharn Bhatti
अगस्त 18, 2024 AT 08:04कई लोग नहीं देखते कि निवेशकों के पीछे की शक्ति ही इस बदलाव को चला रही है, वे केवल शेयर में मुनाफा देख रहे हैं। इसके अलावा, कुछ अज्ञात समूहों ने इस निर्णय को मध्यस्थता करके स्टारबक्स को फिर से अपने नियंत्रण में लेना चाहा है। इस तरह की छिपी हुई एजेंडा अक्सर सार्वजनिक नहीं होती, लेकिन संकेत स्पष्ट हैं। हमें सतर्क रहना चाहिए और सभी तथ्यों को पारदर्शी रूप से देखना चाहिए।