हर साल लाखों लोग रथ खींचने, दर्शन करने या बस माहौल देखने के लिए पुरी आते हैं। यह त्योहार मंदिर की परंपरा, लोक-संस्कृति और ज़मीनी भक्ति का मिक्स है। अगर आप पहली बार जा रहे हैं तो कुछ पाने-वाले और बचने वाले पहलू जान लेना काम आएगा।
रथ यात्रा भगवान जगन्नाथ, भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के मंदिर से निकलकर गुन्डीचा मंदिर तक जाने का उत्सव है। इसे भगवान का 'मातृगृह' यात्रा भी माना जाता है — यानी देवता अपनी 'चाची' के घर जा रहे हैं। यह सबके लिए खुला मेलापट्ट है: मंदिर के अंदर जिनको नहीं जाना मिलता, वे भी बड़े सादगी से रथ के पास खड़े होकर दर्शन कर लेते हैं।
रथ यात्रा आम तौर पर जून–जुलाई (आषाढ़ महीने) में होती है; सटीक तारीख हिन्दू पंचांग के अनुसार बदलती रहती है, इसलिए आधिकारिक घोषणाएँ देख लें। मुख्य आयोजन ओडिशा के पुरी में होता है। रथ मंदिर से निकलकर बड़ा डंडा (Great Gundicha Road) पार करते हुए गुन्डीचा मंदिर तक जाते हैं। तीन बड़े रथ होते हैं: जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा — हर रथ का रंग और डेकोरेशन अलग होता है।
यदि आप दूर से देखना चाहते हैं तो गोला-क्षेत्र (Bada Danda) और रथ के निकलने वाले द्वार अच्छे हैं। गांव की छोटी सड़कों पर स्थानीय माहौल देखने के लिए भीड़-भाड़ कम रहती है लेकिन वहां पहुंचना मुश्किल हो सकता है।
याद रखें, समय सुबह से दोपहर तक चलता है, पर भीड़ और स्थानीय कार्यक्रमों के कारण शेड्यूल बदल सकता है।
बिलकुल व्यावहारिक बातें: टिकट और होटल पहले बुक कर लें। भुबनेश्वर से रेल और रोड कनेक्शन अच्छे हैं; पुरी का रेलवे स्टेशन भी व्यस्त रहता है। भीड़ से बचने के लिए सुबह जल्दी चले जाएँ या शाम के बाद लौटें।
सुरक्षा के लिए हल्का बैग रखें, पानी की बोतल साथ रखें, और बच्चों को हाथ में पकड़े रखें। श्रद्धालु रथ को खींचते हैं — अगर आप हिस्सा लेना चाहें तो रौपी या रस्सी पकड़ने का मौका मिलता है, पर सावधानी जरूर रखें। मोबाइल चार्जर और पावर बैंक साथ रखें; भीड़ में नेटवर्क धीमा हो सकता है।
यदि आप भौतिक रूप से नहीं जा सकते, तो कई चैनल और मंदिर साइटें रथ यात्रा का लाइव प्रसारण देती हैं। होटल में टीवी या मोबाइल पर आधिकारिक लाइवस्ट्रीम देखकर भी उत्सव का आनन्द लिया जा सकता है।
थोड़ी तैयारी से रथ यात्रा का अनुभव शांत और यादगार बन सकता है। अगर आप स्थानीय खाने का मजा लेना चाहते हैं तो सुबह-शाम के समय फूड स्टॉल पर गाँव के मिठाई और समुद्री व्यंजन आज़माएँ।
रथ यात्रा सिर्फ धार्मिक आयोजन नहीं, यह लोक-समाज का त्योहार है — संस्कृति, संगीत, और जनवाद एक साथ मिलते हैं। एक बार सही योजना बना कर जाएँ, और अनुभव का पूरा आनंद लें।
अहमदाबाद की 148वीं जगन्नाथ रथ यात्रा 2025 में सुरक्षा के नए आयाम देखने को मिलेंगे। 23,000 से ज्यादा पुलिसकर्मी, NSG कमांडो, AI-आधारित सर्विलांस, और ड्रोन तैनात होंगे। गनशॉट डिटेक्शन और रियल टाइम भीड़ प्रबंधन के लिए खास इंतजाम किए गए हैं। निजी विशेषज्ञों की मदद से भीड़ नियंत्रण की तैयारियां पूरी की गई हैं।
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