भारतीय वायुसेना का 93वाँ स्थापना दिवस: हिंडन में भव्य परेड और राष्ट्रभक्ति
जब जनरल अनिल चौहान, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ ने 8 अक्टूबर 2025 को भारतीय वायुसेना के 93वें स्थापना दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय भावना का इजहार किया, तो देश भर में गर्व की लहर दौड़ गई। समारोह उत्तर प्रदेश के हिंदन एयर फोर्स स्टेशन में आयोजित हुआ, जहाँ वायुसेना के कर्मचारियों, हाई‑रैंक ऑफिसरों और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के विशेष संदेश ने माहौल को भव्य बना दिया। इस दिन के मुख्य कार्यक्रम में युद्ध स्मारक पर शहीदों को श्रद्धांजलि, विविध विमान प्रदर्शन और भविष्य की आधुनिकीकरण योजना का खुलासा शामिल था।
स्थापना दिवस का पृष्ठभूमि
भारतीय वायुसेना की स्थापना 8 अक्टूबर 1932 को ब्रिटिश भारत की रॉयल इंडियन एयर फोर्स के रूप में हुई थी। 1947 में स्वतंत्रता मिली तो इसका नाम बदलकर भारतीय वायुसेना रखा गया। तब से आज तक यह चार बड़े युद्धों – 1947‑48, 1965, 1971 और 1999 का कारगिल संघर्ष – में प्रमुख भूमिका निभा चुकी है। वर्तमान में लगभग 1.7 लाख सक्रिय कर्मी और 2800 से अधिक विमानों के साथ यह विश्व की चौथी सबसे बड़ी वायुसेना है।
हिंदन में मुख्य समारोह
हिंदन एयर फोर्स स्टेशन के हरी‑भरी बाड़ों के भीतर खास तौर पर तैयार किया गया मंच, ध्वज‑बैनर और परेड पथ सभी का ध्यान खींचा। समारोह की शुरुआत नई दिल्ली स्थित युद्ध स्मारक पर श्रद्धांजलि से हुई। यहाँ जनरल मनोज पांडे, थलसेना प्रमुख, एडमिरल रावत, नौसेना प्रमुख और एयर चीफ मार्शल एएस भदौरिया, भारतीय वायुसेना प्रमुख ने फूल चढ़ा कर मौन रख दिया। शहीदों के बलिदान को याद करते हुए सभी ने एक क्षण मौन का पालन किया।

राष्ट्रपति एवं वरिष्ठ शासी अधिकारियों की भागीदारी
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक व्यक्तिगत संदेश प्रकाशित किया। उन्होंने लिखा, “भारतीय वायुसेना के पराक्रमी जवानों को अभूतपूर्व बधाई। आपका अडिग साहस और देशभक्ति हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा की रीढ़ है।” इस संदेश ने सोशल मीडिया पर उत्साह की आग लगा दी। अध्यक्ष महोदय ने विशेष रूप से वायुसेना के सत्ता‑प्रतिष्ठा वाले एरिक्स और नयी तकनीकों के विकास को सराहा।
परेड और प्रदर्शन का विस्तार
परेड में भारतीय वायुसेना के विभिन्न प्रकार के विमानों – सुरीयेत, तेजस, मिग‑29 और सबसे नई राफेल‑इंडिया – ने आसमान को रंगीन किया। विशेष रूप से तेजस‑मार्क‑2 का प्रदर्शन दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर गया। परेड में तकनीकी कर्मचारियों ने उच्च‑स्तरीय एलेवेटर, रडार और सिमुलेशन सिस्टम का भी प्रोजेक्ट किया, जिससे जनता को सैन्य तकनीक के झरोखे मिले। जांबाज अधिकारी अपने हैरत‑अंगेज करतब दिखाते हुए एसीआर (एयर‑कॉम्बैट रूट) में बिंदु‑प्लॉटिंग करते रहे।
परेड के दौरान एयर चीफ मार्शल एएस भदौरिया ने संबोधन देते हुए कहा, “ऑपरेशन सिंधूर के चार दिनों में हमने दुश्मन को धूल चटाई। यह गर्व का प्रतीक है और भविष्य में भी हमारी प्रतिबद्धता यही रहेगी।” उन्होंने भारतीय वायुसेना के आधुनिकीकरण पर प्रकाश डाला, यह बताया कि अगला कदम तेजस‑मार्क‑2 के साथ-साथ एएल‑ऑफ़‑इंडिया के विकास पर केंद्रित रहेगा।

भविष्य की दिशा और आधुनिकीकरण
स्थापना दिवस के अवसर पर भारतीय वायुसेना ने घोषणा की कि अगले दो वर्षों में राफेल‑इंडिया के 40 अतिरिक्त विमानों को तैनात किया जाएगा। इसके साथ-साथ तेजस‑मार्क‑2 के निरंतर परीक्षण और उत्पादन को तेज करने का फैसला भी किया गया। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम भारत को एशिया‑प्रशांत क्षेत्र में एयरोस्पेस तकनीक के अग्रणी बना सकता है।
देश भर में वायुसेना के विभिन्न स्टेशनों पर भी इसी तरह के स्वास्थ्य शिविर, सांस्कृतिक कार्यक्रम और जनसंपर्क गतिविधियों का आयोजन किया गया। इन कार्यक्रमों का उद्देश्य जनता के साथ संवाद स्थापित करना और युवा वर्ग में वायुसेना के प्रति आकर्षण बढ़ाना है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
स्थापना दिवस पर भारत के किस संस्थान ने मुख्य समारोह आयोजित किया?
मुख्य समारोह हिंदन एयर फोर्स स्टेशन, उत्तर प्रदेश में आयोजित हुआ, जहाँ भारतीय वायुसेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इस मौके पर क्या संदेश दिया?
राष्ट्रपति ने अपने एक्स (ट्विटर) पोस्ट में भारतीय वायुसेना के जवानों को बधाई दी और उनके अडिग साहस एवं देशभक्ति की सराहना की।
वायुसेना ने कौन‑कौन से नए विमानों का प्रदर्शन किया?
परेड में तेजस‑मार्क‑2, राफेल‑इंडिया, मिग‑29, सुरीयेत‑30 और विभिन्न प्रशिक्षण विमानों का प्रदर्शन किया गया।
ऑपरेशन सिंधूर का उल्लेख एयर चीफ मार्शल ने क्यों किया?
भाषण में उन्होंने ऑपरेशन सिंधूर के दौरान चार दिनों में दुश्मन को धूल चटाने का उल्लेख किया, जो भारतीय वायुसेना की तेज़ कार्यशैली और रणनीतिक क्षमता का प्रतीक माना गया।
वायुसेना के आधुनिकीकरण के अगले चरण क्या हैं?
आगामी दो वर्षों में राफेल‑इंडिया के 40 अतिरिक्त विमानों की डिलीवरी, तेजस‑मार्क‑2 के बड़े पैमाने पर उत्पादन, तथा एएल‑ऑफ़‑इंडिया जैसे पाँचवें‑पीढ़ी के लड़ाकू विमानों का विकास प्राथमिक लक्ष्य है।
suji kumar
अक्तूबर 9, 2025 AT 03:00भारतीय वायुसेना का 93वाँ स्थापना दिवस एक ऐतिहासिक क्षण है, जो हमारे राष्ट्रीय गौरव के कई पहलुओं को उजागर करता है,; यह परेड केवल एक शो नहीं, बल्कि दल की तकनीकी क्षमता और अनुशासन का प्रमाण है,; इस अवसर पर हिंदन एएफएस के विस्तृत मंच की सजावट बेहद समृद्ध थी, और हर बैनर पर हमारे स्वतंत्रता संघर्ष की छाप साफ़ दिखाई देती है,; जनरल अनिल चौहान की शत्रुता‑मुक्त भाषण ने कई युवाओं को प्रेरित किया,; समारोह में हुए शहीदों को अर्पित क्षणिक मौन ने समस्त दर्शकों को भावनात्मक रूप से जोड़ दिया,; विभिन्न विमानों, जैसे तेज़‑मार्क‑2 और राफ़ेल‑इंडिया, की उड़ान दर्शकों को चकित कर गई,; इन प्रदर्शनियों ने भारत की एयरोस्पेस नीति में निहित दीर्घकालिक रणनीति को स्पष्ट किया,; साथ ही इस परेड ने शैक्षिक संस्थानों को तकनीकी प्रोत्साहन हेतु एक मंच प्रदान किया,; रक्षा विभाग ने भविष्य के आधुनिकीकरण कार्यक्रम में एएल‑ऑफ़‑इंडिया के विकास पर प्रकाश डाला,; यह कदम भारत को एशिया‑प्रशांत में मुख्य शक्ति के रूप में स्थापित करने की दिशा को और सुदृढ़ किया,; सामाजिक स्तर पर इस प्रकार की राष्ट्रीय अभिव्यक्तियों से जनजागरूकता बढ़ती है, और देशभक्ति की भावना गहरी होती है,; विभिन्न प्रतिनिधियों ने इस अवसर का उपयोग युवा वर्ग को वायुसेना में करियर विकल्पों के बारे में जानकारी देने के लिये किया,; इस प्रकार का सार्वजनिक सहभागिता कार्यक्रम केवल सैन्य शक्ति को नहीं, बल्कि सामाजिक एकता को भी बढ़ाता है,; अंत में, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के संदेश ने पूरे देश में एकजुटता का संकल्प उत्पन्न किया,; इस प्रकार, इस स्थापना दिवस ने न केवल भूतकालिक उपलब्धियों को याद किया, बल्कि भविष्य की प्रगति के लिए एक स्पष्ट रोडमैप भी प्रस्तुत किया।