जब हम अंतरिक्ष स्टेशन, एक मानव निर्मित संरचना है जो पृथ्वी के पास कक्षा में स्थित रहती है, वैज्ञानिक प्रयोग, अंतरिक्ष यात्रा और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग का केंद्र बनती है. Also known as स्पेस स्टेशन, it विभिन्न देशों के मॉड्यूल को जोड़कर जीवन समर्थन, ऊर्जा उत्पादन और संचार सुविधाएँ प्रदान करता है. अंतरिक्ष स्टेशन के बिना दीर्घकालिक अंतरिक्ष मिशन असंभव होते हैं; यह अंतरिक्ष यात्रा को संभव बनाता है।
एक अंतरिक्ष स्टेशन कई नासा, अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी जो कई मॉड्यूल के निर्माण और संचालन का नेतृत्व करती है और अंतर्राष्ट्रीय भागीदारों के सहयोग से चलाया जाता है। नासा के अलावा अंतरिक्ष अनुसंधान, विज्ञान शाखा जो कक्षा में प्रयोगों, सामग्री परीक्षण और पृथ्वी के पर्यावरणीय निगरानी पर काम करती है भी इस प्लेटफ़ॉर्म के प्रमुख उद्देश्य हैं। प्रत्येक मॉड्यूल, जैसे कि जीवन समर्थन या प्रयोगशाला, एक अंतरिक्षयान, वह यंत्र जो कक्षा में सवारी, सामग्री ले जाने और स्टेशन के साथ संचार करता है के रूप में कार्य करता है।
अंतरिक्ष स्टेशन को कारगर बनाने के लिए कई तकनीकी बंधन आवश्यक हैं। पहला, अंतरिक्ष यात्रा के लिए विश्वसनीय लॉन्च वाहन चाहिए जो स्टेशन तक पहुँचें। दूसरा, कक्षा में निरंतर ऊर्जा आपूर्ति के लिए सोलर पैनल और बैटरियों की उच्च दक्षता व जरूरी है। तीसरा, अंतरिक्ष अनुसंधान के प्रयोगों को नियंत्रित करने के लिए उन्नत रोबोटिक्स और वायु‑जल पुनर्चक्रण प्रणाली का उपयोग किया जाता है। इन सबका मिलाजुला प्रभाव यह है कि अंतरिक्ष स्टेशन न केवल वैज्ञानिक प्रगति को बढ़ावा देता है, बल्कि भविष्य की अंतरिक्ष कॉलोनी के निर्माण में आधारशिला रखता है।
वर्तमान में कई राष्ट्रीय एजेंसियाँ और निजी कंपनियाँ इस क्षेत्र में निवेश बढ़ा रही हैं। उदाहरण के तौर पर, यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) के मॉड्यूल, रॉशेन की लांच प्रणाली, और भारत की ISRO के संभावित भविष्य के प्रयोगशाला मोड्यूल सभी एक व्यापक पारिस्थितिकी तंत्र बनाते हैं। इस पारिस्थितिकी तंत्र में प्रत्येक इकाई की भूमिका अलग‑अलग होती है—ESA अपने वैज्ञानिक उपकरण प्रदान करती है, रॉशेन कच्चा लांच समर्थन देती है, और ISRO नई प्रयोगशाला तकनीकें विकसित करती है। इन विभिन्न संस्थाओं के बीच परस्पर निर्भरता अंतरिक्ष स्टेशन के दीर्घकालिक संचालन को सुदृढ़ करती है।
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