डमी कैंडिडेट क्या होता है और क्यों बात बनती है

अगर आपने चुनावी खबरों में "डमी कैंडिडेट" का जिक्र सुना है तो आप अकेले नहीं हैं। डमी कैंडिडेट अक्सर वह व्यक्ति होता है जिसे किसी असल उम्मीदवार के खिलाफ वोट बटोरने, मतदाता को भ्रमित करने या चुनावी रणनीति के हिस्से के रूप में मैदान में उतारा जाता है। यह खबरों में इसलिए आता है क्योंकि इससे वोट शेयर, परिणाम और चुनावी चर्चा प्रभावित होती है।

चुनावों में डमी कैंडिडेट: तरीका और असर

अक्सर देखा जाता है कि डमी कैंडिडेट का नाम या छवि असल उम्मीदवार के समान ही होता है। कभी-कभी उनका अभ्यर्थी नाम बहुत मिलता-जुलता होता है, तो कभी उन्हें सिर्फ इसलिए मैदान में उतारा जाता है ताकि किसी खास उम्मीदवार का वोट कम हो जाए। इससे सीटों का गणित बदल सकता है, खासकर जहां मुकाबला करीबी हो।

इसी वजह से मीडिया, विपक्ष और चुनाव आयोग की निगरानी तेज़ हो जाती है। अगर कोई उम्मीदवार समय पर नाम वापस लेता है या दस्तावेज़ों में अनियमितता मिलती है, तो खबर बन जाती है और जांच-छानबीन शुरू हो जाती है।

इसे कैसे पहचानें और क्या करें?

अगर आपको शक हो कि कोई डमी कैंडिडेट है तो कुछ आसान तरीके अपनाकर सच्चाई पता कर सकते हैं। सबसे पहले आधिकारिक उम्मीदवार सूचियाँ देखें — चुनाव आयोग और राज्य निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर नाम, पत्ता और हलफ़नामा (affidavit) मौजूद रहते हैं।

दूसरा, उम्मीदवार का हल्फनामा पढ़ें। वहां शिक्षा, संपत्ति और आपराधिक मामलों की जानकारी मिलती है। अगर कोई नया नाम अचानक आ गया है या जानकारी अस्पष्ट है तो शक होना स्वाभाविक है।

तीसरा, स्थानीय पार्टी कार्यालय या प्रत्याशी के आधिकारिक संचार को चेक करें। फर्जी या नकल के पोस्टर/फ्लायर के फोटो मीडिया में अक्सर दिखते हैं — उन्हें देखकर तुरंत पुष्टि कर लें।

अगर आप वोटर हैं तो ऐसे मामलों में शांत रहें और सही जानकारी के लिए आधिकारिक सूचनाओं का इंतज़ार करें। पत्रकारों और रिपोर्टरों के लिए सुझाया गया तरीका है: कागजात की कॉपी लें, चुनाव आयोग के डेटा से मिलान करें और उम्मीदवार से सीधी बात करें — फोन या व्यक्तिगत साक्षात्कार से जानकारी पकड़ी जा सकती है।

कानूनी पहलू भी महत्वपूर्ण है। उम्मीदवारों का पंजीकरण, हल्फनामा और नाम वापसी प्रक्रियाएँ कानून के तहत होती हैं। किसी के द्वारा जानबूझकर मतदाताओं को भ्रमित करने पर कानूनी कार्यवाही संभव है, और चुनाव आयोग आवश्यक कदम उठा सकता है।

समाचार कवर करते समय स्पष्ट, पुष्ट सूचना देकर ही रिपोर्ट करें। अफवाहें फैलाने से बचें। डमी कैंडिडेट की कहानियाँ अक्सर चुनी हुई रणनीति, प्रशासनिक चूक या चेतावनी के संकेत होती हैं — इन्हें समझना चाहिये, न कि बस sensational बनाना।

आखिर में, जिम्मेदार मतदान और सूचित रिपोर्टिंग ही ऐसे मामलों को रोकने में मदद कर सकती है। चुनाव आयोग की आधिकारिक सूचनाओं पर भरोसा रखें और अगर कुछ संदिग्ध लगे तो लोकल अधिकारियों या आयोग को सूचित करें।

NEET 2020 फर्जीवाड़ा: AIIMS जोधपुर के छात्र ने डमी कैंडिडेट के जरिए 60 लाख की ठगी, दो डॉक्टर गिरफ्तार

NEET 2020 फर्जीवाड़ा: AIIMS जोधपुर के छात्र ने डमी कैंडिडेट के जरिए 60 लाख की ठगी, दो डॉक्टर गिरफ्तार

AIIMS जोधपुर के छात्र सचिन गोरा ने 2020 NEET-UG परीक्षा में डमी कैंडिडेट की मदद से 60 लाख की बड़ी ठगी को अंजाम दिया। पुलिस ने सचिन, डॉ. अजीत गोरा और डॉ. सुभाष सैनी को गिरफ्तार किया है। जांच में नियमों की गंभीर खामियां उजागर हो रही हैं।

हाल के पोस्ट

AI कम्पटीशन के बीच 2024 में गूगल का नया प्रबंधन छंटनी कदम: क्या है मुख्य वजह?
दिस॰, 21 2024
AI कम्पटीशन के बीच 2024 में गूगल का नया प्रबंधन छंटनी कदम: क्या है मुख्य वजह?

गूगल ने अपने प्रबंधकीय कर्मचारियों में 10% की कटौती की घोषणा की है जिसमें निदेशक और उपाध्यक्ष शामिल हैं। यह कदम सीईओ सुंदर पिचाई के नेतृत्व में चल रहे दक्षता अभियान का हिस्सा है और AI-केंद्रित कंपनियों से बढ़ते प्रतिस्पर्धा के बीच लिया गया है। सितंबर 2022 में शुरू किए गए इस रणनीति के तहत गूगल का उद्देश्य 20% अधिक दक्षता प्राप्त करना है।

कांतारा: द लेजेंड‑1 के शुरुआती समीक्षाएँ, 2 अक्टूबर 2025 रिलीज़ पर धूम
अक्तू॰, 1 2025
कांतारा: द लेजेंड‑1 के शुरुआती समीक्षाएँ, 2 अक्टूबर 2025 रिलीज़ पर धूम

रिषभ शेट्टी द्वारा निर्देशित कांतारा‑1 ने यूएई में 4.5/5 स्टार रेटिंग हासिल की, 2 अक्टूबर रिलीज़ के साथ 75,000 हिन्दी टिकट बेचकर ₹15‑20 करोड़ कमाने की उम्मीद।

भारत के राष्ट्रपति ने नए राज्यपालों की नियुक्तियां की
जुल॰, 29 2024
भारत के राष्ट्रपति ने नए राज्यपालों की नियुक्तियां की

भारत के राष्ट्रपति ने कई राज्यों के लिए नए राज्यपालों की नियुक्ति की है। इसमें पूर्व रक्षा प्रमुख जनरल अनिल चौहान को झारखण्ड का राज्यपाल, तमिलिसाई सौंदरराजन को तेलंगाना का राज्यपाल, रमेश बैस को झारखण्ड का राज्यपाल और फागू चौहान को मेघालय का राज्यपाल नियुक्त किया गया है। ये नियुक्तियां संबंधित राज्यों में शासन और प्रशासन को मजबूत बनाने के लिए की गई हैं।

Sameer Wankhede ने Shah Rukh Khan और Netflix के खिलाफ 2 करोड़ की डिफेमेशन केस दायर
सित॰, 26 2025
Sameer Wankhede ने Shah Rukh Khan और Netflix के खिलाफ 2 करोड़ की डिफेमेशन केस दायर

पूर्व NCB अधिकारी Sameer Wankhede ने दिल्ली हाईकोर्ट में Shah Rukh Khan, Gauri Khan, Netflix और अनेक प्रोडक्शन कंपनियों को 2 करोड़ रुपये के हर्जाने की मांग करते हुए डिफेमेशन केस दायर किया है। वह कहानी बताता है कि Netflix की वेब‑सीरीज़ ‘The Bastards of Bollywood’ में उसका चित्रण झूठा और बदनाम करने वाला है। केस 2021 के ड्रग बस्ट और 2023 के भ्रष्टाचार मामले के बीच आता है, जिससे फिल्म‑इंडस्ट्री और कानून व्यवस्था के बीच तनाव फिर से उजागर हो रहा है।

विक्की कौशल की फिल्म 'छावा' ने पहले दिन मचाई धूम, ₹31 करोड़ की ओपनिंग, 'स्काई फोर्स' को पीछे छोड़ा
फ़र॰, 15 2025
विक्की कौशल की फिल्म 'छावा' ने पहले दिन मचाई धूम, ₹31 करोड़ की ओपनिंग, 'स्काई फोर्स' को पीछे छोड़ा

विक्की कौशल की फिल्म 'छावा' ने बॉक्स ऑफिस पर पहले दिन ₹31 करोड़ की कमाई करके तहलका मचा दिया, जो 2025 की सबसे बड़ी ओपनिंग बन गई। लक्ष्मण उतेकर द्वारा निर्देशित यह फिल्म मराठा राजा संभाजी के जीवन पर आधारित है। पुणे में 79.75% ऑक्यूपेंसी के साथ इस फिल्म ने इसे विक्की कौशल के करियर की सबसे बड़ी ओपनिंग बना दिया। फिल्म को बड़े पैमाने पर बनाने और कौशल की परफॉर्मेंस के लिए सराहा गया है।

© 2025. सर्वाधिकार सुरक्षित|