अगर कोई नाम हर चुनावी बहस और मीडिया रिपोर्ट में बार-बार आता है तो वह है प्रशांत किशोर। वह चुनाव रणनीति और पब्लिक पॉलिसी में अपनी टीम I-PAC के ज़रिए जाना जाते हैं। उनके काम से जुड़ी खबरें अक्सर जल्दी‑जल्दी बदलती हैं — समर्थन से लेकर विवाद तक। इस पेज पर आपको उनके सबसे ताज़ा बयान, रणनीतिक चालें और मीडिया कवरेज मिलेंगे ताकि आप पूरे संदर्भ में समझ सकें कि क्या हो रहा है।
सादा शब्दों में, प्रशांत किशोर एक चुनावी रणनीतिकार और सलाहकार हैं। वे डेटा, सर्वे और लोक-संवाद (public outreach) का इस्तेमाल करके चुनाव अभियानों की रूपरेखा तैयार करते हैं। उनकी टीम छोटे‑बड़े दोनों स्तरों पर अभियान चलाने की तकनीकें अपनाती है — डिजिटल पदचिन्ह से लेकर जमीनी रिपोर्टिंग तक। यही वजह है कि उनकी हर हरकत राजनीति और मीडिया दोनों में चर्चा का मुद्दा बन जाती है।
यह पेज उन पाठकों के लिए है जो प्रशांत किशोर से जुड़ी खबरें और विश्लेषण चाहते हैं। यहाँ आप पाएँगे:
- ताज़ा खबरें: उनके बयान, नई पहल या किसी राजनीतिक दल के साथ संबंधों पर अपडेट।
- रणनीति का विश्लेषण: उनके तरीक़ों का सरल ब्योरा — कौन से टूल काम कर रहे हैं और किस तरह के अभियान में बदलाव दिख रहे हैं।
- विवाद और प्रतिक्रियाएँ: मीडिया रिपोर्ट, राजनीतिक आलोचना और जनता की प्रतिक्रिया ताकि आप पूरा परिदृश्य समझ सकें।
कभी-कभी सवाल उठते हैं — क्या राजनीति सिर्फ रणनीति बनकर रह गई है? प्रशांत किशोर जैसे विशेषज्ञों की उपस्थिति इस बहस को और तेज़ कर देती है। हम यहाँ खबरों को सीधे, संक्षेप में और संदर्भ के साथ रखते हैं ताकि आप तुरंत समझ सकें कि किसी खबर का असर क्या हो सकता है।
पाठक अक्सर पूछते हैं कि किस तरह की पोस्ट यहाँ मिलेंगी। इस टैग पर आपको इंटरव्यू कट‑आउट, प्रेस स्टेटमेंट, नवीनतम अभियानों की रिपोर्ट और उनसे जुड़ी पब्लिक पोल्स दिखेंगे। अगर कोई नई जिम्मेदारी, विवाद या एलायंस बनता है, तो सबसे पहले यही पृष्ठ अपडेट होगा।
क्या आप विश्लेषण चाहते हैं या सिर्फ हेडलाइन‑लेवल अपडेट? दोनों के लिए जगह है। हम सरल भाषा में बताते हैं कि किसी खबर का राजनीति पर क्या असर पड़ सकता है और आम जनता के लिए इसका मतलब क्या होगा।
अंत में, अगर आप किसी खास खबर या बयान पर ताज़ा जानकारी चाहते हैं तो पेज को बुकमार्क कर लें और नोटिफिकेशन ऑन रखें। यहाँ नियमित रूप से नई पोस्ट जोड़ते हैं ताकि आप हर बड़े मोड़ पर अपडेट रहें।
राजनीतिक विश्लेषक प्रशांत किशोर का अनुमान है कि 2024 के लोकसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को 2019 के प्रदर्शन के समान लगभग 300 सीटें मिल सकती हैं। उनके अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ कोई व्यापक गुस्सा नहीं है, जो परिणाम को प्रभावित कर सकता है।
Afcons Infrastructure का आईपीओ धीमी गति से शुरू हुआ है, लेकिन यह भारत के निर्माण और बुनियादी ढांचा क्षेत्र के एक प्रमुख आईपीओ में से एक है। 25 अक्टूबर, 2024 को शुरू हुए इस आईपीओ का लक्ष्य 5,430 करोड़ रुपये जुटाना है। इसमें 1,250 करोड़ रुपये की नई पेशकश और 4,180 करोड़ रुपये के ऑफर फॉर सेल शामिल हैं। इसका मूल्य बैंड 440 से 463 रुपये प्रति शेयर है। निवेशक इसे 29 अक्टूबर तक सब्सक्राइब कर सकते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को केपी शर्मा ओली को नेपाल के प्रधानमंत्री के तौर पर चौथी बार शपथ लेने पर बधाई दी। ओली ने काठमांडू स्थित राष्ट्रपति भवन में एक विशेष समारोह में शपथ ली। मोदी ने भारत-नेपाल संबंधों को विस्तार और मजबूती देने की इच्छा जताई। इस समारोह में ओली के साथ अन्य मंत्रियों ने भी शपथ ग्रहण की।
मारुति सुजुकी के शेयरों में 5% से अधिक की गिरावट आई है, क्यू2 के दौरान 17% तक मुनाफा गिरा है। कंपनी के स्टैंडअलोन शुद्ध लाभ में कमी के कारण यह गिरावट हुई है। राजस्व में मामूली वृद्धि हुई है, लेकिन बाजार की अपेक्षाएं इससे अधिक थीं। इस अवधि में डेफर्ड टैक्स व्यय में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई।
21 जुलाई, 2023 को राजस्थान की राजधानी जयपुर में कुछ ही घंटों में कई भूकंपों के झटके महसूस किए गए, जिससे लोग घबरा गए लेकिन कोई हानि नहीं हुई। पहले झटका सुबह 4:09 बजे 4.4 तीव्रता का आया, फिर 4:22 बजे और 4:25 बजे 3.1 और 3.4 तीव्रता के दो और झटके आए। अन्त में 4:31 बजे 2.5 तीव्रता का एक और झटका भी आया। सभी भूकंपों के एपिसेंटर जयपुर के अंदर ही थे। हालांकि, कोई हानि नहीं हुई और ना ही कोई घायल हुआ।
पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में बहनागा बाजार रेलवे स्टेशन पर खड़ी कंचनजंगा एक्सप्रेस को मालगाड़ी ने पीछे से टक्कर मार दी। हादसे में कई कोचों को नुकसान पहुंचा और कई लोग घायल हो गए। इस घटना के पीछे सिग्नल फेलियर को कारण माना जा रहा है। बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें तैनात की गई हैं।