हसन नसरल्लाह नाम सुनते ही मध्य-पूर्व में राजनीति और सुरक्षा मुद्दों पर बहस छिड़ जाती है। वे लेबनान की प्रभावशाली राजनीतिक-सैन्िक शख्सियतों में से एक हैं और दशकों से हेज़्बुल्लाह के नेतृत्व से जुड़े रहे हैं। उनकी हर टिप्पणी और हर कदम क्षेत्रीय संतुलन पर असर डाल सकता है।
उनकी भूमिका केवल राजनीतिक नहीं है—यह एक मिलिट्री और सामाजिक नेतृत्व का मिश्रण है। हेज़्बुल्लाह के पास एक सशस्त्र विंग भी है और संगठन लेबनानी राजनीति में विभिन्न तरीके से सक्रिय रहता है: चुनावी गठबंधनों से लेकर सुरक्षा और सामाजिक सेवाओं तक। इसलिए हसन नसरल्लाह के बयान अक्सर अंतरराष्ट्रीय ध्यान खींचते हैं।
हसन नसरल्लाह का प्रभाव लेबनान के भीतर साफ दिखता है। कई बार उनकी रणनीतियाँ सरकारों और विरोधी दलों को प्रभावित करती हैं। वे इजरायल, सीरिया और ईरान से जुड़ी रणनीतिक बातों में अक्सर केंद्र में रहते हैं। क्या यह समर्थन राष्ट्रीय स्थिरता के लिए है या क्षेत्रीय तनाव बढ़ाने का कारण? इस सवाल पर नजरें बँटी रहती हैं।
विवाद भी जुड़े रहे हैं। कई पश्चिमी देशों और कुछ मध्य-पूर्वी शक्तियों ने हेज़्बुल्लाह को अलग-अलग श्रेणियों में देखा है। कुछ देशों ने इसकी सशस्त्र गतिविधियों को खतरनाक बताया, तो कुछ स्थानीय समर्थन और सामाजिक कामकाज की वजह से अलग नजरिए से देखते हैं। इसलिए समाचार पढ़ते समय स्रोत और समय-पत्रक की विश्वसनीयता पर ध्यान देना जरूरी है।
यह टैग पेज आपको हसन नसरल्लाह से जुड़ी हर नई खबर, बयान, और विश्लेषण एक जगह देगा। कभी-कभी आपके पास केवल बयान का टेक्स्ट होता है, कभी-कभी घटनाओं की लाइव कवरेज। यहां आप इन चीज़ों की उम्मीद कर सकते हैं: ताज़ा वक्तव्यों के अनुवाद, संघर्षों और शांति प्रयासों पर अपडेट, और उनकी राजनीति का स्थानीय असर।
खबरों को समझने के आसान तरीके? ध्यान दें—कौन सा बयान किस संदर्भ में आया, किस घटना के बाद आया, और स्थानीय राजनैतिक माहौल क्या है। सरकारी बयान, अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाएँ और क्षेत्रीय गठबंधन पढ़ने से आपको पूरा परिप्रेक्ष्य मिलेगा।
अगर आप हसन नसरल्लाह से जुड़ी खबरों पर नजर रखना चाहते हैं तो इस टैग को सब्सक्राइब कर लें। समय-समय पर न्यूज़ अपडेट, विश्लेषण और संदर्भ वाले लेख यहाँ जोड़ते रहेंगे। खबर पढ़ते समय स्रोत की तारीख और संदर्भ जरूर देखें—इसीसे आप सही तस्वीर समझ पाएंगे।
28 सितंबर 2024 को इज़राइल की सेना ने हिजबुल्ला के नेता हसन नसरल्लाह की बेरूत में एक हवाई हमले में हत्या करने की घोषणा की। यह हमला बेरूत के दक्षिणी हिस्से में स्थित दहीयेह में हिजबुल्ला के मुख्यालय पर किया गया था। इस हमले में कई अन्य हाई-प्रोफाइल हिजबुल्ला कमांडर भी मारे गए।
PM Kisan योजना की 20वीं किस्त अब तक जारी नहीं हुई है, जिससे लगभग 9.8 करोड़ किसान परेशान हैं। पीएम मोदी के बिहार दौरे में उम्मीद थी कि यह किस्त जारी होगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। किसानों को अभी और इंतजार करना होगा। जिन किसानों ने e-KYC पूरी कर ली है, वे पोर्टल पर अपनी स्थिति देख सकते हैं।
देवशयनी एकादशी, जिसे आषाढ़ी एकादशी भी कहते हैं, हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्यौहार है। यह आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की 11वीं तिथि को मनाया जाता है। वर्ष 2024 में यह त्यौहार 17 जुलाई को पड़ रहा है। इस दिन भगवान विष्णु चातुर्मास के लिए निद्रा में जाते हैं, और धर्मग्रंथों के अनुसार यह व्रत सभी कष्टों को मिटाने और मोक्ष की प्राप्ति के लिए महत्वपूर्ण माना गया है।
TCS ने Q2 FY2025 में 11,000 नई नियुक्तियां, Rs 11 लाभांश और $72.8 mln में ListEngage अधिग्रहण की घोषणा की, जिससे डिजिटल मार्केटिंग में मजबूती आएगी।
आंध्र प्रदेश विधानसभा चुनाव में तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) के नेतृत्व वाला गठबंधन निर्णायक जीत की ओर अग्रसर है, जो 175 में से 150 सीटों पर आगे चल रहा है। यह चुनावी सफलता टीडीपी के प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू को मुख्यमंत्री के रूप में वापसी कराने की उम्मीद है।
तमिल स्टार विजय सेतुपति की 50वीं फिल्म 'महाराजा' का निर्देशन निथिलान समीनाथन ने किया है। फिल्म में विजय सेतुपति, अनुराग कश्यप, ममता मोहन दास और अभिरामी महत्वपूर्ण भूमिकाओं में हैं। कहानी महाराजा के इर्दगिर्द घूमती है जो अपनी बेटी ज्योति के साथ एक सैलून चलाता है। एक गुड़िया के गायब होने के बाद, महाराजा और सेल्वम के बीच जुड़ी कहानी धीरे-धीरे सामने आती है।