अगर आप कॉलेज‑कैम्पस में क्या हो रहा है, जानना चाहते हैं तो ABVP के अपडेट पढ़ना ज़रूरी है। ये सिर्फ एक छात्र संघ नहीं, बल्कि राजनीति के बड़े खेल में एक सक्रिय खिलाड़ी है। नीचे हम ABVP की ताज़ा घटनाओं, उनके प्रभाव और पढ़ाई‑जीवन पर असर को सरल शब्दों में समझेंगे।
आजकल ABVP कई कैंपस में न्यॉज़लेटर्स, वर्कशॉप और सामाजिक अभियानों का आयोजन कर रहा है। उनका लक्ष्य छात्रों को राष्ट्रीय मुद्दों से जोड़ना और शैक्षणिक वातावरण में राजनीति की जागरूकता बढ़ाना है। उदाहरण के तौर पर, पिछले हफ़्ते दिल्ली विश्वविद्यालय में उन्होंने 'देशभक्ति डिबेट' आयोजित किया, जहाँ छात्रों ने शिक्षा नीति, रोजगार और विदेश नीति पर बहस की।
ABVP अक्सर केंद्रीय सरकार के साथ मिलकर विभिन्न नीतियों पर चर्चा करता है। हाल ही में उन्होंने स्किल्स डेवलपमेंट प्रोग्राम पर फीडबैक दिया, जिसमें रोजगार‑उन्मुख कोर्स जोड़ने की मांग की गई। इस पहल से छात्रों को नौकरी मिलने की संभावनाएं बढ़ सकती हैं, और ABVP को नीति‑निर्माताओं के करीब लाया गया।
कैंपस के बाहर भी उनका असर देखा जाता है। कई बार ABVP ने राज्य सरकार के साथ मिलकर रोड‑सेफ़्टी या जल संरक्षण जैसे सामाजिक मुद्दों पर जागरूकता फैलाई है। इस तरह के साझेदारी से छात्र समाजिक कार्य में भी सक्रिय होते हैं।
ABVP के अंदर कई युवा नेता उभर रहे हैं जो भविष्य में राष्ट्रीय राजनीति में अहम भूमिका निभा सकते हैं। उनके सामाजिक मीडिया अकाउंट्स पर अक्सर नई पहलें और कार्यशालाओं की घोषणा होती है, जिससे छात्र आसानी से जुड़ सकते हैं।
यदि आप ABVP से जुड़ना चाहते हैं, तो अपने कॉलेज की ABVP चैप्टर से संपर्क करें। अधिकांश कैंपस में एक छात्र‑प्रतिनिधि टीम होती है जो नई सदस्यता, इंटर्नशिप और प्रोजेक्ट्स के बारे में जानकारी देती है।
एक बात याद रखें—ABVP की हर कार्रवाई का उद्देश्य छात्रों को राष्ट्रीय मुद्दों के प्रति जागरूक बनाना है। चाहे वह शिक्षा सुधार हो या सामाजिक सेवा, उनका एप्रोच अक्सर व्यावहारिक और परिणाम‑उन्मुख होता है।
इस टैग पेज पर आपको ABVP से जुड़ी सबसे नई ख़बरें, उनके कार्यक्रमों के लिंक्स और प्रमुख नेताओं के बयान मिलेंगे। नियमित रूप से पढ़ते रहें ताकि आप कभी भी कैंपस की राजनीति से पीछे न रहें।
दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ (DUSU) चुनाव 2025 में ABVP ने 4 में से 3 शीर्ष पद जीते। आर्यन मान अध्यक्ष बने, जबकि उपाध्यक्ष पद NSUI के राहुल झांसला ने जीता। सचिव कुनाल चौधरी और सह-सचिव दीपिका झा (दोनों ABVP) जीते। 52 केंद्रों पर 195 बूथों और 711 EVM के साथ 39.45% मतदान हुआ। हाई कोर्ट ने विजय जुलूसों पर रोक लगाई थी।
23 जुलाई 2024 को, भारतीय शेयर बाजार में मिश्रित संकेतों के साथ सप्ताह की शुरुआत हुई। एनएसई निफ्टी 50 में 31.05 अंकों या 0.13% की गिरावट आई और यह 24,478.20 पर ट्रेड कर रहा था, जबकि बीएसई सेंसेक्स 81.16 अंकों या 0.10% की गिरावट के साथ 80,420.92 पर बंद हुआ। निवेशक वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा संभावित कर स्लैब परिवर्तन, सिक्योरिटी ट्रांजैक्शन टैक्स और लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेंस टैक्स पर घोषणाओं की प्रतीक्षा कर रहे थे।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस्लामाबाद में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन के दूसरे दिन को संबोधित किया, जिसमें उन्होंने आपसी सम्मान और संप्रभु समानता के आधार पर सहयोग की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने सीमा-पार आतंकवाद, उग्रवाद और अलगाववाद को व्यापार और जनसंपर्क के लिए तीन बड़ी बाधाएं बताया। इस यात्रा ने लगभग एक दशक बाद भारतीय विदेश मंत्री की पहली पाकिस्तान यात्रा को अंकित किया।
श्रीलंका और भारत के बीच तीसरे वनडे मैच का पूरा पूर्वावलोकन। यह मैच श्रृंखला में मोड़ ला सकता है क्योंकि दोनों टीमें जीत की उम्मीद में मैदान पर उतरेंगी। श्रीलंका के लिए यह मैच बहुत महत्वपूर्ण है, जबकि भारत अपनी लगातार जीत की लय को बरकरार रखने की कोशिश करेगा।
यूरो 2024 के मुकाबले में जर्मनी ने स्विट्जरलैंड के खिलाफ 1-1 ड्रा हासिल किया। निक्लास फुलक्रुग के प्रमुख गोल ने जर्मनी को शीर्ष स्थान बनाए रखा और संभावित चुनौतीपूर्ण रास्ते से बचा लिया। कोच नागेल्समैन ने इसे आपातकालीन योजना का हिस्सा न मानते हुए विकल्प खिलाड़ियों के प्रदर्शन को सराहा।
पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में बहनागा बाजार रेलवे स्टेशन पर खड़ी कंचनजंगा एक्सप्रेस को मालगाड़ी ने पीछे से टक्कर मार दी। हादसे में कई कोचों को नुकसान पहुंचा और कई लोग घायल हो गए। इस घटना के पीछे सिग्नल फेलियर को कारण माना जा रहा है। बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें तैनात की गई हैं।