हिज़बुल्लाह एक लेबनानी राजनीतिक और सशस्त्र समूह है जिसकी जड़ें 1980 के दशक में हैं। इसे सामाजिक सेवाएँ भी देती दिखती है और साथ ही सशस्त्र गतिविधियों के लिए भी जाना जाता है। कई देशों ने इसे अलग-अलग आधार पर आतंकी संगठन घोषित किया है, जबकि कुछ देशों और स्थानीय जनसमर्थन इसे राजनीतिक और सामाजिक संगठन के रूप में देखते हैं।
क्या सिर्फ़ हथियार ही हिज़बुल्लाह की पहचान है? नहीं। इस समूह का समाज में हेल्थकेयर, शिक्षा और राजनीतिक हिस्सेदारी का भी बड़ा रोल रहा है। इस वजह से चर्चा में अक्सर दो पहलू मिलते हैं: सशस्त्र गतिविधियाँ और लोकल सेवाएँ।
इजरायल-लेबनान सीमा पर हिज़बुल्लाह और इजरायल के बीच समय-समय पर तनावा बना रहता है। यह संघर्ष कभी-कभी बड़े गोलाबारी और ड्रोन हमलों तक पहुंच जाता है, जिससे सीमावर्ती इलाकों में स्थिति खराब होती है। साथ ही, सीरिया के गृहयुद्ध में हिज़बुल्लाह का समर्थन भी क्षेत्रीय संतुलन पर असर डालता रहा है।
राजनीतिक स्तर पर हिज़बुल्लाह लेबनान की संसद और सरकार में भी सक्रिय है, जिसका मतलब यह है कि इसकी नीतियाँ और निर्णय केवल युद्ध-स्तर तक सीमित नहीं हैं। यह दोनों—सशस्त्र और राजनैतिक—विदियों से क्षेत्रीय राजनीति को प्रभावित करता है।
हिज़बुल्लाह पर खबरें पढ़ते समय तारीख, स्रोत और स्थान देखना जरूरी है। स्थानीय रिपोर्ट, सरकार की घोषणाएँ और अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसियों की रिपोर्ट में फर्क हो सकता है। यदि किसी घटना का वीडियो या फाइल फोटो है तो उसकी प्रामाणिकता जाँचें—कभी-कभी पुरानी फुटेज को नया बताकर फैलाया जाता है।
भरोसेमंद स्रोतों में अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसियाँ, प्रमुख विदेशी और स्थानीय अख़बार, और आधिकारिक बयान शामिल हैं। NGO रिपोर्ट और विश्लेषक नोट्स भी मददगार होते हैं, पर उनकी तरफ़ भी पक्षपात की संभावना रहती है—इन्हें दूसरों रिपोर्टों के साथ मिलाकर पढ़ें।
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अगर आप हिज़बुल्लाह की नीतियों, सैन्य रणनीति या स्थानीय प्रभाव पर गहराई से जानना चाहते हैं, तो विशेषज्ञ विश्लेषण और इतिहास पर आधारित लेख पढ़ें। ताजा घटनाओं के संदर्भ में समय और स्थान समझना सबसे अहम है।
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इज़राइल और हिज़बुल्लाह के बीच बढ़ते तनाव के कारण पश्चिमी सरकारें अपने नागरिकों को लेबनान से निकलने की सलाह दे रही हैं। हिज़बुल्लाह द्वारा गोलन हाइट्स पर संदिग्ध रॉकेट हमले में 12 द्रूज़ बच्चों और युवाओं के मारे जाने के कारण तनाव बढ़ा है। इज़राइल की धमकी से क्षेत्रीय संघर्ष और संभावित युद्ध की स्थिति पैदा हो सकती है।
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच महिला टी20 विश्व कप 2024 के एक महत्वपूर्ण ग्रुप मैच में मुकाबला होगा। जिसमें भारत को सेमीफाइनल में जगह पक्की करने के लिए जीत की जरूरत है। ऑस्ट्रेलिया चोटिल खिलाड़ियों के बावजूद मजबूत नजर आ रही है जबकि भारत की नजरें अपनी पूरी ताकत के साथ जीत पर हैं। हर्मनप्रीत कौर और एलिसा हीली के बीच व्यक्तिगत प्रतिद्वंद्विता मैच को और भी रोमांचक बनाएगी।
आरबीआई के पूर्व गवर्नर शक्तिकांत दास को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दूसरा प्रधान सचिव नियुक्त किया गया है। यह नई भूमिका उन्हें प्रमोद कुमार मिश्रा के साथ प्रधानमंत्री कार्यालय में सौपी गई है, जो मौजूदा प्रधान सचिव हैं। दास की नियुक्ति आर्थिक नीतियों और महामारी प्रबंधन में उनके अनुभव को देखते हुए की गई है।
राम चरण और कियारा आडवाणी की अदाकारी से सजी 'गेम चेंजर' फिल्म के पहले टीज़र का लखनऊ में भव्य लॉन्च किया गया। एस शंकर द्वारा निर्देशित, यह फिल्म दर्शकों को एक अनपेक्षित मनोरंजन का अनुभव कराने का वादा करती है। फिल्म का निर्माण दो वर्षों से हो रहा है और इसमें एसजे सूर्या, श्रीकांत, और अंजलि जैसे प्रतिभाशाली कलाकार शामिल हैं।
झारखंड में रिटायरमेंट के बाद लोग अपने अनुभव को नई करियर की शुरुआत में बदल रहे हैं, जो उनके लिए एक नया सफर साबित हो रहा है। यह लोग मेंटरिंग, उद्यमिता और सामुदायिक कार्य के माध्यम से समाज में योगदान कर रहे हैं, जिससे उन्हें नया उद्देश्य मिल रहा है।
कोच ग्रेग बेरहाल्टर को टिम वेह के दो मैचों के निलंबन के बाद अपनी शुरुआती लाइनअप में बदलाव करना पड़ रहा है। USMNT का मुकाबला उरुग्वे से होगा, जो कोपा अमेरिका क्वार्टरफाइनल की उम्मीदें बढ़ाने के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।