जब हम डार्जिलिंग, पश्चिम बंगाल के पहाड़ी भाग में स्थित एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है, जो अपनी बागानों, ट्रेन और दृश्यावली के लिए प्रसिद्ध है. इसे अक्सर डार्जिलिंग टाउन कहा जाता है, लेकिन इसके दिल में बिखरी हुई प्राकृतिक सुंदरता ही असली पहचान है। इस गाइड में आप पाएँगे कि डार्जिलिंग क्यों हर साल लाखों यात्रियों को आकर्षित करता है, साथ ही चाय की खेती, स्थानीय संस्कृति और मौसम के बारे में व्यावहारिक जानकारी।
डार्जिलिंग का सबसे प्रसिद्ध पहलू डार्जिलिंग चाय, एक नाजुक, हल्की काली चाय की किस्म है, जो ज्यादातर माईक्रो-फायर पावडर फॉर्म में दुनियाभर बेची जाती है है। चाय बागान 19वीं सदी में ब्रिटिश कलेक्टर्स ने स्थापित किए थे, और आज यह क्षेत्र विश्व मंच पर अपना विशेष स्थान रखता है। चाय की गुणवत्ता ऊँची ऊँची पहाड़ियों, ठंडे जलवायु और विशिष्ट मिट्टी की वजह से होती है; यही कारण है कि डार्जिलिंग को अक्सर "चाय का क्वीन" कहा जाता है। इसके अलावा, डार्जिलिंग रेलवे, एक इंजीनियरिंग चमत्कार है, जो 1,828 मीटर की ऊँचाई पर 5.8 किमी की पगडंडी पर चलता है और विश्व heritage सूची में शामिल है यात्रियों को मैदानों और झरनों के बीच एक अद्भुत दृश्य देता है। रेल की शांति और बागानों की सुगंध मिलकर एक अनोखा अनुभव बनाते हैं, जिसे कई यात्रियों ने जीवन का सबसे यादगार हिस्सा कहा है।
डार्जिलिंग के पर्यटन में हिमालय, उच्च पर्वत श्रृंखला है, जो इस क्षेत्र को ठंडी हवा, बर्फीले दृश्य और जैव विविधता से समृद्ध बनाती है की पृष्ठभूमि है। यहाँ के मौसम के दो मुख्य सीजन—सर्दी (नवंबर से मार्च) और बरसात (जून से सितंबर)—प्रत्येक आगंतुक को अलग‑अलग आकर्षण देते हैं। सर्दियों में धुंधली पहाड़ियां और कैंडी-शादी की तरह ठंडी हवाएँ रोमांस की फील देती हैं, जबकि बरसात में घने जंगल और जलप्रपात यात्रा को रोमांचक बनाते हैं। स्थानीय लोग इन मौसमी बदलावों के साथ अपने जीवन को ढालते हैं; वे धुंधली सड़कों पर टहलते हैं, बागानों में काम करते हैं और छोटे‑छोटे चाय घरों में स्थानीय स्नैक्स जैसे मोची और तिलकुटी का लुत्फ़ उठाते हैं।
डार्जिलिंग की संस्कृति, इतिहास और प्रकृति सभी मिलकर एक ठोस परिचय बनाते हैं, जो इस पृष्ठ पर आपके सामने रखे गए लेखों की विविधता को समझाता है। नीचे आप पाएँगे कि कैसे चाय के व्यापार ने स्थानीय अर्थव्यवस्था को आकार दिया, रेल यात्रा के दौरान किन दर्शनीय स्थलों को मिस नहीं करना चाहिए, और मौसम के अनुसार यात्रा की योजना कैसे बनानी है। यह समुच्चय न केवल आपके ज्ञान को बढ़ाएगा बल्कि आपके अगले डार्जिलिंग सफ़र को भी आसान बनाएगा। अब आगे चलकर इन लेखों में डूबिए और अपने डार्जिलिंग अनुभव को एक नई दिशा दें।
डार्जिलिंग में 5 अक्टूबर को भारी बारिश के कारण हुए लैंडस्लाइड में 23 मौतें, कई गांव बँधे; उदयन गूहा और रिचर्ड लेपचा ने तुरंत बचाव कार्य शुरू किए।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और तमिलनाडु के पूर्व अध्यक्ष ईवीकेएस एलांगोवन का चेन्नई के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। वे 75 वर्ष के थे और फेफड़े की बीमारी के चलते उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनकी मृत्यु पर मुख्य मंत्री एम के स्टालिन समेत विभिन्न नेताओं ने शोक व्यक्त किया। उनके निधन को पार्टी के लिए अपूरणीय क्षति बताया गया।
अफगान क्रिकेटर गुलबदीन नाइब ने टी20 विश्व कप के एक महत्वपूर्ण मैच में बांग्लादेश के खिलाफ चोट का नाटक किया। इस घटना पर भारतीय क्रिकेटर र अश्विन ने मजाकिया तरीके से 'रेड कार्ड' की मांग की। नाइब ने 'कभी खुशी कभी गम' के प्रसिद्ध संवाद से जवाब दिया। यह घटना सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गई।
उत्तर प्रदेश के गोंडा के पास 18 जुलाई, 2024 को चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस ट्रेन के पटरी से उतरने के कारण कम से कम दो लोगों की मौत हो गई। दुर्घटना में चार डिब्बे पटरी से उतर गए थे। उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने मरने वालों की संख्या चार बताई है। घटना की जांच हो रही है और स्थानीय प्रशासन राहत कार्य में जुटा है।
PM Kisan योजना की 20वीं किस्त अब तक जारी नहीं हुई है, जिससे लगभग 9.8 करोड़ किसान परेशान हैं। पीएम मोदी के बिहार दौरे में उम्मीद थी कि यह किस्त जारी होगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। किसानों को अभी और इंतजार करना होगा। जिन किसानों ने e-KYC पूरी कर ली है, वे पोर्टल पर अपनी स्थिति देख सकते हैं।
मुंबई क्रिकेट संघ (एमसीए) के अध्यक्ष अमोल काले का न्यूयॉर्क में निधन हो गया। इंडिया और पाकिस्तान के बीच टी20 विश्व कप मैच के दौरान हार्ट अटैक के कारण उनकी मृत्यु हो गई। 47 वर्षीय काले एमसीए के अन्य अधिकारियों के साथ यह मैच देख रहे थे।