When working with शेयर गिरावट, स्टॉक की कीमत में निरंतर कमी, जो बाजार भावना, कंपनी के परिणाम या बाहरी घटनाओं से उत्पन्न होती है. Also known as स्टॉक डिप्रेशन, it signals investors to reassess strategies.
शेयर गिरावट को समझना आसान नहीं जब तक हम शेयर बाजार, सभी स्टॉक्स का समग्र मंच जहाँ कीमतें तय होती हैं और उसके आर्थिक संकेतक, जैसे जीडीपी, मुद्रास्फीति और ब्याज दरें जो स्टॉक की दिशा तय करती हैं को नज़र में रखें। जब मुद्रास्फीति तेज़ होती है या ब्याज दरें बढ़ती हैं, तो निवेशकों का जोखिम‑भाव बदलता है और कई बार शेयर कीमतें नीचे गिरती हैं। वही जोखिम का भाव निवेश जोखिम, वित्तीय नुकसान की संभावना जिसे बाजार उतार‑चढ़ाव बढ़ाते हैं के रूप में दिखता है। इसलिए शेयर गिरावट अक्सर इन तीन तत्वों के आपस में टकराने से पैदा होती है।
उदाहरण के तौर पर, जैगर लैंड रोवर पर हुआ साइबर‑अटैक कंपनी की उत्पादन लाइनों को बंद कर दिया, जिससे टाटा मोटर्स के शेयरों में तेज़ गिरावट आई। यहाँ तकनीकी घटना ने सीधे शेयर गिरावट को ट्रिगर किया। इसी तरह, Sun Pharma की तिमाही रिपोर्ट में शुद्ध लाभ में 19% गिरावट दिखी, जबकि लाभांश केवल 5.50 रुपये प्रति शेयर तय हुआ – इन वित्तीय आँकड़ों की वजह से शेयर कीमतें नीचे धकेली गईं। दूसरी ओर, Adani Power ने स्टॉक स्प्लिट कर शेयरों की कीमत को 20% बढ़ाया, जिससे निवेशकों के भरोसे में इजाफा हुआ, जबकि इसका उल्टा असर शेयर गिरावट पर पड़ता। ये केस दिखाते हैं कि कंपनी के परिणाम, साइबर‑सुरक्षा, या मैक्रो‑इकोनॉमिक बदलाव सभी शेयर गिरावट के संभावित कारण बन सकते हैं।
जब कोई बड़ी खबर आती है – जैसे महँगी औषधियों की कीमत में बदलाव, बड़े प्रोजेक्ट का रद्द होना या नई नीति का लागू होना – तो शेयर गिरावट के संकेत तुरंत पड़ते हैं। ट्रेडिंग प्लेटफ़ॉर्म पर लाया गया वॉल्यूम, ओपनिंग प्राइस और क्लोज़िंग प्राइस की तुलना इन संकेतों को स्पष्ट करती है। यदि वॉल्यूम बढ़ा पर प्राइस गिर रहा हो, तो यह दर्शाता है कि बेचने वाले ज़्यादा हैं और बाजार में पैनिक का माहौल बन चुका है। इसी कारण से अनुभवी निवेशक सख्त रिसर्च और तकनीकी चार्ट के आधार पर एंट्री‑एक्ज़िट तय करते हैं।
एक और महत्वपूर्ण पहलू है बाजार की भावना, जिसे अक्सर “सेंटिमेंट” कहा जाता है। सेंटिमेंट संकेतक जैसे VIX (वोलेटिलिटी इंडेक्स) या रिटेल ट्रेडिंग डेटा यह बताते हैं कि जनता कितना आशावादी या निराश है। जब VIX उच्च रहता है, तो बाजार में अनिश्चितता बढ़ती है और शेयर गिरावट की संभावना भी। इस प्रकार, शेयर गिरावट सिर्फ संख्या नहीं, बल्कि मनोवैज्ञानिक, आर्थिक और तकनीकी कारकों का मिश्रण है।
आप अपने पोर्टफ़ोलियो को शेयर गिरावट से बचाने के लिए कुछ सरल कदम उठा सकते हैं: विविधीकरण, स्टॉप‑लॉस सेट करना, और नियमित रूप से कंपनी की बुनियादी फंडामेंटल्स की जाँच करना। अगर आप देखते हैं कि कंपनी के राजस्व में लगातार गिरावट है या उसके डिविडेंड कट हुए हैं, तो यह एक चेतावनी संकेत हो सकता है। साथ ही, बड़े मैक्रो‑इकोनॉमिक डेटा – जैसे RBI की मौद्रिक नीति अपडेट – को फॉलो करने से भविष्य की गिरावट को पहले से अनुमानित किया जा सकता है।
अब आप जानते हैं कि शेयर गिरावट क्यों होती है, कौन‑से संकेत इसे दर्शाते हैं, और कैसे आप अपने निवेश को सुरक्षित रख सकते हैं। नीचे दी गई लेख-संग्रह में हम ने हालिया शेयर गिरावट से जुड़े विस्तृत केस, विशेषज्ञ राय और प्रैक्टिकल टिप्स को एक साथ जोड़ा है। इन लेखों को पढ़कर आप खुद को एक बेहतर निवेशक बना सकते हैं, चाहे बाजार ऊपर जाए या नीचे।
MEA ने BLS International पर दो साल का टेंडर प्रतिबंध लगाया, जिससे शेयर 17% गिरे। कंपनी मौजूदा अनुबंधों को बनाए रखने का वादा करती है।
RBSE, अजमेर जल्द ही 10वीं बोर्ड का रिजल्ट घोषित करेगा। बोर्ड कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से परिणाम घोषित किए जाएंगे, जिसमें उत्तीर्ण प्रतिशत, टॉपर्स और जिलेवार प्रदर्शन की जानकारी दी जाएगी। परिणाम आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध होंगे।
8 अक्टूबर 2025 को भारतीय वायुसेना ने हिंदन एयर फोर्स स्टेशन में 93वाँ स्थापना दिवस मनाया, जहाँ राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, जनरल अनिल चौहान और एयर चीफ मार्शल एएस भदौरिया ने भाग लेकर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
ऑल इंडिया बार एग्जामिनेशन (AIBE) 19 के परिणाम 21 मार्च 2025 को घोषित हुए। परीक्षा में 93 प्रश्न पूछे गए थे, और उम्मीदवार अपने रोल नंबर व जन्मतिथि से आधिकारिक पोर्टल पर रिजल्ट देख सकते हैं। OMR शीट रीचेकिंग की सुविधा भी उपलब्ध हुई है। यह प्रमाणपत्र देश में वकालत के लिए जरूरी है।
राजनीतिक विश्लेषक प्रशांत किशोर का अनुमान है कि 2024 के लोकसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को 2019 के प्रदर्शन के समान लगभग 300 सीटें मिल सकती हैं। उनके अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ कोई व्यापक गुस्सा नहीं है, जो परिणाम को प्रभावित कर सकता है।
PM Kisan योजना की 20वीं किस्त अब तक जारी नहीं हुई है, जिससे लगभग 9.8 करोड़ किसान परेशान हैं। पीएम मोदी के बिहार दौरे में उम्मीद थी कि यह किस्त जारी होगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। किसानों को अभी और इंतजार करना होगा। जिन किसानों ने e-KYC पूरी कर ली है, वे पोर्टल पर अपनी स्थिति देख सकते हैं।