क्या आपने कभी सोचा है कि एक रेसिपी सिर्फ स्वाद ही नहीं बल्कि इतिहास और समाज की कहानी भी बताती है? पारंपरिक भोजन यही करता है — हर घूँट और हर निवाला किसी इलाके की याद दिलाता है। आज मैं सरल भाषा में बताऊँगा कि पारंपरिक भोजन क्यों जरूरी है, इसे कैसे अपनाएं और घर में किस तरह सुरक्षित व स्वस्थ तरीके से बना सकते हैं।
सबसे पहले, पारंपरिक व्यंजन स्थानीय सामग्री पर आधारित होते हैं। दक्षिण में इडली-डोसा की फर्मेंटेशन, उत्तर में बेटर दाल-रोटी, पूर्व में माछेर झोल और पश्चिम में ढोकला — हर जगह का स्वाद मौसम और धरती से जुड़ा है। यही वजह है कि ये व्यंजन मौसम के अनुसार पोषण देते हैं।
दूसरा, पारंपरिक भोजन अक्सर प्रोसेसिंग कम और ताजगी ज्यादा रखता है। दही, अचार या इडली के बैटर जैसी फर्मेंटेड चीजें पाचन के लिए अच्छी मानी जाती हैं। मिलेट्स (ज्वार, बाजरा, रागी) जैसे अनाज ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम रखते हैं और डायट में लाभ पहुंचाते हैं।
तीसरा, ये व्यंजन समुदाय और उत्सव से जुड़े होते हैं। पर्वों पर बनने वाली खास डिशें — जैसे पोंगल, लड्डू या पुरी — सामाजिक पहचान का हिस्सा होती हैं। इसलिए पारंपरिक भोजन सिर्फ खाना नहीं, रिश्तों और संस्कृति का इशारा भी है।
अगर आप पारंपरिक भोजन अपनाना चाहते हैं तो छोटे बदलाव से शुरुआत करें। स्थानीय बाज़ार से ताजे मसाले और अनाज लें। मिलेट्स को आटे में मिलाएँ या चावल के साथ ब्लैंड करें ताकि टेक्सचर बदलने पर भी स्वाद रहे।
फर्मेंटेशन में सुरक्षा जरूरी है। इडली/डोसा का बैटर धूप में हल्का गरम करके और साफ बर्तनों में रखें। अचार बनाते समय नमक-सिरका का सही अनुपात रखें ताकि बैक्टीरिया न बढ़ें।
रात को दाल-चावल भिगोने से गैस कम होती है और पाचन सुधरता है। मसालों को शुरू में हल्का भूनें ताकि ताजगी और खुशबू बनी रहे। फास्ट फूड के स्थान पर सप्ताह में कम से कम दो बार पारंपरिक होल फूड रखें — पेट भी अच्छा रहेगा और ऊर्जा भी बनी रहेगी।
कहाँ से सीखें? स्थानीय दादी-नानी की रेसिपी सबसे सच्ची होती है। पास के हलवाई या हवेली-स्टाइल रेस्तरां से भी असली स्वाद मिल सकता है। गांवों के मेला या त्योहारों में जाकर असली टेक्सचर और तरीका समझें।
अंत में, पारंपरिक भोजन बचाने का मतलब पुरानी रेसिपी रखना ही नहीं, उसे आज के जीवन में प्रैक्टिकल बनाना है। छोटे-छोटे बदलाव कर के आप स्वाद, सेहत और संस्कृति तीनों साथ रख सकते हैं। क्या आप कल से किसी एक पारंपरिक डिश को आजमाकर देखेंगے? मुझे बताइए कौन सी रेसिपी आपने बनाई और कैसी लगी।
आईटीसी ग्रैंड चोला, चेन्नई ने विश्व पर्यावरण दिवस पर एक विशेष डाइनिंग अनुभव पेश किया है। यह अनुभव स्थिरता और पारंपरिक भारतीय भोजन का संगम है। कार्यकारी शेफ विक्रमजीत रॉय द्वारा तैयार किए गए मेनू में स्थानीय और मौसमी सामग्री का उपयोग किया गया है। होटल ने खाद्य अपशिष्ट कम करने के साथ-साथ बायोडिग्रेडेबल कटलरी का उपयोग भी सुनिश्चित किया है।
U19 एशिया कप 2024 के रोमांचक उद्घाटन मुकाबले में भारत को पाकिस्तान के खिलाफ 44 रनों से हार का सामना करना पड़ा। शाहज़ैब खान के शानदार 159 रनों ने पाकिस्तान को बुलंदियों पर पहुंचाया जबकि भारत के निखिल कुमार ने 67 रन बनाए। इतिहास में सबसे सफल टीमों में शुमार भारतीय टीम के लिए यह हार एक बड़़ा झटका साबित हुई। यह टूर्नामेंट युवा क्रिकेटरों के लिए प्रतिभा प्रदर्शन का मंच है।
न्यूयॉर्क के नासाउ काउंटी इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में भारत और पाकिस्तान के बीच हुए हाई-वोल्टेज T20 वर्ल्ड कप 2024 मैच में रोहित शर्मा और हार्दिक पांड्या ने विकेट गिराने के बाद शानदार जश्न मनाया। यह मैच भारत ने 6 रन से जीता।
18 मई 2024 को बेंगलुरु से कोच्चि जा रही एअर इंडिया एक्सप्रेस की उड़ान IX 1132 को इंजन में आग लगने के बाद केम्पेगौड़ा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर आपातकालीन लैंडिंग करनी पड़ी। उड़ान में सवार 179 यात्रियों और 6 चालक दल के सदस्यों को सुरक्षित बाहर निकाला गया और किसी के हताहत होने की खबर नहीं है।
विक्की कौशल की फिल्म 'छावा' ने बॉक्स ऑफिस पर पहले दिन ₹31 करोड़ की कमाई करके तहलका मचा दिया, जो 2025 की सबसे बड़ी ओपनिंग बन गई। लक्ष्मण उतेकर द्वारा निर्देशित यह फिल्म मराठा राजा संभाजी के जीवन पर आधारित है। पुणे में 79.75% ऑक्यूपेंसी के साथ इस फिल्म ने इसे विक्की कौशल के करियर की सबसे बड़ी ओपनिंग बना दिया। फिल्म को बड़े पैमाने पर बनाने और कौशल की परफॉर्मेंस के लिए सराहा गया है।
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच महिला टी20 विश्व कप 2024 के एक महत्वपूर्ण ग्रुप मैच में मुकाबला होगा। जिसमें भारत को सेमीफाइनल में जगह पक्की करने के लिए जीत की जरूरत है। ऑस्ट्रेलिया चोटिल खिलाड़ियों के बावजूद मजबूत नजर आ रही है जबकि भारत की नजरें अपनी पूरी ताकत के साथ जीत पर हैं। हर्मनप्रीत कौर और एलिसा हीली के बीच व्यक्तिगत प्रतिद्वंद्विता मैच को और भी रोमांचक बनाएगी।