अगर आप शेयरों की दुनिया में कदम रख रहे हैं तो सबसे पहले अमेरिकी बाजार को देखना जरूरी है। यहाँ के इंडेक्स, जैसे S&P 500 और Nasdaq, हर दिन लाखों निवेशकों के फैसले बदलते हैं। लेकिन डरने की ज़रूरत नहीं—हम आपको सरल शब्दों में बता देंगे कि क्या हो रहा है और कैसे इसका फायदा उठाया जा सकता है।
S&P 500 ने पिछले दो दिनों में 1.2% की बढ़त दिखाई, जबकि Nasdaq टेक‑भारी स्टॉक्स के कारण 1.8% तक उछला। Dow Jones थोड़ा स्थिर रहा, लेकिन ऊर्जा सेक्टर की मजबूती ने इसे ऊपर धकेल दिया। अगर आप छोटे निवेशक हैं तो इन तीनों को ध्यान में रखकर पोर्टफोलियो बनाना समझदारी है—एक इंडेक्स का गिरना दूसरों से भरपाई कर देता है।
डॉलर की ताकत भी अमेरिकी शेयरों पर असर डालती है। जब डॉलर मजबूत होता है, तो निर्यात‑उन्मुख कंपनियों के मुनाफे में दबाव आता है और उनके स्टॉक नीचे जा सकते हैं। इस वजह से आप टेक या हेल्थकेयर जैसी घरेलू-केंद्रित सेक्टर्स को देख सकते हैं।
पिछले हफ़्ते Apple, Microsoft और Amazon ने क्रमशः 3%, 2.5% और 4% की बढ़त दिखायी। ये बड़े टेक जायंट्स अभी भी एआई और क्लाउड में भारी निवेश कर रहे हैं, इसलिए लम्बी अवधि के लिए इनके स्टॉक्स सुरक्षित माने जाते हैं। लेकिन अगर आप जल्दी रिटर्न चाहते हैं तो छोटे‑से‑मध्यम आकार की कंपनियों को देखें—जैसे Nvidia (एआई चिप्स) या Tesla (इलेक्ट्रिक वाहन)।
एक और आसान तरीका है ETF (Exchange Traded Funds) में निवेश करना। एक ही लेनदेन से आप पूरे S&P 500 या Nasdaq के कई स्टॉक्स में भागीदारी पा सकते हैं, जिससे रिस्क कम होता है और रिटर्न स्थिर रहता है। शुरुआती लोगों को Vanguard या iShares के लो‑कॉस्ट ETF सबसे पसंद आते हैं।
ध्यान रखें—बाजार में उतार-चढ़ाव सामान्य है। अगर आप आज का नुकसान देख कर घबराते हैं तो अपने लक्ष्य को याद रखें: दीर्घकालिक निवेश, विविधीकरण और नियमित पोर्टफोलियो रिव्यू। हर महीने एक छोटा‑सा योगदान (डॉलर कॉस्ट एवरजिंग) आपके रिस्क को स्मूथ बनाता है।
अंत में, अमेरिकी बाजार की खबरों को फॉलो करने के लिए विश्वसनीय स्रोत चुनें—CNBC, Bloomberg या Reuters। इनकी रिपोर्ट्स अक्सर सीधे कंपनी के प्रबंधन से आती हैं और आपको सही समय पर कार्रवाई का मौका देती हैं।
तो अब जब आपके पास बुनियादी जानकारी है, तो अपने निवेश को अगले स्तर पर ले जाने की तैयारी करें। छोटे कदम, लगातार सीखना और धीरज—ये तीन चीज़ें ही सफलता की कुंजी हैं।
ट्रंप के दूसरे कार्यकाल की शुरुआत में अमेरिकी बाजारों में तीखी उथल-पुथल दिखी। 2 अप्रैल 2025 को व्यापक टैरिफ घोषणाओं से S&P 500 दो सत्रों में 10% से ज्यादा गिरा और करीब 7 ट्रिलियन डॉलर की वैल्यू उड़ गई। 9 अप्रैल को टैरिफ रोकने के संकेत के बाद जोरदार रैली आई और जून में रिकॉर्ड हाई बने। अगस्त तक S&P 500 साल-दर-साल 8.4% ऊपर रहा।
सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच ने शॉर्ट-सेलर हिन्डेनबर्ग रिसर्च द्वारा लगाए गए आरोपों को 'निराधार' और 'असत्य' करार दिया है। हिन्डेनबर्ग ने कथित तौर पर दावा किया था कि दोनों ने अडानी समूह को अवैध रूप से निधियों का स्थानांतरण किया। बुच दंपति ने खुलासा किया कि वे अपनी सभी वित्तीय दस्तावेज किसी भी प्राधिकारी को दिखाने के लिए तैयार हैं।
डार्जिलिंग में 5 अक्टूबर को भारी बारिश के कारण हुए लैंडस्लाइड में 23 मौतें, कई गांव बँधे; उदयन गूहा और रिचर्ड लेपचा ने तुरंत बचाव कार्य शुरू किए।
रिषभ शेट्टी द्वारा निर्देशित कांतारा‑1 ने यूएई में 4.5/5 स्टार रेटिंग हासिल की, 2 अक्टूबर रिलीज़ के साथ 75,000 हिन्दी टिकट बेचकर ₹15‑20 करोड़ कमाने की उम्मीद।
पुणे में भारी बारिश के कारण कम से कम 400 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है। अब तक चार लोगों की बारिश से संबंधित घटनाओं में मौत हो चुकी है। कई इलाकों में जलभराव हो गया है और सात राज्य राजमार्गों को बंद कर दिया गया है। शाम को स्कूल बंद करने पर निर्णय लिया जाएगा।
पोप फ्रांसिस ने 21 नए कार्डिनल्स की घोषणा की है, जिसके चलते कार्डिनल कॉलेज का आकार काफी बड़ा हो गया है। इनमें से एक कार्डिनल तोरंटो के आर्चबिशप फ्रांसिस लियो हैं। नए कार्डिनल्स 8 दिसंबर को कंसीस्टरी नामक समारोह में अपने लाल टोपी प्राप्त करेंगे। इस नियुक्ति से पोप फ्रांसिस का प्रभाव और गहरा हो गया है, जिसका असर भविष्य में उनके उत्तराधिकारी के चुनाव पर पड़ेगा।