H1N1 यानी स्वाइन फ्लू तेजी से फैल सकता है, पर सही समय पर सही कदम उठाने से आप इसे रोक सकते हैं। अगर आप अचानक बुखार, खांसी और बदन दर्द महसूस करें तो इसे हल्के में मत लें—जल्दी जानकारी काम आती है।
H1N1 के आम लक्षणों में तेज बुखार, सूखी खांसी, गले में खराश, बदन में ऐंठन, सिरदर्द और कमजोरी आते हैं। कभी-कभी उल्टी या दस्त भी हो सकते हैं। खासकर गर्भवती महिला, बूढ़े लोग, बच्चों और जिन लोगों को फेफड़ों, दिल या डायबिटीज की बीमारी है, वे ज्यादा जोखिम में रहते हैं।
अगर लक्षण तेज़ी से बढ़ें—सांस लेने में दिक्कत, रीढ़ या सीने में तेज दर्द, बेहोशी या समझ में कमी—तो तुरंत डॉक्टर से मिलें। ये आपात चेतावनी संकेत होते हैं।
सबसे असरदार तरीका है सावधानी अपनाना। रोज़ाना हाथ साबुन से 20 सेकंड तक धोएं और सार्वजनिक जगहों पर फेस मास्क पहनें। खांसते या छींकते समय रूमाल या कोहनी का इस्तेमाल करें। भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर बचें, खासकर बुखार या खांसी वाले लोगों के आसपास।
घर पर सतहों को नियमित रूप से साफ करें—दरवाज़े के हैंडल, मोबाइल, टेबल—क्योंकि वायरस कुछ समय तक सतह पर भी जिंदा रह सकता है। बीमार सदस्य को अलग कमरे में रखें और जितना हो सके खुद के बर्तनों व कपड़ों को अलग रखें।
टीकाकरण भी मददगार है। मौसमी फ्लू वैक्सीन में अक्सर H1N1 का घटक शामिल होता है। यदि आप जोखिम समूह में आते हैं या स्वास्थ्य सेवा से जुड़े हैं, तो वैक्सीन लगवाना समझदारी होगी।
इलाज के तौर पर डॉक्टर कभी-कभी एंटीवायरल दवाएं (जैसे oseltamivir) शुरुआती दिनों में देते हैं—ये दवा जल्दी लेने पर सबसे ज्यादा काम करती है। सामान्य देखभाल में आराम, पर्याप्त पानी पीना और शरीर का तापमान नियंत्रित रखना शामिल है। बुखार के लिए पैरासिटामोल लिया जा सकता है, पर किसी भी दवा से पहले डॉक्टर से सलाह लें।
एंटीबायोटिक दवाइयाँ वायरल संक्रमण पर असर नहीं करतीं—यह सिर्फ बुखार का कारण बैक्टीरियल संक्रमण निकले तब ही उपयोगी होंगी। इसलिए सेल्फ़ मेडिसिनेशन से बचें और ज़रूरत पर ही दवा लें।
स्कूल या काम पर लौटने से पहले कम से कम 24 घंटे बुखार मुक्त रहना जरूरी है। ऑफिस/स्कूल में किसी को बीमार नजर आने पर उसे घर भेजकर आराम करने को कहें—इस तरह संक्रमण रोकना आसान होता है।
अगर आप H1N1 से जुड़ी लेटेस्ट खबरें या स्थानीय वैक्सीनेशन सेंटर की जानकारी चाहते हैं, तो समाचार संग्रह पर H1N1 टैग देखें। सवाल हो तो कमेंट करें या नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र से संपर्क लें—जल्दी जानकारी अक्सर बड़ा फ़र्क ला देती है।
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